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जयपुरः शहर के विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों की निगम में बैठक

नगर निगम मुख्यालय में शहर के विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पहुंचे. वहीं, बैठक में बीजेपी विधायकों को बुलाया तक नहीं गया. बैठक में दीपावली से पहले शहर में सड़क मरम्मत, रोड लाइट लगाने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम प्राथमिकता से किए जाने का निर्णय लिया गया.

जयपुर निगम बैठक , Jaipur Corporation Meeting
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Published : Sep 27, 2019, 8:59 PM IST

जयपुर. प्रदेश में निकाय चुनाव की बिसाद बिछ गई है. यही कारण है कि निकाय चुनाव को लेकर अभी से प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. बता दें कि इसकी शुरुआत प्रदेश की राजधानी जयपुर से हुई, जहां नगर निगम मुख्यालय में शहर के विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पहुंचे. वहीं, बैठक में बीजेपी विधायकों को बुलाया तक नहीं गया.

कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ निगम में बैठक

जानकारी के अनुसार बैठक में मेयर विष्णु लाटा के अलावा कांग्रेसी विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागज़ी और गंगा देवी मौजूद थे. इसके अलावा जयपुर शहर की विधानसभा सीटों से हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी भी मौजूद रहे. जिसे लेकर बीजेपी ने सीएम से लेकर मेयर तक सभी को आड़े हाथों लिया.

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वहीं, बीजेपी विधायकों ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि नगर निगम मुख्यालय को कांग्रेस ऑफिस बनाने की कोशिश की जा रही है. निगम कांग्रेस पार्टी का नहीं सरकार का है. जहां जनता की ओर से चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि निगम परिसर में यदि प्रशासनिक मखौल उड़ाया जाता है, वहां कांग्रेस के प्रतिनिधियों को भोजन कराया जाता है, तो ये प्रशासनिक तंत्र का अपमान है.

उधर, मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बीजेपी के बयानों पर पलटवार करते हुए विधायकों को निशाने पर लिया. जोशी ने कहा कि बीजेपी सरकार में कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाता था. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं. उन्होंने मेयर विष्णु लाटा की तारीफ करते हुए इस बैठक के सकारात्मक परिणाम निकलने की बात कही.

पढ़ें- विश्व पर्यटन दिवस: गुलाबी नगरी में तिलक लगाकर सैलानियों का स्वागत, प्रवेश रहा नि:शुल्क

दरअसल, बैठक में दीपावली से पहले शहर में सड़क मरम्मत, रोड लाइट लगाने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम प्राथमिकता से किए जाने का निर्णय लिया गया. मेयर विष्णु लाटा ने बताया कि शहर में निगम के सभी मूलभूत कार्यों को गति और मजबूती दी जा रही है और क्षेत्रीय समस्या बताने वाले जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बीजेपी के पार्षद और उपमहापौर तो बुलाने पर भी समिति और एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठकों में नहीं पहुंचते हैं.

जयपुर. प्रदेश में निकाय चुनाव की बिसाद बिछ गई है. यही कारण है कि निकाय चुनाव को लेकर अभी से प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. बता दें कि इसकी शुरुआत प्रदेश की राजधानी जयपुर से हुई, जहां नगर निगम मुख्यालय में शहर के विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पहुंचे. वहीं, बैठक में बीजेपी विधायकों को बुलाया तक नहीं गया.

कांग्रेस जनप्रतिनिधियों के साथ निगम में बैठक

जानकारी के अनुसार बैठक में मेयर विष्णु लाटा के अलावा कांग्रेसी विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागज़ी और गंगा देवी मौजूद थे. इसके अलावा जयपुर शहर की विधानसभा सीटों से हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी भी मौजूद रहे. जिसे लेकर बीजेपी ने सीएम से लेकर मेयर तक सभी को आड़े हाथों लिया.

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वहीं, बीजेपी विधायकों ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि नगर निगम मुख्यालय को कांग्रेस ऑफिस बनाने की कोशिश की जा रही है. निगम कांग्रेस पार्टी का नहीं सरकार का है. जहां जनता की ओर से चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि निगम परिसर में यदि प्रशासनिक मखौल उड़ाया जाता है, वहां कांग्रेस के प्रतिनिधियों को भोजन कराया जाता है, तो ये प्रशासनिक तंत्र का अपमान है.

