जयपुर. प्रदेश में अब कोरोना से लड़ने के लिए आमजन के बीच गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक जगह पर हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना करने और कराने का होगा. सीएम की घोषणा के बाद मंगलवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा, मुख्य सचेतक महेश जोशी, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, भंवर सिंह भाटी, सुभाष गर्ग और अशोक चांदना ने जन आंदोलन की रूपरेखा बनाने के लिए बैठक की.
इस दौरान अभियान का नोडल विभाग स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. बता दें कि स्वायत्त शासन विभाग को जन आंदोलन अभियान का नोडल विभाग बनाया गया है. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि 2 अक्टूबर से कोरोना वायरस के विरुद्ध जन जागरण के लिए प्रयास किस तरह के हो, इस बाबत स्वायत्त शासन विभाग को निर्देश दिए गए.
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इस आंदोलन में सरकार और संगठन दोनों एक साथ मिलकर जनता के बीच मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का मैसेज पहुंचाने का आंदोलन चलाएगा. शांति धारीवाल ने कहा कि सीएम नहीं चाहते कि लॉकडाउन हो. बिना लॉकडाउन के जनता खुद सोशल डिस्टेंसिंग के लिए तैयार रहें और मास्क पहनने के लिए पाबंद रहे, इसकी रूपरेखा बनाई जा रही है.
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संगठन ने ये तय किया है कि कोरोना से बचाव के लिए सरकार का जो जन आंदोलन होगा, उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करेंगे. सरकार के द्वारा जो रोड मैप दिया जाएगा, वो पार्टी द्वारा फॉलो करते हुए उसमें सहयोग करने के लिए निर्देश दिया जाएगा.
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभी 11 जिलों में सरकार ने धारा 144 लगाई है. इसके बावजूद भी आम जनता के बीच गंभीरता में कमी है. ऐसे में शुरुआती दौर में 11 शहरों में जहां सबसे ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं, वहां पर जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है. जिस पर अंतिम फैसला सीएम अशोक गहलोत का रहेगा.
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बैठक में जन आंदोलन को लेकर बनाई जा रही रूपरेखा के दौरान संगठन प्रमुख द्वारा कुछ मंत्रियों की शिकायत करने की चर्चा भी रही. हालांकि, ऐसी किसी भी चर्चा से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इनकार किया. वहीं बैठक के दौरान खुद मंत्री और अधिकारी ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भूल गए.