भीलवाड़ा. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा शाहपुरा को भीलवाड़ा जिले से हटाकर नया जिला बनाने के बाद, शनिवार को भजनलाल सरकार ने शाहपुरा जिले को पुनः भीलवाड़ा जिले में मिला दिया. सरकार के इस फैसले के विरोध में शाहपुरा कस्बा आज बंद रखा गया है, और कस्बे में जगह-जगह पुलिस का कड़ा पहरा तैनात किया गया है. शाहपुरा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार आर्य ने बताया कि शाहपुरा बंद को लेकर कस्बे में सुरक्षा कड़ी की गई है और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की गई है.
शाहपुरा को केवल 17 महीनों में जिले का दर्जा खोना पड़ा. पिछले वर्ष, 7 अगस्त को तत्कालीन गहलोत सरकार ने शाहपुरा को जिला बनाने का निर्णय लिया था, जिसे अब भजनलाल सरकार ने पलटते हुए शाहपुरा को फिर से भीलवाड़ा जिले में शामिल कर लिया है. शनिवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के नौ अन्य जिलों के साथ शाहपुरा जिले को भी समाप्त कर दिया गया.
सरकार के इस निर्णय से शाहपुरा क्षेत्र में भारी रोष है, जबकि इसके आस-पास के क्षेत्र जैसे कोटडी, सवाईपुर, बनेडा और काछोला में खुशी का माहौल है. शाहपुरा संघर्ष समिति के संयोजक जयंते जीनगर ने आह्वान किया था कि आज शाहपुरा कस्बा बंद रखा जाए, और इसके कारण कस्बे में सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात की गई है.
वहीं, शाहपुरा से भाजपा विधायक लालाराम बैरवा ने कहा कि उन्होंने शाहपुरा जिले को बरकरार रखने के लिए सरकार के सामने मजबूत दलीलें रखी थीं, लेकिन राज्य सरकार के सर्वे में यह पाया गया कि शाहपुरा जिले के कई क्षेत्र जैसे जहाजपुर, बनेड़ा, रायला और काछोला के लोग भी शाहपुरा जिले में नहीं रहना चाहते थे और वे भीलवाड़ा जिले में रहना चाहते थे. बैरवा ने कहा कि शाहपुरा जिले के मापदंड पूरे नहीं हो पा रहे थे, जिसके कारण यह कदम उठाया गया.