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निकाय प्रमुखों के डायरेक्ट इलेक्शन पर असमंजस में कांग्रेस, धारीवाल बोले- फिलहाल ये तो कैबिनेट का फैसला है - निकाय प्रमुखों के डायरेक्ट इलेक्शन

निकाय प्रमुखों के चुनाव सीधे हो या अप्रत्यक्ष हो, इसको लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस बीच मंत्री शांति धारीवाल ने डायरेक्ट इलेक्शन के फैसले को कैबिनेट का फैसला बताते हुए, फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है.

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Published : Sep 25, 2019, 5:31 PM IST

जयपुर. प्रदेश में निकाय प्रमुख के सीधे चुनाव कराने का कांग्रेस सरकार अपना फैसला बदल सकती है. इस संबंध में मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने भी संकेत दिए, साथ ही यूडीएच मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से फीडबैक लिए जाने की बात कही.

डारेक्ट इलेक्शन पर मंत्री धारीवार का बयान

हालांकि, मंत्री शांति धारीवाल ने फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने डायरेक्ट इलेक्शन को कैबिनेट का फैसला बताते हुए कहा कि अभी तक तो यही है, आगे देखते हैं क्या होता है. धारीवाल के इस बयान से कांग्रेस की हालत भी स्पष्ट हो रही है.

पढ़ें : वामपंथी संगठन CPI (ML) की केंद्रीय कमेटी का मंथन शुरू, तय होगी भविष्य की रणनीति

फिलहाल कांग्रेस का ये फैसला उन्हीं के लिए गले की फांस साबित हो रहा है जो ना उगलता बन रहा है और ना निगलता. सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव में डायरेक्ट इलेक्शन से नुकसान होता देख खुद यूडीएच मंत्री ही मुख्य सचेतक महेश जोशी को साथ लेकर सीएम के पास पहुंचे थे. वहीं, अब धारीवाल के बयान से ये साफ हो गया है कि इस फैसले पर दोबारा गहनता से रिव्यू किया जा रहा है.

आपको बता दें कि नवंबर में 6 निगम सहित 52 निकायों के चुनाव होने हैं और निकाय प्रमुख का चुनाव डायरेक्ट होने के नियम को मंत्री स्तर पर भी बदला जा सकता है. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर चुनाव के नियम को बदलकर, प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था. लेकिन जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जनता का रुख भांपते हुए 9 महीने में ही इस फैसले को वापस लेने की तैयारी चल रही है.

जयपुर. प्रदेश में निकाय प्रमुख के सीधे चुनाव कराने का कांग्रेस सरकार अपना फैसला बदल सकती है. इस संबंध में मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने भी संकेत दिए, साथ ही यूडीएच मंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से फीडबैक लिए जाने की बात कही.

डारेक्ट इलेक्शन पर मंत्री धारीवार का बयान

हालांकि, मंत्री शांति धारीवाल ने फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है. बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने डायरेक्ट इलेक्शन को कैबिनेट का फैसला बताते हुए कहा कि अभी तक तो यही है, आगे देखते हैं क्या होता है. धारीवाल के इस बयान से कांग्रेस की हालत भी स्पष्ट हो रही है.

पढ़ें : वामपंथी संगठन CPI (ML) की केंद्रीय कमेटी का मंथन शुरू, तय होगी भविष्य की रणनीति

फिलहाल कांग्रेस का ये फैसला उन्हीं के लिए गले की फांस साबित हो रहा है जो ना उगलता बन रहा है और ना निगलता. सूत्रों की मानें तो निकाय चुनाव में डायरेक्ट इलेक्शन से नुकसान होता देख खुद यूडीएच मंत्री ही मुख्य सचेतक महेश जोशी को साथ लेकर सीएम के पास पहुंचे थे. वहीं, अब धारीवाल के बयान से ये साफ हो गया है कि इस फैसले पर दोबारा गहनता से रिव्यू किया जा रहा है.

आपको बता दें कि नवंबर में 6 निगम सहित 52 निकायों के चुनाव होने हैं और निकाय प्रमुख का चुनाव डायरेक्ट होने के नियम को मंत्री स्तर पर भी बदला जा सकता है. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर चुनाव के नियम को बदलकर, प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था. लेकिन जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जनता का रुख भांपते हुए 9 महीने में ही इस फैसले को वापस लेने की तैयारी चल रही है.

Intro:जयपुर - निकाय प्रमुखों के चुनाव सीधे हो या अप्रत्यक्ष हो इसको लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच मंत्री शांति धारीवाल ने डायरेक्ट इलेक्शन के फैसले को कैबिनेट का फैसला बताते हुए, फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया। ऐसे में फिलहाल कांग्रेस सरकार का अपना ही फैसला उनके लिए गले की फांस बन गया है।


Body:प्रदेश में निकाय प्रमुख के सीधे चुनाव कराने का कांग्रेस सरकार अपना फैसला बदल सकती है। इस संबंध में मंगलवार को सीएम अशोक गहलोत ने भी संकेत दिए। साथ ही यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से फीडबैक लिए जाने की बात कही। हालांकि मंत्री शांति धारीवाल ने फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से मना किया है। उन्होंने डायरेक्ट इलेक्शन को कैबिनेट का फैसला बताते हुए कहा कि अभी तक तो यही है, आगे देखते हैं क्या होता है।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री

धारीवाल के इस बयान से कांग्रेस की हालत भी स्पष्ट हो रही है। फिलहाल कांग्रेस का ये फैसला उन्हीं के लिए गले की फांस साबित हो रहा है। जो ना उगलता बन रहा है और ना निगलता। हालांकि सूत्रों की माने निकाय चुनाव में डायरेक्ट इलेक्शन से नुकसान होता देख खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ही मुख्य सचेतक महेश जोशी को साथ लेकर सीएम के पास पहुंचे थे। और अब धारीवाल के बयान से ये साफ हो गया है कि इस फैसले पर दोबारा गहनता से रिव्यू किया जा रहा है।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:आपको बता दें कि नवंबर में 6 निगम सहित 52 निकायों के चुनाव होने हैं। और निकाय प्रमुख का चुनाव डायरेक्ट होने के नियम को मंत्री स्तर पर भी बदला जा सकता है। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही पूर्वर्ती बीजेपी सरकार के अप्रत्यक्ष प्रणाली से मेयर चुनाव के नियम को बदलकर, प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया था। लेकिन जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद जनता का रुख भांपते हुए, 9 महीने में ही इस फैसले को वापस लेने की तैयारी चल रही है।
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