जयपुर. एसीएस और राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के चेयरमैन डॉक्टर सुबोध अग्रवाल ने मंगलवार को आरएसजीएल की बोर्ड मीटिंग ली. बोर्ड मीटिंग को संबोधित करते हुए डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य की शहरी गैस वितरण नीति को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा और पीएनजी और सीएनजी वितरण नेटवर्क विकसित होने से निर्बाध गैस आपूर्ति संभव होने के साथ ही वायु प्रदूषण भी कम होगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पाइप लाइन के जरिए घरेलू गैस का वितरण उद्योगों के लिए गैस की आपूर्ति और सीएनजी स्टेशनों की स्थापना के काम को योजनाबद्ध तरीके से गति दी जाएगी. अभी प्रदेश के 19 शहरों में अलग-अलग कंपनियां इस काम को कर रही है. जिनके साथ प्रभावी मॉनिटरिंग और समन्वय स्थापित किया जाएगा, ताकि पाइपलाइन के माध्यम से गैस आपूर्ति व्यवस्था को तय समय सीमा में अमलीजामा पहनाया जा सके.
घरेलू गैस का सफलतापूर्वक वितरण
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि आरएसजीएल कोटा शहर में शहरी गैस वितरण व्यवस्था पर काम कर रही है और कोटा शहर में 8 सीएनजी स्टेशनों की स्थापना हो चुकी है और 10000 घरों तक पाइप लाइन से घरेलू गैस का सफलतापूर्वक वितरण किया जा रहा है. वहीं कोटा में इस साल के अंत तक 24000 घरेलू गैस कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य भी रखा गया है.
इस साल के अंत तक 24000 घरेलू गैस कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य भी रखा गया है. अलवर के नीमराणा में मदर स्टेशनों से उद्योगों और वाहनों को और जयपुर के डॉटर बूस्टर स्टेशन कूकस में स्थापित कर वाहनों को सीएनजी उपलब्ध कराई जा रही है.
शहरी गैस वितरण व्यवस्था
आरएसजीएल द्वारा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और शिवपुर में भी शहरी गैस वितरण व्यवस्था का नेटवर्क विकसित किया जा रहा है. दोनों स्थानों पर 11 सीएनजी स्टेशन की स्थापना की जा चुकी है. दरअसल राजस्थान राज्य गैस लिमिटेड राज्य सरकार का गैल गैस लिमिटेड और राजस्थान स्टेट पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड की 50-50 फीसदी की भागीदारी का संयुक्त उपक्रम है. आरएसजीएल द्वारा राजस्थान और प्रदेश के रिटेल गैस वितरण आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए गठन किया गया है. सीएनजी स्टेशन के दोहरीकरण और बेहतर वित्तीय प्रबंधन से खर्चों में कमी, अधिक राजस्व प्राप्ति के सकारात्मक प्रयास से कर पूर्व लाभ, कर बाद लाभ और प्रति शेयर आय में 130% से भी अधिक की उपलब्धि अर्जित की गई है.