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जयपुर में लंपी वायरस का प्रकोप, निराश्रित गायों में से एक तिहाई लंपी संक्रमित

राजधानी जयपुर में गायों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. शहर से हिंगोनिया गौशाला पहुंच रही निराश्रित गायों में से एक तिहाई गाएं लंपी से संक्रमित (Lumpy Virus in Jaipur) है.

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निराश्रित गायों में से एक तिहाई गायें लंपी संक्रमित
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Published : Sep 12, 2022, 1:23 PM IST

जयपुर. राजधानी के भीतर भी गायों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. निगम की ओर से हिंगोनिया गौशाला पकड़ कर ले जाई जा रही निराश्रित गायों में हर दिन 20 से 25 गाय लंपी वायरस से संक्रमित (Lumpy Virus in Jaipur) मिल रही हैं. इनमें से तकरीबन दो से तीन की मौत भी हो रही है. हालांकि गौशाला में तैनात वरिष्ठ डॉक्टर इसे लंपी की बजाए पॉलिथीन खाने से मौत का नाम दे रहे हैं. उधर, संसाधनों के अभाव और हर दिन मिल रही शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए ग्रेटर निगम उपमहापौर ने नगर निगम को विशेष टीम का गठन कर गौशाला में आइसोलेशन सेंटर में समुचित उपचार की व्यवस्था करने के लिए नोटशीट चलाई है.

लंपी से संक्रमित गायों को अलग रखा जाए: जयपुर की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला को सरकार ने डायरेक्शन दिए हैं कि लंपी से बीमार गायों को अलग रखा जाए. ऐसे में लंपी से संक्रमित गायों को बाड़ा नंबर 11 में रखा जा रहा है. लेकिन यहां गोवंश की बढ़ती संख्या और उसके अनुसार व्यवस्था नहीं होने के चलते परेशानी भी आ रही है. वर्तमान में हिंगोनिया गौशाला में करीब 15 हजार गायों को रखने की व्यवस्था है. लेकिन इस समय करीब 14 हजार 500 गोवंश गौशाला में मौजूद है. वहीं जयपुर शहर से हर दिन तकरीबन 70 निराश्रित गाय गौशाला में पहुंचाई जा रही है. इनमें से 20 से 25 गायों में लंपी वायरस देखा जा रहा है. गौशाला का काम देख रही अक्षय पात्र ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यहां 19 अगस्त से लंपी संक्रमित गायों को आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई. लेकिन शहरों से जो गाय यहां लाई जा रही हैं, उनकी हालत बेहद खराब रहती है और तकरीबन 2 से 3 गाय हर दिन इस संक्रमण का शिकार भी हो रही है.

पशु चिकित्सक कृष्ण कुमार मौर्य का बयान

पढ़ें: Lumpy in Rajasthan: जयपुर में 44 हजार से अधिक गायें संक्रमित, 1660 की मौत...4.5 फीसदी वैक्सीनेटेड

हर रोज करीब 50 गायों की मौत: आंकड़ों की बात करें तो हिंगोनिया गौशाला में हर रोज 40 से 50 गायों की मौत हो रही है. यहां वरिष्ठ पशु चिकित्सक कृष्ण कुमार मौर्य गायों के मरने के बाद को तो स्वीकारा. लेकिन लंपी से गाय मर रही हैं. इस पर पशु चिकित्सक बचते हुए नजर आए. डॉ. मौर्य ने बताया की अभी गौशाला में 70 से 80 गाय वायरस से ग्रसित हैं. जिनका इलाज चल रहा है और अब तक 893 गायों का इलाज किया जा चुका है.

उधर, शहरी सरकारों के पास संसाधनों का अभाव देखने को मिल रहा है. दोनों निगमों के पास तीन-तीन एंबुलेंस और महज सात पिंजरे हैं. जबकि हर दिन करीब 150 से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. जिनका निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा. जानकारी के अनुसार राजधानी में लंपी वायरस से करीब 2000 गोवंश की मौत हो चुकी है और समय पर उनका निस्तारण नहीं होने के चलते लोगों में नाराजगी है. वहीं, लंपी वायरस से गायों की मौत के मामले में ग्रेटर नगर निगम के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट ने नोट शीट चलाकर निगम प्रशासन को निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा और राज्य सरकार आमने-सामने

डिप्टी मेयर ने संक्रमित गायों के मसले पर निगम प्रशासन को ध्यान दिलाते हुए कहा है कि गोपालक जयपुर में लंपी वायरस संक्रमित गायों को खुले के छोड़ रहे हैं. जिससे यहां रोग का खतरा फेल रहा है. ऐसे में गोवंश को बचाने के लिए नगर निगम को विशेष टीम का गठन कर गोशाला में आइसोलेशन सेंटर में समुचित उपचार की व्यवस्था करने को कहा है. इसी के साथ निगम को पर्याप्त संसाधन, मैनपावर और महामारी को देखते हुए अलग से बजट भी जारी करने को कहा हैं.

