जयपुर. राजधानी की धरोहर में शामिल छोटी-चौपड़, बड़ी-चौपड़ का स्वरूप बदला जा रहा है. इन चौपड़ों को चौकोर के बजाय गोल बनाया जा रहा है, जिसका विरोध शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस सरकार के अपने भी जयपुर की विरासत से हुई छेड़छाड़ का विरोध कर रहे हैं.
इस संबंध में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने काम रोक हेरिटेज कमेटी के जरिए फैसला किए जाने की बात कही है. महेश जोशी ने बताया कि मेट्रो के अधिकारियों से बातचीत कर काम रोकने को कहा गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि जब तक इस पर पुनर्विचार कर कोई फैसला नहीं हो जाता तब तक काम नहीं होगा.
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इस संबंध में स्टेट लेवल पर जो हेरिटेज कमेटी बनी है, वो अंतिम फैसला लेगी. उन्होंने कहा कि जयपुर की विरासत से किसी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये तय होना चाहिए कि क्या जयपुर की विरासत के अनुरूप है, और क्या नहीं.
पहले भी चौपड़ को गोल करने की कोशिश की गई थी, तब भी जनता ने विरोध किया था. जब विरासत में शब्द चौपड़ है, और चौपड़ का अर्थ चौकोर है, तो इसे चौकोर ही रहने देना चाहिए. उन्होंने मेट्रो एमडी की ओर से हेरिटेज कंसलटेंट से बात किए जाने के तर्क को खारिज करते हुए बताया कि जब ये फैसला हुआ था कि चौपड़ किस तरह की बनेगी, तब तक जयपुर को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल भी नहीं किया गया था.
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अब नए परिवेश में नई बातें सामने आई हैं. लेकिन, ये तय है कि चौपड़ को चौपड़ ही रहने दिया जाए. हालांकि, उन्होंने चौपड़ पर बने वेंटिलेशन शाफ्ट को मेट्रो की जरूरत बताया और कहा कि जनता भी इसे समझेगी. लेकिन, चौपड़ चौकोर रहे या गोल इससे मेट्रो को कोई फर्क नहीं पड़ता.