जयपुर. कोरोना संक्रमित मरीजों में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच इसके उपचार में काम आने वाली दवाओं की कमी चिंता बढ़ा रही है. ऐसे में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने इससे संबंधित दवाओं की उपलब्धता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखा है.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा है कि सरकार ब्लैक फंगस इंफेक्शन के लिए निर्धारित औषधि की उपलब्धता के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. इसके उपचार में काम आने वाली दवा लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी की 50000 वॉयल की राज्य को तुरंत आवश्यकता है. इस सबंध में उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर दवा को उपलब्ध कराने की मांग की है.
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चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के रोगी तेजी से बढ़ रहे है. केंद्र सरकार की ओर से इसकी दवा की आपूर्ति भी अपने हाथ में लेने से दवा की उपलब्धता में परेशानी आ रही है. केंद्र की ओर से राजस्थान को 31 मई तक इस दवा के केवल 700 वॉयल का कोटा ही निर्धारित किया गया है, जबकि मरीज को करीब 60 वॉयल की आवश्यकता होती है. ऐसे में निर्धारित कोटे से केवल 10-12 मरीजों का ही इलाज हो सकेगा.
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर भी इस दवा को बनाने वाली कंपनियों के संपर्क में है, जिससे इस दवा की प्रदेश में उपलब्धता सुनिश्चित हो सके. उन्होंने कहा कि इस दवा का देश में अब तक सीमित उपयोग होता रहा है. इसलिए इसका उत्पादन भी काफी कम है और इसकी उपलब्धता में परेशानी आ रही है.
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चिकित्सा मंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस इंफेक्शन के सर्वाधिक मरीज जयपुर स्थित निजी चिकित्सालय में भर्ती हैं. जहां के विशेषज्ञों द्वारा लाइपोजोमल एम्फोटेरिसिन बी की अनुपलब्धता की स्थिति में अन्य दवाओं के उपयोग का सुझाव दिया गया है. इन वैकल्पिक दवाओं का उपयोग कितना प्रभावशाली है. इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एसएमएस मेडिकल कॉलेज को पत्र लिखकर जानकारी मांग गई है.
आरएमएससीएल के प्रबंध निदेश आलोक रंजन ने बताया कि इस दवा की खरीद के लिए के लिए भारत सीरम कंपनी को 2500 वॉयल खरीद का क्रयादेश जारी किया गया है. वहीं अन्य फर्मों से भी प्रस्ताव प्राप्त किए जा रहे है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका व दुबई से भी दवा के आयात के सबंध में जानकारी जुटाई जा रही है.