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Lumpy Virus : पाकिस्तान से आया लंपी, पशुपालकों की छूटी कंपकंपी...

राजस्थान के कई जिलों में गोवंश में फैल रही 'लंपी' पैर (Lumpy Virus in Rajasthan) पसारने के साथ ही पशुपालकों के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है. इस बीच बीमारी के समाधान को लेकर अब केंद्र सरकार की ओर से विशेषज्ञों की टीम मंगलवार को राजस्थान पहुंची है. टीम में शामिल विशेषज्ञ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का आकलन करेंगे.

Lumpy Skin Disease in Rajasthan
राजस्थान में लंपी वायरस
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Published : Aug 2, 2022, 4:37 PM IST

Updated : Aug 2, 2022, 8:13 PM IST

जयपुर. पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान में हजारों पशुपालकों के लिए संक्रामक गांठदार त्वचा रोग लंपी अब परेशानी का सबब बन गया है. इस बीमारी के चलते राजस्थान में दो हजार से ज्यादा मवेशी काल का ग्रास बन चुके हैं. वहीं, बीते 3 महीने में लगभग 25,000 पशुओं में यह बीमारी फैल गई है. वहीं, केंद्रीय पशुपालन व डेयरी राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मंत्रालय स्तर की टीम को राजस्थान भेजने के निर्देश दिए थे. उन्होंने सोमवार को ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी थी. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में बताया कि मंत्रालय ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है. IPRI, NIHSD मंत्रालय FAHD के विशेषज्ञों और अधिकारियों की टीम राजस्थान पहुंच जाएगी. टीम में शामिल विशेषज्ञ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का आंकलन करेंगे. साथ ही बीमार पशुओं व पशुपालकों को नुकसान नहीं हो, इसे लेकर समाधान निकालेंगे.

लंपी का शिकार, आंकड़ा दो हजार के पार : पाकिस्तान के रास्ते भारत आई खतरनाक और वायरल बीमारी 'लंपी' से राजस्थान में गौवंश की मौतों का आंकड़ा 2100 हो गया है. जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित 10 जिलों में यह संक्रामक बीमारी (Deaths of Cows Due to Lumpy Disease in Rajasthan) कहर बरपा रही है. 40 हजार से ज्यादा गौवंश इसकी चपेट में आ चुके हैं. 90 प्रतिशत गायें इस बीमारी का शिकार होकर दम तोड़ रही हैं. बैल, सांड, भैसों में भी यह बीमारी फैल रही है. केवल लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जा रहा है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

इस बीच प्रदेश स्तर पर एक टीम ने सोमवार को सर्वाधिक लंपी वायरस प्रभावित (Gehlot Government Action Plan for Lumpy Virus) जोधपुर और नागौर का दौरा किया. एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डॉ. एनएम सिंह के मुताबिक जांच के लिए टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही भी जाएगी. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात बॉर्डर से सटे जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वहां निगरानी रखी जा रही है. प्रदेश के मेडिकल एक्सपर्ट्स को अंदेशा है कि पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बहावलनगर के रास्ते होकर इसकी देश में फिर से एंट्री हुई है. इस बीमारी का कोई इफेक्टिव इलाज भी मौजूद नहीं है. यह सबसे बड़ी चिन्ता की बात है.

पैर पसार रही है बीमारी : राजस्थान के पशु पालन विभाग से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि लंपी वायरस का शिकार 90 फीसदी गायों में यह बीमारी है. भैंस भी इसकी चपेट में आ रही हैं. रविवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान बताया गया था कि मेडिसिन उपलब्ध करवाने के निर्देश सभी जिलों में दे दिए हैं. इमरजेंसी फंड में 1-1 लाख रुपये हर जिले को पहले ही दे दिया गया है. अलग-अलग जिलों में डिमांड के हिसाब से अब फंड दिया जा रहा है. जैसलमेर में 5 लाख रुपये और दिए गए हैं, सभी प्रभावित जिलों में टीमें लगा दी हैं. पड़ोसी जिलों से भी टीमें भेजी जा रही हैं. नोडल अधिकारी और कलेक्टर्स लगातार मीटिंग कर रहे हैं. पशुपालन मंत्री और सचिव ने सभी जिला कलेक्टर से खुद बात की है. कलेक्टर्स को मॉनिटरिंग रखने को कहा है.

