जयपुर: मांग पूरी न होने के कारण राज्य सरकार से नाराज मदरसा पैराटीचर्स एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं. मदरसा पैराटीचर्स नियमित नहीं होने और मानदेय नहीं बढ़ाने से राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे और आंदोलन से पहले मदरसा पैराटीचर्स संघ की कार्यकारिणी, अलसंख्यक विधायकों व अन्य पदाधिकारियों की बैठक भी होगी.
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दरअसल प्रदेश के हजारों मदरसा पैरा टीचर्स लंबे समय से खुद को नियमित करने और मानदेय बढ़ाने के लिए सरकार से कई बार आग्रह कर चुके हैं. कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इन्हें नियमित करने का भरोसा भी दिलाया था, लेकिन अभी तक उन्हें नियमित नहीं किया गया है.
अब इसे वादाखिलाफी मानते हुए मदरसा पैराटीचर्स आंदोलन की राह पर हैं. इस संबंध में 6 सितंबर को दो महत्वपूर्ण बैठक भी होगी.
राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के प्रदेश अध्यक्ष आजम खान पठान ने बताया कि पहली बैठक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जिलाध्यक्ष व कोर कमेटी, दांडी यात्रा के संयोजक शमशेर भालू खां के बीच होगी. दूसरी बैठक में प्रदेशकार्यकारिणी सदस्य, जिलाध्यक्ष, कोर कमेटी, शमशेर भालू खा, अल्पसंख्यक अधिकारी महासंघ, वर्तमान अल्पसंख्यक समुदाय के नौ विधायकों, प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के साथ मशविरा होगा.
दोनों ही बैठक में मदरसा पैराटीचर की मांगों पर गंभीर विमर्श होगी और उसके बाद आंदोलन का निर्णय किया जाएगा. बैठक के बाद सरकार को 30 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिए जाने का प्लान है. इस धमकी के साथ कि अमल नहीं हुआ तो 2 अक्टूबर से पूरे प्रदेश के मदरसा पैराटीचर्स एक बड़ा आंदोलन करेंगे.
आजम खान पठान ने कहा कि मीटिंग में रफीक खान, अमीन कागजी, वाजिब अली, हाकम अली खान, सालेह मोहम्मद आदि अल्पसंख्यक विधायकों को बुलाया जाएगा. शमशेर भालू खान ने पिछले साल मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर दांडी यात्रा निकाली थी. उस समय दांडी यात्रा को बीच में ही रोक कर सरकार ने समझौता किया था कि 30 सितबर 2021 तक मदरसा पैराटीचर्स को नियमित कर दिया जाएगा. लेकिन अभी तक पैराटीचर्स को नियमित करने को लेकर सरकार ने कोई कवायद नहीं की है.
आजम खान पठान ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि 30 सितबर तक सरकार ने उनकी मांग पूरी नही की तो 2 अक्टूबर से हजारों मदरसा पैराटीचर्स एक बड़ा आंदोलन करेंगे. यदि कोई अनहोनी होगी तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.