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चौपड़ों का रूप बदलने पर महेश जोशी भी विपक्ष में, कहा- जयपुर के विरासत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं - jaipur news

जयपुर का परकोटा वास्तु के आधार पर बसा हुआ शहर है. यहां चौपड़ों का अपना महत्व है. लेकिन, मेट्रो के काम के चलते रियासत कालीन इन चौपड़ों से छेड़छाड़ की जा रही है. जो शहरवासियों, विपक्ष के साथ-साथ सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी रास नहीं आ रही. यही वजह है कि अब इसके काम को रोक कर स्टेट लेवल पर बनी हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किये जाने की बात की जा रही है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
जयपुर की विरासत में शामिल चौपड़ को लेकर हेरिटेज कमेटी करेगी अंतिम फैसला - डॉ. जोशी
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Published : Feb 7, 2020, 9:51 PM IST

जयपुर. राजधानी की धरोहर में शामिल छोटी-चौपड़, बड़ी-चौपड़ का स्वरूप बदला जा रहा है. इन चौपड़ों को चौकोर के बजाय गोल बनाया जा रहा है, जिसका विरोध शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस सरकार के अपने भी जयपुर की विरासत से हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहे हैं.

जयपुर की विरासत में शामिल चौपड़ को लेकर हेरिटेज कमेटी करेगी अंतिम फैसला - डॉ. जोशी

इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने काम रोक हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किए जाने की बात कही है. महेश जोशी ने बताया कि मेट्रो के अधिकारियों से बातचीत कर काम रोकने को कहा गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि जब तक इस पर पुनर्विचार कर कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक काम नहीं होगा.

पढ़ें- टिड्डियों ने बर्बाद कर दी करीब 7 अरब की रबी फसल, अन्नदाता हुए मायूस

इस संबंध में स्टेट लेवल पर जो हेरिटेज कमेटी बनी है, वो अंतिम फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि जयपुर की विरासत से किसी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये तय होना चाहिए कि क्या जयपुर की विरासत के अनुरूप है, और क्या नहीं.

पहले भी चौपड़ को गोल करने की कोशिश की गई थी, तब भी जनता ने विरोध किया था. जब विरासत में शब्द चौपड़ है, और चौपड़ का अर्थ चौकोर है, तो इसे चौकोर ही रहने देना चाहिए. उन्होंने मेट्रो एमडी की ओर से हेरिटेज कंसलटेंट से बात किए जाने के तर्क को खारिज करते हुए बताया कि जब ये फैसला हुआ था कि चौपड़ किस तरह की बनेगी, तब तक जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल भी नहीं किया गया था.

पढ़ें- गहलोत सरकार टिड्डी प्रभावित किसानों की मदद करने में नाकामः वसुंधरा राजे

अब नए परिवेश में नई बातें सामने आई हैं. लेकिन, ये तय है कि चौपड़ को चौपड़ ही रहने दिया जाए. हालांकि, उन्होंने चौपड़ पर बने वेंटिलेशन शाफ्ट को मेट्रो की जरूरत बताया और कहा कि जनता भी इसे समझेगी. लेकिन, चौपड़ चौकोर रहे या गोल इससे मेट्रो को कोई फर्क नहीं पड़ता.

जयपुर. राजधानी की धरोहर में शामिल छोटी-चौपड़, बड़ी-चौपड़ का स्वरूप बदला जा रहा है. इन चौपड़ों को चौकोर के बजाय गोल बनाया जा रहा है, जिसका विरोध शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस सरकार के अपने भी जयपुर की विरासत से हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहे हैं.

जयपुर की विरासत में शामिल चौपड़ को लेकर हेरिटेज कमेटी करेगी अंतिम फैसला - डॉ. जोशी

इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने काम रोक हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किए जाने की बात कही है. महेश जोशी ने बताया कि मेट्रो के अधिकारियों से बातचीत कर काम रोकने को कहा गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि जब तक इस पर पुनर्विचार कर कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक काम नहीं होगा.