यह लक्षण आ रहे हैं नजर : लंपी वायरस का शिकार होने के बाद गाय के पूरे शरीर पर नरम गोल गांठे पड़ जाती हैं. गाय दूध देना भी कम कर देती है. छाले फूटने के साथ ही संक्रमण और ज्यादा बढ़ जाता है. पूरे शरीर पर नाड्यूलर के रूप में यह नर्म गांठें फूटती रहती हैं और इनसे द्रव्य रिसता रहता है. इस घाव पर मक्खियां बैठकर इस वायरस को दूसरे पशुओं तक पहुंचा रही हैं, साथ ही प्रभावित पशु के संपर्क में आने से भी दूसरे पशु इसका शिकार हो रहे हैं.

केंद्र से मांगी गई मदद : भारत सरकार से डिजीज कंट्रोल प्लान के तहत राजस्थान ने पैसा मांगा है. स्वास्थ्य विभाग ने प्लान बनाकर केन्द्र को भेज दिया है. 2-3 दिन में अप्रूव करने का केंद्र ने वादा किया है. इस बीमारी में फिलहाल पशुओं की डेथ रेट 2 से 3 फीसदी तक है. इस सिलसिले में पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव पी. सी. किशन ने बताया था कि यह वायरस लोगों में नहीं फैलता है. इलाज के लिए पशुओं को एंटीबायोटिक्स के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. सपोर्टिंव ट्रीटमेंट भी दे रहे हैं. बॉर्डर के पास होने के कारण वायरस पाकिस्तान से फैल सकता है. इन आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. कई पशुओं का मूवमेंट रहता है. गाय-भैंसों पर बैठने वाले पक्षी और मक्खियां भी बीमारी को बढ़ा रहे हैं.

प्रदेश के पशुपालकों में बढ़ी चिंता : राजस्थान देश के अग्रणी पशुपालक राज्यों में शुमार होता है. पशुधन के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम आता है, जहां पर करीब 5 करोड़ 68 लाख के आसपास पशुधन है. 20वीं पशु गणना के मुताबिक राजस्थान में एक करोड़ 39 लाख के आसपास गाय हैं, जो कि देश में छठवें स्थान पर है. इसी तरह से एक करोड़ 33 लाख भैंसों के साथ राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर हैं. प्रदेश में करीब 80 लाख भेड़ और दो करोड़ 84 लाख बकरियां भी मौजूद हैं. ऊंटों की संख्या 21 लाख 30 हजार है और इस लिहाज से राजस्थान सबसे ज्यादा ऊंटों वाला राज्य भी है. प्रदेश में पशुधन आम आदमी का एक बड़ा स्रोत है. इस वजह से अब पशुपालक भी चिंतित है कि अगर लंपी वायरस का कहर वक्त के साथ बढ़ने लगा और पशुओं में एक के बाद एक लक्षण सामने आने लगे तो कहीं उनकी दाल-रोटी भी खतरे में न पड़ जाए.

Lumpy Skin Disease in Rajasthan
बेनीवाल के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री का रीट्वीट...

हनुमान बेनीवाल ने भी किया था ट्वीट : नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए राजस्थान सरकार के पशुपालन मंत्री से जिले सहित राजस्थान में पशुओं में फैली लंपी बीमारी को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि पशुपालक की स्थिति (Lumpy Skin Disease in Nagaur) खराब हो रही है. पशुओं की बीमारी से मौतों के कारण पशुपालकों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने रीट्वीट करते हुए मंत्रालय की ओर से राजस्थान टीम भेजने की जानकारी दी.

