जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के (question hour in rajasthan vidhansabha) दौरान गृह, शिक्षा, नगरीयविकास, वन, राजस्व, युवा एवं खेल, श्रम विभाग से जुड़े मामले उठे. इस दौरान बाड़मेर जिले के ग्राम पंचायत चौहटन की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे से जुड़े सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि हाई कोर्ट के स्टे के बावजूद विवादित भूमि में रास्ता दे दिया, यह गलत है. दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई होगी. इस मामले में कलेक्टर को भी कहा गया है.
उन्होंने कहा कि चौहटन का रिकॉर्ड हमने ऑनलाइन कर दिया. लेकिन चौहटन की जमीन में रिकॉर्ड में बहुत हेराफेरी हो रखी है. इस संबंध में हमने कमेटी गठित कर दी है. कमेटी जल्द रिपोर्ट दे देगी. मंत्री ने कहा कि बहुत कीमती जमीन है, लेकिन रिकॉर्ड में हेराफेरी हो रखी है. इसमें हम कार्रवाई कर रहे हैं. स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि इस तरह की समस्याएं पूरे राजस्थान में हैं. वन विभाग कहता है उसके खाते में है, राजस्व विभाग कहता है उसके खाते में है. नाथद्वारा में भी यही हो रहा है, न म्युनिसिपलटी कोई काम कर रही है न राजस्व विभाग कोई काम कर रहा है. क्या सरकार उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर इस समस्या का हल करेगी?
राज्य सरकार उच्च स्तर पर बैठकर कोई निर्णय करे. इस पर मंत्री रामलाल जाट ने कमेटी बनाकर इस मामले को दिखवाने और रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेने की बात कही. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान गोलुवाला को नगरपालिका बनाने की योजना से जुड़ा सवाल विधायक धर्मेंद्र मोची ने लगाया. इसके जवाब में यूडीएच मंत्री धारीवाल ने माना कि गोलूवाला वह सभी पात्रता पूरी करता है जो नगरपालिका के लिए जरूरी है. लेकिन जिला कलेक्टर की ओर से अभी तक अभिशंषा नहीं है. आप कलेक्टर से कहो कि वह अभिशंषा भेजें. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा की विधायक कलेक्टर को क्यों कहेगा? जब उसने विधानसभा में सवाल उठा दिया तो यह प्रस्ताव तो सरकार को कलेक्टर से मंगवाना चाहिए. आप कलेक्टर को कह सकते हैं. इसपर मंत्री बोले ठीक है ,जैसे आपके निर्देश हैं रिपोर्ट हम मंगवा लेंगे. इस पर सदन में सदस्यों ने जमकर मेज थपथपाई.
सरकार ने कमेटी बनाई है, अब आप जूते पहने और 6 महीने तक कर ले इंतजारः राजस्थान विधानसभा (rajasthan legislative assembly) में एक बार फिर मदन प्रजापत ने बालोतरा को जिला बनाने को लेकर सवाल लगाते हुए कहा कि मैने नंगे पैर रहने का प्रण लिया है. अब भी आप निराश करेंगे या जिला बनाएंगे? तो मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि सीएम गहलोत ने इनकी मांग पर कमेटी घोषित कर दी है. 6 महीनों में उसकी रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद जिलों को लेकर अंतिम निर्णय हो जाएगा. तब तक आप जूते पहनें. इस पर स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने मदन प्रजापत से कहा कि सरकार ने कमेटी बना दी है और सदन यह चाहता है कि अब आप जूते पहन लें और 6 माह तक कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करें.
नेता प्रतिपक्ष हुए नाराज कहा मेरा सवाल कैसे हो सकता है स्कोप से बाहर?: राजस्थान पुलिस के आधुनिकीकरण से जुड़े सवाल में मंत्री शांति धारीवाल ने 3 वर्ष में खर्च राशि का ब्यौरा देते हुए कहा, कि थानों में सुविधाओं की स्थिति और वित्तीय उपयोगिता के आधार पर निर्णय किया जाता है. ऐसी कोई मांग नहीं है जो पूरी नहीं की गई हो. जहां पर भी संभव है वहां वाहनों में जीपीएस लगाया जा रहा है.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पूछा,बजट एलॉटमेंट कितना था और उसके मुकाबले कितना खर्च किया. इस पर मंत्री धारीवाल ने कहा, यह फिगर अभी उपलब्ध नहीं है. यह सवाल पूरे राजस्थान से जुड़ा है. इस पर सीकर सीपी जोशी ने भी कहा यह सवाल स्कोप के बाहर है तो नाराज नेता प्रतिपक्ष ने कह दिया कि यह इस स्कोप से बाहर कैसे हो सकता है? जब खर्च किया है तो इसका मतलब बजट भी रखा होगा. उस बजट की राशि बताना क्या स्कोप से बाहर होगा.
विश्वेंद्र सिंह बोले बजट की उपलब्धता की बात लिखी थी सब हंसते इसलिए नहीं बोलाः राजस्थान विधानसभा में पर्यटन विभाग से जुड़े सवाल भी लगे. इनमें से वल्लभनगर में पर्यटन से जुड़े स्थलों का विकास करवाने को लेकर सवाल का जवाब पूरा नहीं लिया तो स्पीकर ने उनसे पूछ लिया कि जवाब पूरा क्यों नहीं पढ़ा. इस पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि बजट की उपलब्धता के आधार पर गुण अवगुण देखते हुए विकास काम कराने की बात जवाब में है. मैं जानता था कि जवाब से सब हसेंगे इसलिए मैंने पूरा नहीं पढ़ा. वहीं विधायक मनजीत धर्मपाल चौधरी को भी विश्वेंद्र सिंह ने बजट की उपलब्धता का ही जवाब दिया. वहीं प्रदेश में उर्दू माध्यम के बंद किए गए विद्यालयों से जुड़े सवाल पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में उर्दू माध्यम के किसी भी विद्यालय को बंद नहीं किया गया है. जहां प्राथमिक शाला में 20 विद्यार्थी उर्दू माध्यम में पढ़ना चाहेंगे ,वहां सुविधा शुरू कर दी जाएगी.