उधर, मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बीजेपी के बयानों पर पलटवार करते हुए विधायकों को निशाने पर लिया. जोशी ने कहा कि बीजेपी सरकार में कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाता था. उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं. उन्होंने मेयर विष्णु लाटा की तारीफ करते हुए इस बैठक के सकारात्मक परिणाम निकलने की बात कही.

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दरअसल, बैठक में दीपावली से पहले शहर में सड़क मरम्मत, रोड लाइट लगाने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम प्राथमिकता से किए जाने का निर्णय लिया गया. मेयर विष्णु लाटा ने बताया कि शहर में निगम के सभी मूलभूत कार्यों को गति और मजबूती दी जा रही है और क्षेत्रीय समस्या बताने वाले जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बीजेपी के पार्षद और उपमहापौर तो बुलाने पर भी समिति और एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठकों में नहीं पहुंचते हैं.

Intro:जयपुर - शहरी सरकार का कार्यकाल कुछ दिन का बचा है, ऐसे में निगम परिसर में बैठकों के नाम पर दलगत राजनीति की जा रही है। आज नगर निगम में शहर के विकास कार्यों के नाम पर हुई बैठक ने राजनीति के गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए। इस बैठक में मेयर और निगम अधिकारियों के अलावा कांग्रेस के विधायक और कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशी भी मौजूद रहे। लेकिन मजेदार बात ये रही कि बीजेपी विधायकों को इस बैठक की भनक तक नहीं लगी।


Body:प्रदेश में निकाय चुनाव की बिसाद बिछ गई है। यही कारण है कि निकाय चुनाव को लेकर अभी से प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। इसकी शुरुआत प्रदेश की राजधानी जयपुर से हुई। जहां नगर निगम मुख्यालय में शहर के विकास कार्यों को लेकर हुई बैठक में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि पहुंचे। लेकिन बीजेपी विधायकों को बुलाया तक नहीं गया। बैठक में मेयर विष्णु लाटा के अलावा कांग्रेसी विधायक और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधायक अमीन कागज़ी और गंगा देवी तो मौजूद थे ही, इसके अलावा जयपुर शहर की विधानसभा सीटों से हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशी भी मौजूद रहे। जिसे लेकर बीजेपी ने सीएम से लेकर मेयर तक सभी को आड़े हाथों लिया। बीजेपी विधायकों ने अपने बयान जारी करते हुए कहा कि नगर निगम मुख्यालय को कांग्रेस ऑफिस बनाने की कोशिश की जा रही है। निगम कांग्रेस पार्टी का नहीं सरकार का है। जहां जनता की ओर से चुने हुए प्रतिनिधियों को बुलाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि निगम परिसर में यदि प्रशासनिक मखौल उड़ाया जाता है, वहां कांग्रेस के प्रतिनिधियों को भोजन कराया जाता है, तो ये प्रशासनिक तंत्र का अपमान है।
बाईट - अशोक लाहोटी, विधायक सांगानेर

उधर, मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बीजेपी के बयानों पर पलटवार करते हुए विधायकों को निशाने पर लिया। जोशी ने कहा कि बीजेपी सरकार में कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाता था। उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक जनता को भड़काने का काम कर रहे हैं। उन्होंने मेयर विष्णु लाटा की तारीफ करते हुए इस बैठक के सकारात्मक परिणाम निकलने की बात कही।
बाईट - महेश जोशी, मुख्य सचेतक

दरअसल, बैठक में दीपावली से पहले शहर में सड़क मरम्मत, रोड लाइट लगाने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम प्राथमिकता से किए जाने का निर्णय लिया गया। मेयर विष्णु लाटा ने बताया कि शहर में निगम के सभी मूलभूत कार्यों को गति और मजबूती दी जा रही है। और क्षेत्रीय समस्या बताने वाले जनप्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बीजेपी के पार्षद और उपमहापौर तो बुलाने पर भी समिति और एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठकों में नहीं पहुंचते।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:भले ही बैठक का मुद्दा विकास था, लेकिन शहर के विकास की चर्चा में यदि सभी जनप्रतिनिधि शामिल नहीं हो, तो इसके सकारात्मक परिणाम आना मुश्किल है। फिर चाहे तर्क कुछ भी दिए जाएं, सवाल उठने लाजमी है।
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