भाजपा ने की पुख्ता इंतजाम की मांग : लंपी वायरस एक तरफ लगातार बढ़ता जा रहा है. पूरे पश्चिमी राजस्थान को अपनी जद में लेने के बाद इस वायरस के कुछ मामले पूर्वी राजस्थान में भी देखे गए हैं. उत्तरी राजस्थान में भी इस वायरस के प्रकोप का असर दिखने लग गया है. केंद्र सरकार की ओर से टीम गठित करके राजस्थान भेजी गई है तो वहीं राज्य सरकार ने भी अपने स्तर पर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं. इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने मांग की है कि सरकार को इन पशुओं को बचाने के लिए और अधिक गंभीरता के साथ काम करने की जरूरत है. दाधीच ने मांग की है कि राजस्थान में संक्रमित पशुओं को अलग स्थान पर रखकर इलाज किया जाए. मुकेश दाधीच ने कहा कि सरकार की लेटलतीफी का खामियाजा कहीं किसानों को ना उठाना पड़े, इस बात का ख्याल रखना जरूरी है.

पढ़ें : लंपी वायरस बनी पशुओं की जान की दुश्मन : कल राजस्थान का दौरा करेगी सेंट्रल टीम, बनेंगे कंट्रोल रूम...बेनीवाल ने भी लिखा पत्र

केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करें काम : किसान महापंचायत के संयोजक रामपाल जाट ने भी लंपी वायरस के मामले में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर सवाल खड़े किए तो वहीं केंद्र सरकार पर भी अंगुलियां उठाई. रामपाल जाट ने कहा कि केंद्र और राज्य को मिलकर इस महामारी से मुकाबला करना चाहिए. राजस्थान कृषि और पशुपालन प्रधान राज्य है. ऐसे में एक बड़े तबके के लिए पशुपालन ही आय का जरिया है. अगर इस बीमारी के प्रकोप में आने से पशुधन को हानि होती है, तो सीधा-सीधा अर्थव्यवस्था पर इसका असर होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गाय के मसले पर राजनीति करती है. ऐसे में यह वक्त है जब गाय के लिए काम किया जाए और सरकारें इस दिशा में अपनी गंभीरता जाहिर करें.

राजेंद्र राठौड़ ने क्या कहा...

राठौड़ ने क्या कहा ? : लंपी वायरस के मामले में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी (Rajendra Rathore on Lumpy Virus) गहलोत सरकार को चेताया है. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले भी ट्वीट करके प्रदेश सरकार से इस मसले पर व्यापक प्रबंधन के इंतजाम की बात कही गई थी. राजस्थान पशु प्रधान राज्य है और किसानों की अर्थव्यवस्था पशुओं पर आधारित है. लिहाजा, सरकार को इस तरह ध्यान देना चाहिए.

जयपुर. पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान में हजारों पशुपालकों के लिए संक्रामक गांठदार त्वचा रोग लंपी अब परेशानी का सबब बन गया है. इस बीमारी के चलते राजस्थान में दो हजार से ज्यादा मवेशी काल का ग्रास बन चुके हैं. वहीं, बीते 3 महीने में लगभग 25,000 पशुओं में यह बीमारी फैल गई है. वहीं, केंद्रीय पशुपालन व डेयरी राज्यमंत्री संजीव बालियान ने मंत्रालय स्तर की टीम को राजस्थान भेजने के निर्देश दिए थे. उन्होंने सोमवार को ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी थी. केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट में बताया कि मंत्रालय ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है. IPRI, NIHSD मंत्रालय FAHD के विशेषज्ञों और अधिकारियों की टीम राजस्थान पहुंच जाएगी. टीम में शामिल विशेषज्ञ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति का आंकलन करेंगे. साथ ही बीमार पशुओं व पशुपालकों को नुकसान नहीं हो, इसे लेकर समाधान निकालेंगे.

लंपी का शिकार, आंकड़ा दो हजार के पार : पाकिस्तान के रास्ते भारत आई खतरनाक और वायरल बीमारी 'लंपी' से राजस्थान में गौवंश की मौतों का आंकड़ा 2100 हो गया है. जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित 10 जिलों में यह संक्रामक बीमारी (Deaths of Cows Due to Lumpy Disease in Rajasthan) कहर बरपा रही है. 40 हजार से ज्यादा गौवंश इसकी चपेट में आ चुके हैं. 90 प्रतिशत गायें इस बीमारी का शिकार होकर दम तोड़ रही हैं. बैल, सांड, भैसों में भी यह बीमारी फैल रही है. केवल लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जा रहा है.

किसने क्या कहा, सुनिए...