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इस संबंध में स्टेट लेवल पर जो हेरिटेज कमेटी बनी है, वो अंतिम फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि जयपुर की विरासत से किसी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये तय होना चाहिए कि क्या जयपुर की विरासत के अनुरूप है, और क्या नहीं.

पहले भी चौपड़ को गोल करने की कोशिश की गई थी, तब भी जनता ने विरोध किया था. जब विरासत में शब्द चौपड़ है, और चौपड़ का अर्थ चौकोर है, तो इसे चौकोर ही रहने देना चाहिए. उन्होंने मेट्रो एमडी की ओर से हेरिटेज कंसलटेंट से बात किए जाने के तर्क को खारिज करते हुए बताया कि जब ये फैसला हुआ था कि चौपड़ किस तरह की बनेगी, तब तक जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल भी नहीं किया गया था.

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अब नए परिवेश में नई बातें सामने आई हैं. लेकिन, ये तय है कि चौपड़ को चौपड़ ही रहने दिया जाए. हालांकि, उन्होंने चौपड़ पर बने वेंटिलेशन शाफ्ट को मेट्रो की जरूरत बताया और कहा कि जनता भी इसे समझेगी. लेकिन, चौपड़ चौकोर रहे या गोल इससे मेट्रो को कोई फर्क नहीं पड़ता.

Intro:जयपुर - जयपुर का परकोटा वास्तु के आधार पर बसा हुआ शहर है। यहां चौपड़ों का अपना महत्व है। लेकिन मेट्रो के काम के चलते रियासत कालीन इन चौपड़ों से छेड़छाड़ की जा रही है। जो शहरवासियों, विपक्ष के साथ-साथ सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी रास नहीं आ रही। यही वजह है कि अब इसके काम को रोक कर स्टेट लेवल पर बनी हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किये जाने की बात की जा रही है।


Body:जयपुर की धरोहर में शामिल छोटी-चौपड़, बड़ी-चौपड़ का स्वरूप बदला जा रहा है। इन चौपड़ों को चौकोर के बजाय गोल बनाया जा रहा है। जिसका विरोध शुरू हो गया है। वहीं कांग्रेस सरकार के अपनी भी जयपुर की विरासत से हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने काम रोक हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किए जाने की बात कही है। महेश जोशी ने बताया कि मेट्रो के अधिकारियों से बातचीत कर काम रोकने को कहा गया है। और उन्होंने उम्मीद जताई कि जब तक इस पर पुनर्विचार कर कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक काम नहीं होगा। इस संबंध में स्टेट लेवल पर जो हेरिटेज कमेटी बनी है, वो अंतिम फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि जयपुर की विरासत से किसी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये तय होना चाहिए कि क्या जयपुर की विरासत के अनुरूप है, और क्या नहीं। पहले भी चौपड़ को गोल करने की कोशिश की गई थी, तब भी जनता ने विरोध किया था। जब विरासत में शब्द चौपड़ है, और चौपड़ का अर्थ चौकोर है, तो इसे चौकोर ही रहने देना चाहिए। उन्होंने मेट्रो एमडी की ओर से हेरिटेज कंसलटेंट से बात किए जाने के तर्क को खारिज करते हुए बताया कि जब ये फैसला हुआ था कि चौपड़ किस तरह की बनेगी, तब तक जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल भी नहीं किया गया था। अब नए परिवेश में नई बातें सामने आई है। लेकिन ये तय है कि चौपड़ को चौपड़ ही रहने दिया जाए।
बाईट - महेश जोशी, मुख्य सचेतक


Conclusion:हालांकि उन्होंने चौपड़ पर बने वेंटिलेशन शाफ्ट को मेट्रो की जरूरत बताया। और कहा कि जनता भी इसे समझेगी। लेकिन चौपड़ चौकोर रहे या गोल इससे मेट्रो को कोई फर्क नहीं पड़ता।
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