जयपुर. प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने घूंघट प्रथा, जो राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रचलन में है. उसे हटाने के लिए सामाजिक अभियान चलाने की बात कही है. सीएम ने चाहे घूंघट हो या बुर्का दोनों ही प्रथाओं को महिला सशक्तिकरण के अनुरूप नहीं बताया है.
राजस्थान की एकमात्र महिला मंत्री ममता भूपेश ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए लाइफ जीने का एक आह्वान किया है. वह महिलाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना चाहते हैं. जैसे राजीव गांधी ने लोकल बॉडी इलेक्शन में आरक्षण दिया, तो आज महिलाएं प्रधान, सरपंच और चेयरमैन बन रही हैं. उसी तरीके से मुख्यमंत्री की भी महिलाओं को आगे लाने की सोच है.
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मंत्री भूपेश ने कहा कि हम सब लोगों को मिलकर इस प्रथा के प्रति कठोर होना चाहिए. चाहे गांव हो या शहर, मुस्लिम हो या हिंदू, यह किसी समाज विशेष की बात नहीं है. यह महिलाओं को आगे बढ़ाने की बात है. उन्होंने कहा कि 33 प्रतिशत आरक्षण के बाद महिलाएं नौकरी कर रही हैं. लेकिन जब वह घर आती हैं तो उसे घूंघट करना पड़ता है.
मंत्री ने घूंघट प्रथा को ससुराल पक्ष की देन बताते हुए कहा कि ससुराल पक्ष को बहू को बेटी मानना चाहिए. जैसे वह अपनी बेटी के लिए स्वतंत्र जीवन की मांग करते हैं. उसी तरह से बहू को भी बेटी के समान मानना चाहिए.