जयपुर. चंदवाजी थाना इलाके में युवक की हत्या में बंदर के साक्ष्य लेकर भागने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मामले में पीपी रामलाल भामू ने साक्ष्यों के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं होने तक ट्रायल पर रोक लगाने की गुहार की थी. प्रकरण में शुक्रवार को बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अमर सिंह ने बहस जारी रखी. इससे पहले ग्रामीण पुलिस अधीक्षक की ओर से लोक अभियोजक को सौंपी रिपोर्ट में कहा गया था कि थाने के मालखाने में जगह नहीं थी. इस वजह से सारे साक्ष्यों को एक कट्टे में बांधकर टीन शेड के नीचे रखा गया था.
मालखाने की सफाई के दौरान कट्टे को बाहर रखा गया. इसी दौरान बंदर कट्टे को लेकर भाग गए. कट्टे में वारदात स्थल की मिट्टी, मौके से उठाए सीमेंट कंक्रीट के सैंपल, वारदात स्थल के आसपास से उठाए खून के सैंपल, आरोपी का बनियान और टीशर्ट, प्लास्टिक बोतल, खून लगी नीली जींस समेत कई अन्य सैंपल थे. वहीं इस संबंध में लोक अभियोजक रामलाल भामू का कहना था की मामले में स्थिति स्पष्ट होने तक ट्रायल रोकी जानी चाहिए.
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गौरतलब है कि चंदवाजी थाना इलाके में 17 सितंबर 2014 को शशिकांत शर्मा का खून से लथपथ (jaipur Session Court refused to stay hearing in Murder Case) शव मिला था. हत्या की खबर सुनकर ग्रामीणों ने हाईवे को जाम कर दिया था. वहीं पुलिस ने हत्या के आरोप में मोहनलाल कुंडेरा और राहुल कुंडेरा को गिरफ्तार भी किया गया था. इसी मामले में कोर्ट में ट्रायल चल रहा था. जब कोर्ट ने पुलिस से सबूत पेश करने को कहा को पुलिस ने कहा साक्ष्य बंदर लेकर भाग गए. जिस पर कोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर की थी.