जयपुर. कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को सर्वदलीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विधायकों, सांसदों और मंत्रियों से सुझाव लिए. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने का संदेश देने वाली सरकार अपनी ही इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ना तो सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करवा पाई और ना ही मास्क की.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जमकर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई गई. मुख्यमंत्री गहलोत ने मंगलवार को जयपुर और अजमेर संभाग के जनप्रतिनिधियों के साथ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. इस दौरान विधायक, सांसद और मंत्री मौजूद रहें. सभी ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने और वर्तमान में अपने-अपने क्षेत्र के हालातों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, साथ ही अपने अपने सुझाव भी सीएम गहलोत को दिए.
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जयपुर संभाग के विधायकों को जिस वीसी रूम से जोड़ा गया. उसमें ना तो किसी ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की और ना ही जनप्रतिनिधियों ने मास्क लगाना उचित समझा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान साफ दिख रहा था कि किस तरीके से विधायक और सांसद एक दूसरे के पास बैठे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह कि सोशल डिस्टेंसिंग की बात करने वाली प्रदेश की गहलोत सरकार अपनी ही वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में इन नियमों की पालना कराने में नाकाम रही.