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बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों में जल्दी व प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करें : अतिरिक्त मुख्य सचिव - जयपुर में अतिरिक्त मुख्य सचिव की बैठक

लगातार बढ़ रही बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों में जल्दी व प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित होगी. पॉक्सो एक्ट के मामलों की निर्धारित 2 माह की अवधि में इन्वेस्टिगेशन का कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप और महानिदेशक पुलिस भूपेन्द्र सिंह ने मंगलवार को ये निर्देश दिए.

jaipur news, अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश
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Published : Sep 17, 2019, 8:21 PM IST

जयपुर. राजीव स्वरूप ने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर त्वरित कार्रवाई के लिए सरकार ने टास्क फोर्स गठित की है. उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को इन मामलों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का टाइट सुपरविजन करने के निर्देश दिए.

बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों पर जयपुर में बैठक

उन्होंने पॉक्सो एक्ट के मामलों की निर्धारित 2 माह की अवधि में इन्वेस्टिगेशन का कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है व इसे विशेष प्राथमिकता दिया जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराधों के सुगम पंजीयन, जल्द अनुसंधान व चालान के साथ ही सख्त सजा के प्रावधान कर समाज को संदेश दिया गया है. इन मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है. बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए महिला कार्यकर्ताओं, साथिनों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें : गहलोत की 'सर्जिकल स्ट्राइक' : ना बसपा को भनक लगी, ना राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पायलट को...

राजीव स्वरूप ने समाज के साथ समन्वय स्थापित कर इन अपराधों की सजा के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ ही इन घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष सामूहिक प्रयासों व नवाचारों की आवश्यकता प्रतिपादित की. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पब्लिक फ्रेंडली पुलिस बनकर थानों में आने वालों से सम्मान जनक व्यवहार करने पर बल दिया. उन्होंने प्रदेश के सभी पुलिस जिलों में दर्ज बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. महानिदेशक पुलिस ने बताया कि बल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराध की गंभीरता को देखते हुए इनकी नियमित मॉनिटरिंग कर प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है.

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में अधिकारियों की पोस्टिंग कर दी गई है एवं इसी माह में उन्हें पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं, भूपेंद्र सिंह ने बाल एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सड़क दुर्घटनाओं व संगठित अपराधों की रोकथाम को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. उन्होंने बालिकाओं व महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में समाज के विभिन्न वर्गों को साथ मे लेकर जनचेतना जागृत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक जंगा श्रीनिवास राव एवं हेमंत प्रियदर्शी सहित वरिष्ठ अधिकारी गण मौजूद थे.

जयपुर. राजीव स्वरूप ने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की प्रभावी मॉनिटरिंग कर त्वरित कार्रवाई के लिए सरकार ने टास्क फोर्स गठित की है. उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को इन मामलों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का टाइट सुपरविजन करने के निर्देश दिए.

बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों पर जयपुर में बैठक

उन्होंने पॉक्सो एक्ट के मामलों की निर्धारित 2 माह की अवधि में इन्वेस्टिगेशन का कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है व इसे विशेष प्राथमिकता दिया जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराधों के सुगम पंजीयन, जल्द अनुसंधान व चालान के साथ ही सख्त सजा के प्रावधान कर समाज को संदेश दिया गया है. इन मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है. बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए महिला कार्यकर्ताओं, साथिनों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं.

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राजीव स्वरूप ने समाज के साथ समन्वय स्थापित कर इन अपराधों की सजा के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ ही इन घटनाओं की रोकथाम के लिए विशेष सामूहिक प्रयासों व नवाचारों की आवश्यकता प्रतिपादित की. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पब्लिक फ्रेंडली पुलिस बनकर थानों में आने वालों से सम्मान जनक व्यवहार करने पर बल दिया. उन्होंने प्रदेश के सभी पुलिस जिलों में दर्ज बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. महानिदेशक पुलिस ने बताया कि बल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराध की गंभीरता को देखते हुए इनकी नियमित मॉनिटरिंग कर प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है.

महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में अधिकारियों की पोस्टिंग कर दी गई है एवं इसी माह में उन्हें पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाएगा. वहीं, भूपेंद्र सिंह ने बाल एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सड़क दुर्घटनाओं व संगठित अपराधों की रोकथाम को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. उन्होंने बालिकाओं व महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में समाज के विभिन्न वर्गों को साथ मे लेकर जनचेतना जागृत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक जंगा श्रीनिवास राव एवं हेमंत प्रियदर्शी सहित वरिष्ठ अधिकारी गण मौजूद थे.

Intro:बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों में जल्दी व प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करें - अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप

एंकर:- लगातार बढ़ रही बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न मामलों में जल्दी व प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित होगी , पोक्सो एक्ट के मामलों की निर्धारित 2 माह की अवधि में इन्वेस्टिगेशन का कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा , गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप और महानिदेशक पुलिस भूपेन्द्र सिंह ने मंगलवार को प्रातः शासन सचिवालय से प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस महानिरीक्षकों के साथ वीसी कर बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेकर जल्दी एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

Body:VO:- राजीव स्वरूप ने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की प्रभावी मोनिटरिंग कर त्वरित कार्यवाही के लिए सरकार ने टास्क फोर्स गठित की है। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षको को इन मामलों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट का टाइट सुपरविजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने पोक्सो एक्ट के मामलों की निर्धारित 2 माह की अवधि में इन्वेस्टिगेशन का कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है व इसे विशेष प्राथमिकता दिया जाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराधों के सुगम पंजीयन, जल्द अनुसंधान व चालान के साथ ही सख्त सजा के प्रावधान कर समाज को संदेश दिया गया है। इन मामलों को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है। बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के मामलों की रोकथाम के लिए महिला कार्यकर्ताओं साथिनों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने समाज के साथ समन्वय स्थापित कर इन अपराधों की सजा के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ ही इन घटनाओं की रोकथाम के लिये विशेष सामुहिक प्रयासो व नवाचारों की आवश्यकता प्रतिपादित की , अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पब्लिक फ्रेंडली पुलिस बनकर थानों में आने वालों से सम्मान जनक व्यवहार करने पर बल दिया। उन्होंने प्रदेश के सभी पुलिस जिलों में दर्ज बाल एवं महिला यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों की विस्तार से समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए। महानिदेशक पुलिस ने बताया कि बल एवं महिला यौन उत्पीड़न अपराध की गंभीरता को देखते हुए इनकी नियमित मोनिटरिंग कर प्रभावी क्रियान्वयन आवश्यक है। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट में अधिकारियों की पोस्टिंग कर दी गई है एवं इसी माह में उन्हें पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। भूपेंद्र सिंह ने बाल एवं महिलाओं के विरुद्ध अपराध, सड़क दुर्घटनाओं व संगठित अपराधों की रोकथाम को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने बालिकाओं व महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामले में समाज के विभिन्न वर्गों को साथ मे लेकर जनचेतना जागृत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की , वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त महानिदेशक जंगा श्रीनिवास राव एवं हेमंत प्रियदर्शी सहित वरिष्ठ अधिकारी गण मौजूद थे।

बाइट:- राजीव स्वरूप - अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह Conclusion:Vo
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