जयपुर. भाजपा विधायक मदन दिलावर का विवादों से पुराना नाता रहा है. बुधवार को सदन में उनकी बहाली हुई, लेकिन उसके कुछ ही घंटे बाद शुरू हुई अनुदान मांगों पर बहस में दिलावर ने फिर कई विवादित शब्दों का इस्तेमाल कर दिया जिस पर सत्तापक्ष के विधायकों ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई.
दरअसल, सदन में सड़क और पुल अनुदान मांगों पर बोलते हुए रामगंज मंडी से भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कहा कि इस बजट से मुझे निराशा ही है, क्योंकि इस बजट में मेरे विधानसभा क्षेत्र और मुझ से कौन सी दुश्मनी निकालना चाहते हैं, यह समझ नहीं आया. दिलावर ने कहा कि बजट में मेरे विधानसभा क्षेत्र में कोई नई सड़क नहीं दी, लेकिन जो पुरानी सड़क खस्ताहाल हो गई उसे भी दुरुस्त करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया.
दिलावर ने इस दौरान यह भी कह दिया कि मैं नई सड़क मांगू भी तो आखिर कैसे, क्योंकि यह कहते हैं भूखे हैं, नंगे हैं, भीख मंगे हैं. ऐसे में इनसे आखिर क्या मांगू. हालांकि, इस पर आसन पर मौजूद सभापति जितेंद्र सिंह ने कहा कि आप असंसदीय लैंग्वेज का इस्तेमाल ना करें. इसके बाद मदन दिलावर ने कहा कि ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया गया, जिससे सड़कें बनाने का काम रुक गया है और हालत यह है कि कई ठेकेदार तो आत्महत्या करने की स्थिति में हैं और उनके बच्चे भूखे मरने की स्थिति में हैं.
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दिलावर ने कहा कि करीब 200 करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया चल रहा है, जिसके कारण सड़कों से जुड़ा काम रोक दिया गया है. दिलावर ने कहा कि मैं और क्या बोलूं क्योंकि मैं कुछ बोलूंगा तो इन्हें मिर्ची लग जाएगी, इस बीच सदन में मौजूद उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सहित कई कांग्रेस विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई और यह तक कह दिया कि अभी तो इनकी सदन में बहाली हुई है और यह किस प्रकार के विवादित शब्दों का इस्तेमाल करने लगे हैं, हालांकि सभापति ने असंसदीय शब्दों को डिलीट करवाने की व्यवस्था दे दी.
बता दें, इससे पहले बुधवार सुबह मदन दिलावर ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार पर अनुसूचित जाति और जनजाति के विधायकों के साथ भेदभाव करने और उनकी आवाज दबाने का भी आरोप लगाया था.