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प्रदेश में जरूरतमंदों के घर तक खाना पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है सरकार: मंत्री रमेश मीणा

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Published : Mar 30, 2020, 9:01 PM IST

Updated : Mar 30, 2020, 9:09 PM IST

प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान कालाबाजारी नहीं हो इसके लिए आवश्यक सामानों की कीमत तय कर दी गई है. वहीं, जो बीपीएल और अन्य श्रेणी में नहीं आते हैं लेकिन जरूरतमंद है उनके लिए भी प्रशासन की ओर से 10 दिनों का एक राशन किट तैयार किया जा रहा है. साथ ही हर क्षेत्र में लॉकडाउन के दौरान होम डिलीवरी को लेकर कंपनियों से बात की जा रही है. यह जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने दी.

लॉकडाउन के दौरान कालाबाजारी, covid 19
मंत्री रमेश मीणा से ईटीवी भारत की बातचीत

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के बाद प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या कालाबाजारी की सामने आ रही है. हालांकि, सरकार ने किराना दुकान और मेडिकल दुकान को लॉकडाउन से पूरी तरीके से मुक्त रखा था, ताकि लोगों को आसानी से रोजमर्रा का सामान उपलब्ध हो सके. लेकिन कुछ कालाबाजारी करने वालों के कारण हर सामान महंगा हो गया है.

मंत्री रमेश मीणा से ईटीवी भारत की बातचीत

बता दें कि सभी की शिकायत है कि भले ही दुकानें खुली है लेकिन उन्हें सामान महंगी कीमतों पर मिल रहा है. प्रदेश के खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने साफ कहा है कि जनता लॉकडाउन का पालन करें, सरकार उन्हें मेडिकल और राशन की कमी नहीं आने देगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जहां कर्फ्यू लगा हुआ है, वहां पर होम डिलीवरी शुरू हो चुकी है. साथ ही बाकी जगहों पर भी सरकार की बात कंपनियों के साथ चल रही है कि होम डिलीवरी शुरू की जा सके.

होम डिलीवरी करवाने का हो रहा विचार

मंत्री मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम डिलीवरी के लिए नरेगा मजदूरों, पटवारियों और पंचायत सहायकों की सहायता से होम डिलीवरी करवाने का विचार चल रहा है, तो वहीं नगरीय क्षेत्रों में बड़ी कंपनियों से सरकार की बात चल रही है कि वह खुद या सरकार के लोगों के जरिए होम डिलीवरी कर दें. मीणा ने कहा कि जिला कलेक्टरों को यह आदेश दे दिए गए हैं कि अगर कोई मुनाफाखोरी कर रहा है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.

'जरूरतमंदों के लिए तैयार किया जा रहा राशन किट'

रमेश मीणा ने बताया कि मुनाफाखोरी नहीं हो, इसके लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत तय कर दी गई है. उन्होंने बताया कि गरीब लोगों को तो राशन की दुकानों के माध्यम से आवश्यक सामान मिल रहा है. वहीं, जो बीपीएल और अन्य श्रेणी में नहीं आते हैं, लेकिन जरूरतमंद है उनके लिए भी प्रशासन की ओर से एक राशन किट तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस राशन किट में 10 दिनों का राशन होगा. जिसमें 5 किलो आटा, आधा किलो नमक, आधा किलो तेल, 1 किलो चावल, 1 किलो दाल के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर भी होगा.

'प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोएगा'

खाद्य सामग्री की रेट फिक्स कर दी गई हैः मीणा

मंत्री मीणा ने बताया कि इसके साथ ही हर जिले के लिए खाने-पीने की सामग्री की रेट फिक्स कर दी गई है. अगर कोई इससे ज्यादा पैसा लेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. रमेश मीणा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को लिखा गया है कि जिन आवश्यक वस्तुओं की कीमत केंद्र के अधीन आती है, उनमें से कुछ का कंट्रोल अगर राज्य सरकार को दिया जाए तो और भी ज्यादा सख्त कार्रवाई की जाए.

