जयपुर. हेरिटेज नगर निगम और ग्रेटर नगर निगम में महापौर के चुनाव परिणाम आ चुके हैं. परिणाम इन चुनावों में भाजपा के नेताओं की परफॉर्मेंस भी बयां कर रहे हैं. जिन्हें इसका दायित्व सौंपा गया था. जयपुर नगर निगम महापौर के चुनाव परिणाम बताते हैं कि ग्रेटर नगर निगम के चुनाव प्रभारी मदन दिलावर और सह प्रभारी रामलाल शर्मा की मेहनत रंग लाई तो वहीं नगर निगम हेरिटेज के चुनाव प्रभारी वासुदेव देवनानी और सह प्रभारी जितेंद्र गोठवाल के दावे विफल रहे.
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ग्रेटर नगर निगम में दिलावर व शर्मा का दिखा संगठन कौशल
महापौर चुनाव को लेकर जो रणनीति ग्रेटर नगर निगम में बनाई गई वो पूरी तरह सही साबित हुई. जिसके चलते न केवल भाजपा ने अपने निर्वाचित पार्षदों के पूरे वोट लिए साथ ही 9 निर्दलीय और भाजपा समर्थित पार्षदों को भी अपने साथ लेकर उनका मत हासिल किया. भाजपा के पास खुद के 88 पार्षद थे लेकिन विधायक मदन दिलावर और रामलाल शर्मा के कुशल संगठन प्रबंधन के चलते 150 में से सौम्या गुर्जर को 97 वोट मिले और वो महापौर चुनी गई. ग्रेटर नगर निगम महापौर प्रत्याशी के नाम पर शुरुआत में विवाद जरूर हुआ, लेकिन दिलावर और शर्मा के साथ ही जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा की संगठन पर मजबूत पकड़ के चलते यह विवाद भी थम गया और सब पार्षद एकजुट नजर आए.
हेरिटेज नगर निगम में देवनानी-गोठवाल के दावे विफल
इसके विपरीत जयपुर हेरिटेज नगर निगम में भाजपा के चुनाव प्रभारी और पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी व सह प्रभारी जितेंद्र गोठवाल के मीडिया में दिए गए तमाम दावे इस महापौर चुनाव में विफल साबित हुए. देवनानी लगातार हेरिटेज नगर निगम में अपना महापौर और बीजेपी का बोर्ड बनाने का दावा करते नजर आए. लेकिन बीजेपी यहां न तो अपना बोर्ड बना पाई और न महापौर.
आलम ये रहा कि बीजेपी के खुद के 42 पार्षद जीत कर आए थे और एक निर्दलीय कुसुम यादव को बीजेपी ने महापौर का प्रत्याशी बनाया था. उसको मिलाकर कुल 43 मत बीजेपी के होते हैं लेकिन बीजेपी को महज एक अन्य निर्दलीय का ही समर्थन मिल पाया और कुल मिलाकर 44 मतों पर बीजेपी सिमट गई. जबकि कांग्रेस को अधिकतर निर्दलीयों का साथ मिला, जिसके चलते महापौर पद पर कांग्रेस की मुनेश गुर्जर जीती.