इस बीच प्रदेश स्तर पर एक टीम ने सोमवार को सर्वाधिक लंपी वायरस प्रभावित (Gehlot Government Action Plan for Lumpy Virus) जोधपुर और नागौर का दौरा किया. एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डॉ. एनएम सिंह के मुताबिक जांच के लिए टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही भी जाएगी. डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात बॉर्डर से सटे जिलों में अलर्ट जारी किया गया है. वहां निगरानी रखी जा रही है. प्रदेश के मेडिकल एक्सपर्ट्स को अंदेशा है कि पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बहावलनगर के रास्ते होकर इसकी देश में फिर से एंट्री हुई है. इस बीमारी का कोई इफेक्टिव इलाज भी मौजूद नहीं है. यह सबसे बड़ी चिन्ता की बात है.

पैर पसार रही है बीमारी : राजस्थान के पशु पालन विभाग से जुड़े एक्सपर्ट का कहना है कि लंपी वायरस का शिकार 90 फीसदी गायों में यह बीमारी है. भैंस भी इसकी चपेट में आ रही हैं. रविवार को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान बताया गया था कि मेडिसिन उपलब्ध करवाने के निर्देश सभी जिलों में दे दिए हैं. इमरजेंसी फंड में 1-1 लाख रुपये हर जिले को पहले ही दे दिया गया है. अलग-अलग जिलों में डिमांड के हिसाब से अब फंड दिया जा रहा है. जैसलमेर में 5 लाख रुपये और दिए गए हैं, सभी प्रभावित जिलों में टीमें लगा दी हैं. पड़ोसी जिलों से भी टीमें भेजी जा रही हैं. नोडल अधिकारी और कलेक्टर्स लगातार मीटिंग कर रहे हैं. पशुपालन मंत्री और सचिव ने सभी जिला कलेक्टर से खुद बात की है. कलेक्टर्स को मॉनिटरिंग रखने को कहा है.

यह लक्षण आ रहे हैं नजर : लंपी वायरस का शिकार होने के बाद गाय के पूरे शरीर पर नरम गोल गांठे पड़ जाती हैं. गाय दूध देना भी कम कर देती है. छाले फूटने के साथ ही संक्रमण और ज्यादा बढ़ जाता है. पूरे शरीर पर नाड्यूलर के रूप में यह नर्म गांठें फूटती रहती हैं और इनसे द्रव्य रिसता रहता है. इस घाव पर मक्खियां बैठकर इस वायरस को दूसरे पशुओं तक पहुंचा रही हैं, साथ ही प्रभावित पशु के संपर्क में आने से भी दूसरे पशु इसका शिकार हो रहे हैं.

केंद्र से मांगी गई मदद : भारत सरकार से डिजीज कंट्रोल प्लान के तहत राजस्थान ने पैसा मांगा है. स्वास्थ्य विभाग ने प्लान बनाकर केन्द्र को भेज दिया है. 2-3 दिन में अप्रूव करने का केंद्र ने वादा किया है. इस बीमारी में फिलहाल पशुओं की डेथ रेट 2 से 3 फीसदी तक है. इस सिलसिले में पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव पी. सी. किशन ने बताया था कि यह वायरस लोगों में नहीं फैलता है. इलाज के लिए पशुओं को एंटीबायोटिक्स के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. सपोर्टिंव ट्रीटमेंट भी दे रहे हैं. बॉर्डर के पास होने के कारण वायरस पाकिस्तान से फैल सकता है. इन आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. कई पशुओं का मूवमेंट रहता है. गाय-भैंसों पर बैठने वाले पक्षी और मक्खियां भी बीमारी को बढ़ा रहे हैं.

