जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल में विधायक भरत सिंह और बाबूलाल झाडोल ने ध्यानाकर्षण के जरिए अपने क्षेत्र की ज्वलंत मुद्दे उठाए. भरत सिंह ने जहां मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र का मामला उठाया तो ही विधायक बाबूलाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र में वन भूमि पर आ रहे गांव में सड़क व अन्य सुविधाओं को लेकर मामला उठाया और मंत्री का ध्यान आकर्षित किया.
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भरत सिंह ने मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघों की मौत से जुड़ा मामला उठाया और कहा कि मुकुंदरा में बाघ मरें तो क्या यहां कोई सरिस्का की तरह साइंटिस्ट आया. जब सरिस्का में टाइगर का शिकार हुआ तो देहरादून से वहां साइंटिस्ट को बुलाया गया. लेकिन यहां पर क्यों नहीं बुलाया. भरत सिंह ने सवाल किया कि टाइगर रिजर्व में 1 कर्मचारियों की भर्ती हुई लेकिन उन्हें हटा दिया गया. ऐसे में सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने कोई कदम क्यों नहीं उठाया. विधायक ने कहा कि कोटा में नया बायोलॉजिकल पार्क कब तक बनेगा. नया बायोलॉजिकल पार्क नहीं होने के चलते कोटा के लोगों को वन्यजीवों को देखने के लिए कोटा से बाहर जाना पड़ता है.
जवाब में वन राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि साल 2013 में मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बना था जो 750 स्क्वायर मीटर में फैला है. मगर यहां बाघों की मौत होने के बाद नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने यहां टाइगर छोड़ने के लिए मना कर दिया है. विश्नोई ने बताया कि टाइगर रिजर्व में आ रहे 16 गांवों को विस्थापित किया जाना है. साथ ही इस साल के अंत तक कोटा में बायोलॉजिकल पार्क खोल दिया जाएगा.
बाबूलाल झाडोल ने उठाया सड़क से जुड़ा मामला
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए भाजपा विधायक बाबूलाल ने झाडोल विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि आज मेरे विधानसभा क्षेत्र के गांव मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं. जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2011 की आबादी के अनुसार झाड़ोल में 454 गांव हैं. इनमें से 161 गांव ऐसे हैं जहां पर डामर सड़क की जरूरत है. लेकिन यह क्षेत्र वन क्षेत्र में आने के कारण यहां सड़कों के निर्माण की अनुमति नहीं मिली है.