जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से 2023 के विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Election 2023) और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी चाहती है कि उसके अग्रिम संगठन चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए. अग्रिम संगठनों में से भी कांग्रेस सेवादल को कांग्रेस पार्टी अब इस तरह से आगे ला रही है कि वह RSS जिस तरह भाजपा के लिए चुनाव में जीत की भूमिका निभाती है, उसी तरह सेवा दल भी कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने में भूमिका निभाए. हालांकि RSS और सेवा दल की भूमिका में इतना फर्क जरूर रहने वाला है कि जहां RSS पर्दे के पीछे रहकर काम करता है तो कांग्रेस सेवादल सीधे तरीके से प्रमुख भूमिका निभाते हुए कांग्रेस को जीत दिलाने का प्रयास करेगी.
सेवादल का 'आजादी की गौरव यात्रा': एक समय था जब कांग्रेस सेवा दल को केवल अनुशासन बनाए रखने और बड़े नेताओं को गार्ड देने वाले संगठन के तौर पर देखा जाता था. लेकिन अब लगातार कांग्रेस सेवा दल प्रमुख भूमिका में आता जा रहा है. चाहे कांग्रेस की ओर से किए गए धरने प्रदर्शनों में प्रमुख भूमिका निभाना हो या फिर प्रमुख मुद्दों को लेकर आम जनता के बीच जन जागरण करना हो. कांग्रेस पार्टी अब सेवादल को हर काम में आगे कर रही है. इसका साफ उदाहरण कांग्रेस की 'आजादी की गौरव यात्रा' है जो सेवादल के नेतृत्व में ही निकल रही है.
इस गौरव यात्रा के जरिए कांग्रेस पार्टी की रीति नीति और इतिहास के साथ ही आजादी से पहले और आजादी के बाद कांग्रेस की राष्ट्र निर्माण और विकास में भूमिका बताने के लिए कांग्रेस सेवादल करीब 1100 दिन किलोमीटर की पैदल यात्रा निकाल रहा है. जिसमें से अकेले राजस्थान में 707 किलोमीटर की पैदल यात्रा होगी. इसमें राजस्थान के 300 गांव कस्बों और 7 जिलों के 32 विधानसभा कवर होंगे. आजादी की गौरव यात्रा ही नहीं बल्कि इससे पहले जब देश में किसान आंदोलन हुआ था उस समय भी कांग्रेस सेवा दल ने सक्रिय भूमिका निभाई थी. राजस्थान में भी सेवा दल की ओर से एक यात्रा निकालकर केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर जन जागरण अभियान हाथ में लिया गया था.
अब मिलेगी 25 से ज्यादा सीटों की जिम्मेदारी: राजस्थान में भले ही यह परंपरा चली आती रही हो कि प्रदेश में सरकार एक बार कांग्रेस की और एक बार भाजपा की बनती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर विधानसभा में भी विधायक एक बार कांग्रेस का या एक बार भाजपा का बने. बल्कि प्रदेश में अभी ऐसी 52 विधानसभा सीटें हैं जहां कांग्रेस लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव में हार झेल रही है. यह संख्या पिछले विधानसभा चुनाव में 60 से ज्यादा थी. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने 3 या 3 बार से ज्यादा हारने वाली 20 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी कांग्रेस सेवादल (Rajasthan Congress Seva Dal) को दी.
कांग्रेस सेवा दल ने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 20 में से 11 सीटों पर कांग्रेस को जीत दिलाई थी, लेकिन अब भी प्रदेश में 52 ऐसी सीटें बाकी है जिन पर कांग्रेस लगातार तीन या तीन बार से ज्यादा चुनाव हार रही है. ऐसे में कांग्रेस सेवादल को राजस्थान में इन 52 में से कम से कम 25 सीटों पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी दी जाएगी, जहां सेवादल 6 महीने पहले ही इन सीटों के चार्ज हाथ में ले लेगा और टिकट देने में भी सेवा दल की राय को प्राथमिकता दी जाएगी.