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एमएसीटी कोर्ट का फैसला, लाइसेंस नहीं तो भी बीमा कंपनी क्लेम से नहीं कर सकती इनकार - बीमा कंपनी

अगर सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति के पास लाइसेंस नहीं है, तो भी उसे बीमा कंपनी क्लेम देने से इनकार नहीं कर सकती है. ये फैसला एमएसीटी कोर्ट ने एक मामले में दिया है.

MATC court orders to give claim to without driving license person's dependents
एमएसीटी कोर्ट का फैसला, लाइसेंस नहीं तो भी बीमा कंपनी क्लेम से नहीं कर सकती इनकार
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Published : Aug 26, 2022, 9:47 PM IST

जयपुर. जिले की एमएसीटी कोर्ट ने कहा है कि दुर्घटना में शामिल व्यक्ति के पास वाहन लाइसेंस नहीं होने पर भी तृतीय पक्ष को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा (claim to without driving license person) सकता. बीमा कंपनी क्लेम राशि अदा कर बाद में मोटरसाइकिल स्वामी से पे-रिकवर के आधार पर वसूली कर सकती है.

साथ ही अदालत ने दुर्घटना में मारे गए युवक के आश्रितों को 8 लाख 45 हजार रुपए 6 फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश गोविन्द व अन्य की क्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि 12 नवंबर, 2015 को संजय अपने साथ बंटी को लेकर उसकी मोटरसाइकिल पर मानसरोवर से गुजर रहा था. रात करीब 8 बजे महारानी गार्डन के सामने एक अन्य मोटरसाइकिल से उनकी टक्कर हो गई. दुर्घटना में संजय की मौत हो गई.

पढ़ें: घर बैठे मिल सकेगा लर्निंग लाइसेंस, ऑल इंडिया मोटर ड्राइविंग स्कूल एसोसिएशन कर रहा विरोध

याचिका में कहा गया कि मृतक प्रतिमाह करीब 20 हजार रुपए कमा कर परिवार का गुजारा करता था. दुर्घटना में शामिल दोनों वाहन बीमित थे. इसलिए उन्हें बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. वहीं बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना में शामिल एक मोटरसाइकिल चालक के पास लाइसेंस नहीं था. ऐसे में बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए जिम्मेदार नहीं है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मोटरसाइकिल चालकों की अंशदायी उपेक्षा मानते हुए दोनों बीमा कंपनियों को आधी-आधी राशि अदा करने को कहा है. वहीं क्लेम राशि वाहन मालिक से पे-रिकवर के आधार पर वसूली जा सकती है.

जयपुर. जिले की एमएसीटी कोर्ट ने कहा है कि दुर्घटना में शामिल व्यक्ति के पास वाहन लाइसेंस नहीं होने पर भी तृतीय पक्ष को मुआवजे से वंचित नहीं किया जा (claim to without driving license person) सकता. बीमा कंपनी क्लेम राशि अदा कर बाद में मोटरसाइकिल स्वामी से पे-रिकवर के आधार पर वसूली कर सकती है.

साथ ही अदालत ने दुर्घटना में मारे गए युवक के आश्रितों को 8 लाख 45 हजार रुपए 6 फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. अदालत ने यह आदेश गोविन्द व अन्य की क्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि 12 नवंबर, 2015 को संजय अपने साथ बंटी को लेकर उसकी मोटरसाइकिल पर मानसरोवर से गुजर रहा था. रात करीब 8 बजे महारानी गार्डन के सामने एक अन्य मोटरसाइकिल से उनकी टक्कर हो गई. दुर्घटना में संजय की मौत हो गई.

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याचिका में कहा गया कि मृतक प्रतिमाह करीब 20 हजार रुपए कमा कर परिवार का गुजारा करता था. दुर्घटना में शामिल दोनों वाहन बीमित थे. इसलिए उन्हें बीमा कंपनी से क्षतिपूर्ति दिलाई जाए. वहीं बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि दुर्घटना में शामिल एक मोटरसाइकिल चालक के पास लाइसेंस नहीं था. ऐसे में बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए जिम्मेदार नहीं है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मोटरसाइकिल चालकों की अंशदायी उपेक्षा मानते हुए दोनों बीमा कंपनियों को आधी-आधी राशि अदा करने को कहा है. वहीं क्लेम राशि वाहन मालिक से पे-रिकवर के आधार पर वसूली जा सकती है.

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