जयपुर. साल 2022 का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांन्ति की खुशियां बांटने के लिए जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे सहित क्षेत्र के लोग पूरी तरह से तैयार है. मकर संक्रांति की उमंग में जहां तिल-गुड़ की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही रेवड़ी, गजक और मूंगफली की खुशबू से रेनवाल के बाजार महक रहे हैं. वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकानें सज गई है.
प्रेम और सोहार्द की प्रतीक
जिंदादिली के दर्शाने का यह त्योहार प्रेम और सौहार्द की प्रतीक माना गया है. इन दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा गायों का चारा, बांट, गुड खिलाकर पुण्य कमाया जाता है. शहर के श्री गौपाल गौशाला में भी इस दिन धर्मावलंबी लोग गायों को चारा पानी डालकर धर्म का काम करते हैं. इस दिन बच्चे युवा यहां तक महिलाएं भी पतंग उडाकर परंपरा काे आगे बढ़ाते हैं.
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सज गई पतंगों की दुकानें
मकर संक्रांति पर्व को लेकर कस्बे में कई जगह पतंगों की दुकानें सज गई है. कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित कस्बे में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगों की दुकानें सज गई हैं. दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पर्व के पहले खरीददारों की भीड़ रहेगी.
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सुनाई देने लगा वाे काटा, वाे मारा का शाेर
मकर संकांति पर्व को लेकर इस वर्ष लोगों में उत्साह है, लेकिन आर्थिक मंदी पर्व को फीका कर सकती है. हालांकि तिल के भाव में गत वर्ष के मुकाबले में कोई खास अंतर नहीं आया है, लेकिन अब गजक की कई क्वालिटी प्रचलन में है जिसके भाव 250 से 350 रूपए किलो तक है. मकर संक्रांति का एक दिन शेष है ऐसे में पतंगबाजी ने जाेर पकड़ लिया है. छताें पर वाे काटा, वाे मारा का शाेर सुनाई देने लग गया है.
बच्चाें से लेकर तक युवाओं सभी में पतंगबाजी (kite festival in Jaipur) काे लेकर जाेश है. लाेगाे में माेदी, विराट काेहली और तिरंगे ताे वहीं बच्चाे में कार्टून माेटू पतलू, डाेरेमाेन, स्पाइडर मैन और न्यू इयर की पतंगाें का क्रेज ज्यादा है. वहीं कुछ युवाओं ने पतंगबाजी करते समय चाईनिज मांझे के प्रयाेग नहीं कर पक्षियाें काे बचाने का संदेश दिया है.