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घूंघट प्रथा ससुराल पक्ष की देन है, अपनी बेटी जैसे बहू को भी स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार दें : मंत्री भूपेश

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Published : Dec 7, 2019, 11:45 AM IST

घूंघट निकालने की प्रथा पर ममता भूपेश ने कहा कि सीएम गहलोत की सोच महिलाओं को आगे लाने की है. यह किसी समाज विशेष की बात नहीं है, जिस तरीके से ससुराल पक्ष बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की सोच रखता है. उसी तरीके से बहू के लिए भी ऐसी ही सोच रखे.

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मुख्यमंत्री की घूंघट प्रथा के खिलाफ पहल पर बोली मंत्री ममता भूपेश

जयपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने घूंघट प्रथा, जो राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रचलन में है. उसे हटाने के लिए सामाजिक अभियान चलाने की बात कही है. सीएम ने चाहे घूंघट हो या बुर्का दोनों ही प्रथाओं को महिला सशक्तिकरण के अनुरूप नहीं बताया है.

मुख्यमंत्री की घूंघट प्रथा के खिलाफ पहल पर बोली मंत्री ममता भूपेश

राजस्थान की एकमात्र महिला मंत्री ममता भूपेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए लाइफ जीने का एक आह्वान किया है. वह महिलाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहते हैं. जैसे राजीव गांधी ने लोकल बॉडी इलेक्शन में आरक्षण दिया, तो आज महिलाएं प्रधान, सरपंच और चेयरमैन बन रही हैं. उसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी महिलाओं को आगे लाने की सोच है.

यह भी पढ़ेंः 21वीं सदी के दौर में घूंघट और बुर्का प्रथा सही नहीं इसे हटाने के लिए चलना चाहिए अभियान : अशोक गहलोत

मंत्री भूपेश ने कहा कि हम सब लोगों को मिलकर इस प्रथा के प्रति कठोर होना चाहिए. चाहे गांव हो या शहर, मुस्लिम हो या हिंदू, यह किसी समाज विशेष की बात नहीं है. यह महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात है. उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद महिलाएं नौकरी कर रही हैं. लेकिन जब वह घर आती हैं तो उसे घूंघट करना पड़ता है.

मंत्री ने घूंघट प्रथा को ससुराल पक्ष की देन बताते हुए कहा कि ससुराल पक्ष को बहू को बेटी मानना चाहिए. जैसे वह अपनी बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की मांग करते हैं. उसी तरह से बहू को भी बेटी के समान मानना चाहिए.

जयपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने घूंघट प्रथा, जो राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रचलन में है. उसे हटाने के लिए सामाजिक अभियान चलाने की बात कही है. सीएम ने चाहे घूंघट हो या बुर्का दोनों ही प्रथाओं को महिला सशक्तिकरण के अनुरूप नहीं बताया है.

मुख्यमंत्री की घूंघट प्रथा के खिलाफ पहल पर बोली मंत्री ममता भूपेश

राजस्थान की एकमात्र महिला मंत्री ममता भूपेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए लाइफ जीने का एक आह्वान किया है. वह महिलाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहते हैं. जैसे राजीव गांधी ने लोकल बॉडी इलेक्शन में आरक्षण दिया, तो आज महिलाएं प्रधान, सरपंच और चेयरमैन बन रही हैं. उसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी महिलाओं को आगे लाने की सोच है.

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मंत्री भूपेश ने कहा कि हम सब लोगों को मिलकर इस प्रथा के प्रति कठोर होना चाहिए. चाहे गांव हो या शहर, मुस्लिम हो या हिंदू, यह किसी समाज विशेष की बात नहीं है. यह महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात है. उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद महिलाएं नौकरी कर रही हैं. लेकिन जब वह घर आती हैं तो उसे घूंघट करना पड़ता है.

मंत्री ने घूंघट प्रथा को ससुराल पक्ष की देन बताते हुए कहा कि ससुराल पक्ष को बहू को बेटी मानना चाहिए. जैसे वह अपनी बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की मांग करते हैं. उसी तरह से बहू को भी बेटी के समान मानना चाहिए.

Intro:घूंघट पर बोली ममता भूपेश मुख्यमंत्री की सोच महिलाओं को आगे लाने की यह किसी समाज विशेष की बात नहीं घूंघट है ससुराल पक्ष की देन जिस तरीके से ससुराल पक्ष बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की सोच रखता है उसी तरीके से बहू के लिए भी ऐसी ही रखे सोच


Body:राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घुंघट प्रथा जो राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रचलन में है उसे हटाने के लिए सामाजिक अभियान चलाने की बात कही है मुख्यमंत्री ने चाहे घूंघट हो या बुर्का दोनों ही प्रथाओं को महिला सशक्तिकरण के अनुरूप नहीं बताया है राजस्थान की एकमात्र महिला मंत्री ममता भूपेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए लाइफ जीने का एक आवाहन किया है वह महिलाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहते है जैसे राजीव गांधी ने लोकल बॉडी इलेक्शन में आरक्षण दिया तो आज महिलाएं प्रधान सरपंच चेयरमैन बन रही है उसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी महिलाओं को आगे लाने की सोच है मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि हम सब लोगों को मिलकर इस प्रथा के प्रति कठोर होना चाहिए चाहे गांव हो या शहर मुस्लिम हो या हिंदू यह किसी समाज विशेष की बात नहीं है यह महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात है उन्होंने कहा कि 33% आरक्षण के बाद महिलाएं नौकरी कर रही है लेकिन जब वह घर आती है तो उसे घुंघट करना पड़ता है मंत्री ममता भूपेश ने घूंघट प्रथा को ससुराल पक्ष की देन बताते हुए कहा कि ससुराल पक्ष को बहू को बेटी मानना चाहिए जैसे वह अपनी बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की मांग करते हैं उसी तरह से बहू को भी बेटी के समान मानना चाहिए
121 ममता भूपेश महिला एवं बाल विकास मंत्री राजस्थान सरकार


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