जयपुर. प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सोमवार को नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों और सफाई कर्मचारियों (Safai Workers) के साथ Video Conferencing की. इस दौरान उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों और नगरीय निकाय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ये सुनिश्चित करें कि किसी भी सफाई कर्मी को सीवरेज की सफाई के लिए चेंबर में न उतरना पड़े. ये काम पूरी तरह से मशीनों से ही करवाया जाए.
उन्होंने कहा कि सीवरेज की सफाई के लिए चेंबर में उतरने से मौत की कोई घटना नहीं होनी चाहिए. हालांकि इस संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मौजूद रहे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) ने कहा कि एक दिन में तो सब कुछ बंद नहीं हो सकता. अभी कांट्रेक्टर ही काम कर रहे हैं. सफाई मजदूर ही सीवरेज और नालों की सफाई का काम कर रहे हैं. लेकिन जैसे-जैसे मशीनें आती जाएंगी, वैसे-वैसे ये कार्य मशीनों के जरिए किया जाएगा. संसाधन उपलब्ध कराने के लिए 156 करोड़ रुपए दिया गया है. उन्होंने कहा कि छोटी नगर पालिकाओं में संसाधन मौजूद नहीं है. ऐसे में कलेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है कि वे बड़ी नगर पालिका के पास जो संसाधन हैं, उसे वक्त पर पहुंचा दें. साथ ही मशीनें खरीदने के लिए फंड भी दिया गया है.
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बता दें कि प्रदेश में नाला और सीवरेज सफाई में लगे कर्मचारियों को गैस मास्क, हेलमेट, गम बूट, ग्लव्स, सेफ्टी बेल्ट उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य है. यही नहीं मौके पर ऑक्सीजन सिलेंडर की मौजूदगी भी सुनिश्चित करना होता है. लेकिन निकायों में बिना संसाधनों के ही सफाई कर्मियों से कार्य कराया जा रहा है, जिस पर अब रोक लगाने के निर्देश दिए गए है.