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हनुमान जयंती : विशेष योग में मंगलवार को मनाई जायेगी हनुमान जयंती, भक्त रखेंगे उपवास

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को श्रीराम भक्त हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जायेगा. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विशेष पूजा उपासना करने का प्रावधान है. जिनकी भक्ति से सभी संकट दूर हो जाते हैं और भय से मुक्ति मिलती हैं, साथ ही आत्मविश्वास भी बढ़ता है और सभी तरह के ग्रह दोष भी दूर हो जाते हैं.

Lord Hanuman's birth anniversary
हनुमान जयंती मंगलवार को
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Published : Apr 26, 2021, 10:20 PM IST

जयपुर. ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाते हैं. जो इस बार 27 अप्रैल मंगलवार को है. वही यह दिन भी बहुत खास है क्योंकि मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है और इसी दिन हनुमान जयंती है. वही उच्च राशि मकर के रहते हुए हनुमानजी का जन्म हुआ था. मंगलवार के दिन का हनुमान जी से गहरा संबंध है, क्योंकि उनका जन्म मंगलवार को हुआ और उनके आराध्य श्रीराम का जन्म भी मंगलवार को ही हुआ था. तब भी श्री राम जन्म के समय मंगल उच्च की राशि मकर में ही स्थित था.

वहीं इस साल हनुमान जयंती पर भी सूर्य उच्च का रहेगा. शनि स्वराशि मकर में और गुरु कुंभ राशि में होगा. वहीं सूर्य, बुध व शुक्र का योग मेष राशि बना हुआ है. साथ ही राहु वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में होगा. हनुमान जयंती पर भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना के दौरान विधिवत रूप से चोला चढ़ाए.

पढ़ें- हनुमान जन्मस्थान : टीटीडी के दावे को शोधकर्ताओं ने बचकाना बताया, जानिए प्रतिक्रिया

इसके लिए सबसे पहले चमेली तेल, सिंदूर, वर्क, माला, केवड़े का इत्र, पान के साथ बूंदी का प्रसाद लेकर उन्हें अर्पित करें. साथ ही मंत्रोच्चार के जप के साथ वीर बजरंगबली का ध्यान करें.

ऐसी मान्यता की हनुमान जयंती के दिन बहुत से लोग हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा और उपासना के साथ ही व्रत रखते हैं. हनुमान जी को संकटमोचक इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी संकट और कष्ट दूर कर देते हैं. इसलिए हनुमान जी का व्रत करने पर जातक पर विशेष कृपा बरसती है और बड़े से बड़े संकट से उन्हें मुक्ति मिलती है.

जयपुर. ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाते हैं. जो इस बार 27 अप्रैल मंगलवार को है. वही यह दिन भी बहुत खास है क्योंकि मंगलवार का दिन हनुमान जी का होता है और इसी दिन हनुमान जयंती है. वही उच्च राशि मकर के रहते हुए हनुमानजी का जन्म हुआ था. मंगलवार के दिन का हनुमान जी से गहरा संबंध है, क्योंकि उनका जन्म मंगलवार को हुआ और उनके आराध्य श्रीराम का जन्म भी मंगलवार को ही हुआ था. तब भी श्री राम जन्म के समय मंगल उच्च की राशि मकर में ही स्थित था.

वहीं इस साल हनुमान जयंती पर भी सूर्य उच्च का रहेगा. शनि स्वराशि मकर में और गुरु कुंभ राशि में होगा. वहीं सूर्य, बुध व शुक्र का योग मेष राशि बना हुआ है. साथ ही राहु वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में होगा. हनुमान जयंती पर भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना के दौरान विधिवत रूप से चोला चढ़ाए.

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इसके लिए सबसे पहले चमेली तेल, सिंदूर, वर्क, माला, केवड़े का इत्र, पान के साथ बूंदी का प्रसाद लेकर उन्हें अर्पित करें. साथ ही मंत्रोच्चार के जप के साथ वीर बजरंगबली का ध्यान करें.

ऐसी मान्यता की हनुमान जयंती के दिन बहुत से लोग हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूजा और उपासना के साथ ही व्रत रखते हैं. हनुमान जी को संकटमोचक इसलिए कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी संकट और कष्ट दूर कर देते हैं. इसलिए हनुमान जी का व्रत करने पर जातक पर विशेष कृपा बरसती है और बड़े से बड़े संकट से उन्हें मुक्ति मिलती है.

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