जयपुर. राजधानी के भीतर भी गायों में लंपी वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. निगम की ओर से हिंगोनिया गौशाला पकड़ कर ले जाई जा रही निराश्रित गायों में हर दिन 20 से 25 गाय लंपी वायरस से संक्रमित (Lumpy Virus in Jaipur) मिल रही हैं. इनमें से तकरीबन दो से तीन की मौत भी हो रही है. हालांकि गौशाला में तैनात वरिष्ठ डॉक्टर इसे लंपी की बजाए पॉलिथीन खाने से मौत का नाम दे रहे हैं. उधर, संसाधनों के अभाव और हर दिन मिल रही शिकायतों को मद्देनजर रखते हुए ग्रेटर निगम उपमहापौर ने नगर निगम को विशेष टीम का गठन कर गौशाला में आइसोलेशन सेंटर में समुचित उपचार की व्यवस्था करने के लिए नोटशीट चलाई है.

लंपी से संक्रमित गायों को अलग रखा जाए: जयपुर की सबसे बड़ी हिंगोनिया गौशाला को सरकार ने डायरेक्शन दिए हैं कि लंपी से बीमार गायों को अलग रखा जाए. ऐसे में लंपी से संक्रमित गायों को बाड़ा नंबर 11 में रखा जा रहा है. लेकिन यहां गोवंश की बढ़ती संख्या और उसके अनुसार व्यवस्था नहीं होने के चलते परेशानी भी आ रही है. वर्तमान में हिंगोनिया गौशाला में करीब 15 हजार गायों को रखने की व्यवस्था है. लेकिन इस समय करीब 14 हजार 500 गोवंश गौशाला में मौजूद है. वहीं जयपुर शहर से हर दिन तकरीबन 70 निराश्रित गाय गौशाला में पहुंचाई जा रही है. इनमें से 20 से 25 गायों में लंपी वायरस देखा जा रहा है. गौशाला का काम देख रही अक्षय पात्र ट्रस्ट से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि यहां 19 अगस्त से लंपी संक्रमित गायों को आइसोलेट करने की व्यवस्था की गई. लेकिन शहरों से जो गाय यहां लाई जा रही हैं, उनकी हालत बेहद खराब रहती है और तकरीबन 2 से 3 गाय हर दिन इस संक्रमण का शिकार भी हो रही है.

पशु चिकित्सक कृष्ण कुमार मौर्य का बयान

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हर रोज करीब 50 गायों की मौत: आंकड़ों की बात करें तो हिंगोनिया गौशाला में हर रोज 40 से 50 गायों की मौत हो रही है. यहां वरिष्ठ पशु चिकित्सक कृष्ण कुमार मौर्य गायों के मरने के बाद को तो स्वीकारा. लेकिन लंपी से गाय मर रही हैं. इस पर पशु चिकित्सक बचते हुए नजर आए. डॉ. मौर्य ने बताया की अभी गौशाला में 70 से 80 गाय वायरस से ग्रसित हैं. जिनका इलाज चल रहा है और अब तक 893 गायों का इलाज किया जा चुका है.

उधर, शहरी सरकारों के पास संसाधनों का अभाव देखने को मिल रहा है. दोनों निगमों के पास तीन-तीन एंबुलेंस और महज सात पिंजरे हैं. जबकि हर दिन करीब 150 से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं. जिनका निस्तारण समय पर नहीं हो पा रहा. जानकारी के अनुसार राजधानी में लंपी वायरस से करीब 2000 गोवंश की मौत हो चुकी है और समय पर उनका निस्तारण नहीं होने के चलते लोगों में नाराजगी है. वहीं, लंपी वायरस से गायों की मौत के मामले में ग्रेटर नगर निगम के डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट ने नोट शीट चलाकर निगम प्रशासन को निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा और राज्य सरकार आमने-सामने

डिप्टी मेयर ने संक्रमित गायों के मसले पर निगम प्रशासन को ध्यान दिलाते हुए कहा है कि गोपालक जयपुर में लंपी वायरस संक्रमित गायों को खुले के छोड़ रहे हैं. जिससे यहां रोग का खतरा फेल रहा है. ऐसे में गोवंश को बचाने के लिए नगर निगम को विशेष टीम का गठन कर गोशाला में आइसोलेशन सेंटर में समुचित उपचार की व्यवस्था करने को कहा है. इसी के साथ निगम को पर्याप्त संसाधन, मैनपावर और महामारी को देखते हुए अलग से बजट भी जारी करने को कहा हैं.

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