पढ़ें- मुख्यमंत्रियों के नाम गहलोत का खत, 'राजस्थान के लोगों की मूलभूत सुविधाओं का रखें ध्यान, उनका खर्च वहन करेगी सरकार'

मीणा ने कहा कि खाद्य विभाग की ओर से उचित मूल्य की दुकानों को लगातार खोलने के लिए कह दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि दुकानों के बाहर भीड़ नहीं लगे, इसका ध्यान रखा जाए. तो वहीं सब्जी और फल वालों के भी नाम नॉमिनेट किए गए हैं, जो हर क्षेत्र में जाकर यह सामान बेचेंगे. इसके लिए उनका पास प्रशासन की ओर से बनाया जा रहा है.

जयपुर. कोरोना वायरस को लेकर देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के बाद प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या कालाबाजारी की सामने आ रही है. हालांकि, सरकार ने किराना दुकान और मेडिकल दुकान को लॉकडाउन से पूरी तरीके से मुक्त रखा था, ताकि लोगों को आसानी से रोजमर्रा का सामान उपलब्ध हो सके. लेकिन कुछ कालाबाजारी करने वालों के कारण हर सामान महंगा हो गया है.

मंत्री रमेश मीणा से ईटीवी भारत की बातचीत

बता दें कि सभी की शिकायत है कि भले ही दुकानें खुली है लेकिन उन्हें सामान महंगी कीमतों पर मिल रहा है. प्रदेश के खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने साफ कहा है कि जनता लॉकडाउन का पालन करें, सरकार उन्हें मेडिकल और राशन की कमी नहीं आने देगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश में जहां कर्फ्यू लगा हुआ है, वहां पर होम डिलीवरी शुरू हो चुकी है. साथ ही बाकी जगहों पर भी सरकार की बात कंपनियों के साथ चल रही है कि होम डिलीवरी शुरू की जा सके.

होम डिलीवरी करवाने का हो रहा विचार

मंत्री मीणा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम डिलीवरी के लिए नरेगा मजदूरों, पटवारियों और पंचायत सहायकों की सहायता से होम डिलीवरी करवाने का विचार चल रहा है, तो वहीं नगरीय क्षेत्रों में बड़ी कंपनियों से सरकार की बात चल रही है कि वह खुद या सरकार के लोगों के जरिए होम डिलीवरी कर दें. मीणा ने कहा कि जिला कलेक्टरों को यह आदेश दे दिए गए हैं कि अगर कोई मुनाफाखोरी कर रहा है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाए.

'जरूरतमंदों के लिए तैयार किया जा रहा राशन किट'

रमेश मीणा ने बताया कि मुनाफाखोरी नहीं हो, इसके लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमत तय कर दी गई है. उन्होंने बताया कि गरीब लोगों को तो राशन की दुकानों के माध्यम से आवश्यक सामान मिल रहा है. वहीं, जो बीपीएल और अन्य श्रेणी में नहीं आते हैं, लेकिन जरूरतमंद है उनके लिए भी प्रशासन की ओर से एक राशन किट तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस राशन किट में 10 दिनों का राशन होगा. जिसमें 5 किलो आटा, आधा किलो नमक, आधा किलो तेल, 1 किलो चावल, 1 किलो दाल के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर भी होगा.

'प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोएगा'

खाद्य सामग्री की रेट फिक्स कर दी गई हैः मीणा

मंत्री मीणा ने बताया कि इसके साथ ही हर जिले के लिए खाने-पीने की सामग्री की रेट फिक्स कर दी गई है. अगर कोई इससे ज्यादा पैसा लेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. रमेश मीणा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को लिखा गया है कि जिन आवश्यक वस्तुओं की कीमत केंद्र के अधीन आती है, उनमें से कुछ का कंट्रोल अगर राज्य सरकार को दिया जाए तो और भी ज्यादा सख्त कार्रवाई की जाए.

पढ़ें- मुख्यमंत्रियों के नाम गहलोत का खत, 'राजस्थान के लोगों की मूलभूत सुविधाओं का रखें ध्यान, उनका खर्च वहन करेगी सरकार'

मीणा ने कहा कि खाद्य विभाग की ओर से उचित मूल्य की दुकानों को लगातार खोलने के लिए कह दिया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि दुकानों के बाहर भीड़ नहीं लगे, इसका ध्यान रखा जाए. तो वहीं सब्जी और फल वालों के भी नाम नॉमिनेट किए गए हैं, जो हर क्षेत्र में जाकर यह सामान बेचेंगे. इसके लिए उनका पास प्रशासन की ओर से बनाया जा रहा है.

Last Updated : Mar 30, 2020, 9:09 PM IST
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