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Makar Sankranti 2022: पर्व को लेकर बाजारों में दिख रही रौनक, छताें पर गूंजने लगा 'वाे काटा-वाे मारा' का शाेर

मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. हालांकि कोरोना का संक्रमण (Coronavirus In Jaipur) लगातार बढ़ रहा है, लेकिन इस बार वायरस कम घातक होने से लोग कम चिंतित है. वहीं मकर संक्रांति पर्व के नजदीक आते ही रंग-बिरंगी पतंग खरीदने के लिए बच्चों के चेहरों पर उत्साह नजर आ रहा है.

Makar Sankranti 2022
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Published : Jan 13, 2022, 10:53 PM IST

जयपुर. साल 2022 का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांन्ति की खुशियां बांटने के लिए जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे सहित क्षेत्र के लोग पूरी तरह से तैयार है. मकर संक्रांति की उमंग में जहां तिल-गुड़ की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही रेवड़ी, गजक और मूंगफली की खुशबू से रेनवाल के बाजार महक रहे हैं. वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकानें सज गई है.

Makar Sankranti 2022

प्रेम और सोहार्द की प्रतीक

जिंदादिली के दर्शाने का यह त्योहार प्रेम और सौहार्द की प्रतीक माना गया है. इन दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा गायों का चारा, बांट, गुड खिलाकर पुण्य कमाया जाता है. शहर के श्री गौपाल गौशाला में भी इस दिन धर्मावलंबी लोग गायों को चारा पानी डालकर धर्म का काम करते हैं. इस दिन बच्चे युवा यहां तक महिलाएं भी पतंग उडाकर परंपरा काे आगे बढ़ाते हैं.

यह भी पढ़ें - मकर संक्रांति के दिन तिल का दान करें, शनि दोष से मिलेगी मुक्ति

सज गई पतंगों की दुकानें

मकर संक्रांति पर्व को लेकर कस्बे में कई जगह पतंगों की दुकानें सज गई है. कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित कस्बे में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगों की दुकानें सज गई हैं. दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पर्व के पहले खरीददारों की भीड़ रहेगी.

यह भी पढ़ें - कोरोना के कारण लगातार दूसरी बार मकर संक्रांति पर नहीं होगा Kite Festival का आयोजन

सुनाई देने लगा वाे काटा, वाे मारा का शाेर

मकर संकांति पर्व को लेकर इस वर्ष लोगों में उत्साह है, लेकिन आर्थिक मंदी पर्व को फीका कर सकती है. हालांकि तिल के भाव में गत वर्ष के मुकाबले में कोई खास अंतर नहीं आया है, लेकिन अब गजक की कई क्वालिटी प्रचलन में है जिसके भाव 250 से 350 रूपए किलो तक है. मकर संक्रांति का एक दिन शेष है ऐसे में पतंगबाजी ने जाेर पकड़ लिया है. छताें पर वाे काटा, वाे मारा का शाेर सुनाई देने लग गया है.

बच्चाें से लेकर तक युवाओं सभी में पतंगबाजी (kite festival in Jaipur) काे लेकर जाेश है. लाेगाे में माेदी, विराट काेहली और तिरंगे ताे वहीं बच्चाे में कार्टून माेटू पतलू, डाेरेमाेन, स्पाइडर मैन और न्यू इयर की पतंगाें का क्रेज ज्यादा है. वहीं कुछ युवाओं ने पतंगबाजी करते समय चाईनिज मांझे के प्रयाेग नहीं कर पक्षियाें काे बचाने का संदेश दिया है.

जयपुर. साल 2022 का सबसे पहला पर्व मकर सक्रांन्ति की खुशियां बांटने के लिए जयपुर जिले के रेनवाल कस्बे सहित क्षेत्र के लोग पूरी तरह से तैयार है. मकर संक्रांति की उमंग में जहां तिल-गुड़ की सामग्री से बनी वस्तुओं के साथ ही रेवड़ी, गजक और मूंगफली की खुशबू से रेनवाल के बाजार महक रहे हैं. वहीं जगह-जगह पतंगों की दुकानें सज गई है.

Makar Sankranti 2022

प्रेम और सोहार्द की प्रतीक

जिंदादिली के दर्शाने का यह त्योहार प्रेम और सौहार्द की प्रतीक माना गया है. इन दिन हिंदू परंपरा के अनुसार लोग अपने बुर्जगों को वस्त्र आदि भेंट कर आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. इसके अलावा गायों का चारा, बांट, गुड खिलाकर पुण्य कमाया जाता है. शहर के श्री गौपाल गौशाला में भी इस दिन धर्मावलंबी लोग गायों को चारा पानी डालकर धर्म का काम करते हैं. इस दिन बच्चे युवा यहां तक महिलाएं भी पतंग उडाकर परंपरा काे आगे बढ़ाते हैं.

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सज गई पतंगों की दुकानें

मकर संक्रांति पर्व को लेकर कस्बे में कई जगह पतंगों की दुकानें सज गई है. कबूतर निवास, बाईपास चौराहा, मुख्य बाजार, नला बाजार सहित कस्बे में करीब दो दर्जन जगह पर पतंगों की दुकानें सज गई हैं. दुकानदारों को उम्मीद है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पर्व के पहले खरीददारों की भीड़ रहेगी.

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सुनाई देने लगा वाे काटा, वाे मारा का शाेर

मकर संकांति पर्व को लेकर इस वर्ष लोगों में उत्साह है, लेकिन आर्थिक मंदी पर्व को फीका कर सकती है. हालांकि तिल के भाव में गत वर्ष के मुकाबले में कोई खास अंतर नहीं आया है, लेकिन अब गजक की कई क्वालिटी प्रचलन में है जिसके भाव 250 से 350 रूपए किलो तक है. मकर संक्रांति का एक दिन शेष है ऐसे में पतंगबाजी ने जाेर पकड़ लिया है. छताें पर वाे काटा, वाे मारा का शाेर सुनाई देने लग गया है.

बच्चाें से लेकर तक युवाओं सभी में पतंगबाजी (kite festival in Jaipur) काे लेकर जाेश है. लाेगाे में माेदी, विराट काेहली और तिरंगे ताे वहीं बच्चाे में कार्टून माेटू पतलू, डाेरेमाेन, स्पाइडर मैन और न्यू इयर की पतंगाें का क्रेज ज्यादा है. वहीं कुछ युवाओं ने पतंगबाजी करते समय चाईनिज मांझे के प्रयाेग नहीं कर पक्षियाें काे बचाने का संदेश दिया है.

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