प्रदेश के पशुपालकों में बढ़ी चिंता : राजस्थान देश के अग्रणी पशुपालक राज्यों में शुमार होता है. पशुधन के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद देश में दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम आता है, जहां पर करीब 5 करोड़ 68 लाख के आसपास पशुधन है. 20वीं पशु गणना के मुताबिक राजस्थान में एक करोड़ 39 लाख के आसपास गाय हैं, जो कि देश में छठवें स्थान पर है. इसी तरह से एक करोड़ 33 लाख भैंसों के साथ राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर हैं. प्रदेश में करीब 80 लाख भेड़ और दो करोड़ 84 लाख बकरियां भी मौजूद हैं. ऊंटों की संख्या 21 लाख 30 हजार है और इस लिहाज से राजस्थान सबसे ज्यादा ऊंटों वाला राज्य भी है. प्रदेश में पशुधन आम आदमी का एक बड़ा स्रोत है. इस वजह से अब पशुपालक भी चिंतित है कि अगर लंपी वायरस का कहर वक्त के साथ बढ़ने लगा और पशुओं में एक के बाद एक लक्षण सामने आने लगे तो कहीं उनकी दाल-रोटी भी खतरे में न पड़ जाए.

Lumpy Skin Disease in Rajasthan
बेनीवाल के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री का रीट्वीट...

हनुमान बेनीवाल ने भी किया था ट्वीट : नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट करते हुए राजस्थान सरकार के पशुपालन मंत्री से जिले सहित राजस्थान में पशुओं में फैली लंपी बीमारी को लेकर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि पशुपालक की स्थिति (Lumpy Skin Disease in Nagaur) खराब हो रही है. पशुओं की बीमारी से मौतों के कारण पशुपालकों को बड़ा नुकसान हो रहा है. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने रीट्वीट करते हुए मंत्रालय की ओर से राजस्थान टीम भेजने की जानकारी दी.

भाजपा ने की पुख्ता इंतजाम की मांग : लंपी वायरस एक तरफ लगातार बढ़ता जा रहा है. पूरे पश्चिमी राजस्थान को अपनी जद में लेने के बाद इस वायरस के कुछ मामले पूर्वी राजस्थान में भी देखे गए हैं. उत्तरी राजस्थान में भी इस वायरस के प्रकोप का असर दिखने लग गया है. केंद्र सरकार की ओर से टीम गठित करके राजस्थान भेजी गई है तो वहीं राज्य सरकार ने भी अपने स्तर पर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं. इन सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने मांग की है कि सरकार को इन पशुओं को बचाने के लिए और अधिक गंभीरता के साथ काम करने की जरूरत है. दाधीच ने मांग की है कि राजस्थान में संक्रमित पशुओं को अलग स्थान पर रखकर इलाज किया जाए. मुकेश दाधीच ने कहा कि सरकार की लेटलतीफी का खामियाजा कहीं किसानों को ना उठाना पड़े, इस बात का ख्याल रखना जरूरी है.

पढ़ें : लंपी वायरस बनी पशुओं की जान की दुश्मन : कल राजस्थान का दौरा करेगी सेंट्रल टीम, बनेंगे कंट्रोल रूम...बेनीवाल ने भी लिखा पत्र

केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर करें काम : किसान महापंचायत के संयोजक रामपाल जाट ने भी लंपी वायरस के मामले में राज्य सरकार के कामकाज को लेकर सवाल खड़े किए तो वहीं केंद्र सरकार पर भी अंगुलियां उठाई. रामपाल जाट ने कहा कि केंद्र और राज्य को मिलकर इस महामारी से मुकाबला करना चाहिए. राजस्थान कृषि और पशुपालन प्रधान राज्य है. ऐसे में एक बड़े तबके के लिए पशुपालन ही आय का जरिया है. अगर इस बीमारी के प्रकोप में आने से पशुधन को हानि होती है, तो सीधा-सीधा अर्थव्यवस्था पर इसका असर होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गाय के मसले पर राजनीति करती है. ऐसे में यह वक्त है जब गाय के लिए काम किया जाए और सरकारें इस दिशा में अपनी गंभीरता जाहिर करें.

राजेंद्र राठौड़ ने क्या कहा...

राठौड़ ने क्या कहा ? : लंपी वायरस के मामले में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी (Rajendra Rathore on Lumpy Virus) गहलोत सरकार को चेताया है. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले भी ट्वीट करके प्रदेश सरकार से इस मसले पर व्यापक प्रबंधन के इंतजाम की बात कही गई थी. राजस्थान पशु प्रधान राज्य है और किसानों की अर्थव्यवस्था पशुओं पर आधारित है. लिहाजा, सरकार को इस तरह ध्यान देना चाहिए.

Last Updated : Aug 2, 2022, 8:13 PM IST
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