जयपुर: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने मंगलवार को बिना नाम लिए परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तोता बता दिया. इस बयान पर मंत्री खाचरियावास तो सामने नहीं आए लेकिन प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ऐसे बयानों को बौखलाहट में दिया बयान बताया. इसे आर एस एस की पाठशाला में सिखाई जा रही अनुशासनहीनता करार दिया.
खिसियानी बिल्ली को याद कर खेमेबाजी की ओर किया इशारा
डोटासरा ने खिसियानी बिल्ली वाली कहावत कही और इशारों इशारों में भाजपा में व्याप्त खेमेबाजी पर प्रहार कर दिया. उन्होंने कहा कि जैसे "खिसियानी बिल्ली खंबा नोचती" है उसी तरीके से अरुण चतुर्वेदी ने यह बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तो हमेशा सत्ता पक्ष ही नहीं बल्कि विपक्ष के साथियों को भी साथ लेकर चलते हैं, लेकिन इस तरह की हल्की बातें आरएसएस पाठशाला की पढ़ाई का ही परिणाम है.अरुण चतुर्वेदी तो खुद यह तय नहीं कर पा रहे कि वह किस नेता के साथ हैं.
'निंबाराम जी छिपने से काम नहीं चलेगा'
डोटासरा ने आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम का भी जिक्र किया. बोले- निम्बाराम अभी भी छिपे हुए बैठे हैं, जबकि उनको इन्वेस्टिगेशन फेस करते हुए पुलिस को आकर यह बताना चाहिए कि उनका कोई दोष नहीं है. वह कभी दिल्ली, कभी लखनऊ छिप रहे हैं, लेकिन छिपने से काम नहीं चलेगा. डोटासरा ने कहा कि अगर केस पुलिस में है तो उन्हें आना पड़ेगा और अपनी बात पुलिस की इन्वेस्टिगेशन में रखनी होगी.
डोटासरा ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि ऐसे लोग जो पर्दे के पीछे राजनीति करते हैं और जिनका कभी जनता से सीधा सरोकार नहीं होता,वो केंद्र और राज्य जहां भी भाजपा की सरकार होती है वहां वो शासन भी चलाते हैं. भ्रष्टाचार करते हैं और जब भ्रष्टाचार करने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज होते हैं तो यह देश के किसी कोने में छिप कर बैठ जाते हैं. डोटासरा ने कहा कि पर्दे के पीछे राजनीति करना, चुनाव से सीधा वास्ता नहीं रखना और जब मौका मिले तो भ्रष्टाचार के आकंठ डूब जाना RSS की फितरत में है.