जयपुर : मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी विश्वविद्यालय के कुलपति कुलगुरु कहलाएंगे. भजनलाल सरकार की बजट घोषणा के अनुसार ये बदलाव किया जाएगा. आने वाले विधानसभा सत्र में राजस्थान यूनिवर्सिटीज अमेंडमेंट बिल-2024 में कुलपति पदनाम में ये बदलाव किया जाएगा. कुलगुरु की अधिकतम आयु सीमा भी घटाकर 65 साल की जा सकती है.
देश में पुरातन काल में गुरुकुल परंपरा कायम रही थी. इसी का अनुसरण कर केंद्र सरकार ने पदनामों में बदलावों की मंशा जताई थी, जिसके बाद में मध्य प्रदेश सरकार ने पहल कर विश्वविद्यालयों में कुलपति का पदनाम बदलकर कुलगुरु किया था. इसके बाद अब दूसरे राज्यों में भी बदलाव किए जा रहे हैं. इस क्रम में राजस्थान के विश्वविद्यालयों में अब कुलपति का पदनाम बदला जाएगा. कुलपति को अब कुलगुरु नाम से संबोधित किया जाएगा.
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कुलगुरु की अधिकतम आयु भी घट सकती है : सरकार की बजट घोषणा के अनुरूप अगले महीने फरवरी में विधानसभा में राजस्थान यूनिवर्सिटीज अमेंडमेंट बिल-2024 पेश किया जाएगा, जिसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम कुलगुरु हो जाएगा. वहीं, कुलगुरु की अधिकतम आयु सीमा भी 70 साल से घटाकर 65 साल किए जाने की कवायद की जा रही है. इसके लिए भी बिल पेश किए जाने किए जाने की संभावना है. भजनलाल सरकार के पहले बजट में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के पदनाम बदलने की घोषणा की गई थी.
वहीं, बताया जा रहा है कि राजस्थान यूनिवर्सिटीज अमेंडमेंट बिल-2024 सरकारी विश्वविद्यालयों के साथ-साथ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पर भी लागू होगा. ऐसे में निजी विश्वविद्यालय के कुलपति भी कुलगुरु ही कहलाएंगे. विधानसभा में बिल पास होने के बाद एक गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से इस संशोधन को लागू कर दिया जाएगा.
आपको बता दें कि राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से पेश किए गए पहले पूर्ण कालिक बजट में वित्त मंत्री दीया कुमारी ने शिक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की थी. इसी दौरान शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए घोषणा की गई थी कि अब विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कुलपति नहीं बल्कि 'कुलगुरु' कहा जाएगा, जिसे अब धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो चली है.