जयपुर. राजधानी के परकोटे में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए बफर जोन में अनेक प्रतिबंध लागू किए गए थे, जिनमें शिथिलता देते हुए अब घनी आबादी वाले बंद बाजारों को भी सशर्त खोलने की छूट दी गई. हालांकि जयपुर के पुरोहित जी के कटला में व्यापारियों ने प्रशासन द्वारा जारी की गई एडवाइजरी को फॉलो भी नहीं किया. यहां तक कि व्यापारी वर्ग अपनी दुकानों में लापरवाही बरतते दिखाई दिए.
सोमवार को ही जयपुर के पुरोहित जी का कटला, घी वालों का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, दड़ा मार्केट और धूला हाउस को शर्तों के साथ खोलने के आदेश जारी किए गए, जिसमें प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग होने, प्रत्येक दुकान पर दो से ज्यादा स्टाफ नहीं रखने, एक समय में एक ही ग्राहक को अंदर आने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, सैनिटाइजर की व्यवस्था रखने और चाय, गुटका/तंबाकू की दुकानें बंद रखने जैसी एडवाइजरी जारी की गई थी.
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हालांकि इस एडवाइजरी के इतर जयपुर के पुरोहित जी के कटले में चाय और गुटका तंबाकू की दुकानें भी खुली मिली. तो वहीं दुकानदारों ने सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के मद्देनजर भी कोई व्यवस्था नहीं की. यहां तक कि कई दुकानों में तो सैनिटाइजर भी नहीं था. चूंकि इन बाजारों में काफी भीड़ जुटती है, ऐसे में यहां सामान को डिस्प्ले करने और दुकान के बाहर किसी तरह का अतिरिक्त सामान रखने की सख्त मनाही थी. बावजूद इसके व्यापारियों ने लापरवाही बरतते हुए सामान भी बाहर रखा, यहां तक की तख्ते लगाकर दुकान को बाहर तक बढ़ा लिया.
ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में सामने आया कि पुरोहित जी के कटले में कई दुकानदारों ने मास्क तक इस्तेमाल नहीं कर रखा था. यही नहीं दुकानों पर दो से ज्यादा का स्टाफ भी नजर आया. यदि बाजार में व्यापारियों द्वारा इसी तरह की लापरवाही बरती जाती है, तो इसका खामियाजा दुकानदारों के साथ-साथ यहां आने वाले कस्टमर्स को भी भुगतना पड़ सकता है.