जयपुर. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रेलवे के द्वारा 3 मई तक ट्रेनों का संचालन नहीं किया जा रहा है, लेकिन रेलवे कार्यालयों और कारखानों में उत्पादन इकाइयों में 20 अप्रैल यानी आज से कामकाज शुरू कर दिया गया है.
इसके लिए गृह मंत्रालय के निर्देशों की पालना करते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे के जीएम आनंद प्रकाश के निर्देश पर डिप्टी जीएम लेफ्टिनेंट शशिकिरण ने रेलवे की वर्किंग गाइडलाइन तैयार की है. जिसे सभी मंडलों और कारखानों को जारी भी कर दिया गया है.
आज से मुख्यालयों और मंडल हो कारखानों और उत्पादन इकाइयों में जेएजी ग्रेड और इससे उच्च ग्रेड के सभी अधिकारियों को रोजाना कार्यालय आना होगा. वहीं 33 फीसदी कर्मचारियों को भी ऑफिस आना होगा. 20 अप्रैल से 3 मई तक कार्य करने के लिए डिटेल स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया गया है. इसके अलावा सभी विभागाध्यक्षों और पर्यवेक्षकों से एक तिहाई कर्मचारियों की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
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इस सूची से हॉटस्पॉट में रहने वाले बीमार और जिनके बच्चे छोटे हैं, उन्हें बाहर रखा जाएगा, यानी उनसे वर्क फ्रॉम होम ही करवाया जाएगा. इसके अलावा कार्यालयों में अग्रिम आदेशों तक बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर भी रोक रहेगी. इसके साथ ही कार्यालय में लगे हुए सभी एसी बन्द रहेंगे.
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वहीं बिना मास्क के कर्मचारियों को ऑफिस में प्रवेश भी नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा प्रत्येक फ्लोर पर ऑपरेटेड मशीनें लगाई जाएंगी, जिससे पानी पीने के लिए और हाथ धोने के लिए साबुन और नल को छूना नहीं पड़ेगा.
घर से सुपरवाइजर को भेजनी होगी लोकेशन
जो कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करेंगे, उन्हें अपने मोबाइल की लोकेशन ऑन रखनी होगी. सुपरवाइजर को घर से रोजाना लोकेशन भी भेजनी होगी. इसके अलावा उन्हें रेलवे के ई-ऑफिस मॉडल पर ही काम करना होगा. इसके साथ ही उन्हें अपना मोबाइल 24 घंटे ऑन रखना होगा. जो कर्मचारी इन नियमों की पालना नहीं करेगा, उनके खिलाफ रेलवे के तहत नियमों के तहत कार्रवाई भी की जाएगी.