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राजस्थान के बॉर्डर इलाकों में फिर हो सकता है टिड्डी दल का अटैक, पाकिस्तान में देखी गई बड़ी तादाद में टिड्डियों का झुंड

साल 1993 के बाद प्रदेश में टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला 6 महीने बाद भी जारी है. वहीं, 2 दिन में फिर से प्रदेश के बॉर्डर इलाकों में टिड्डियों के हमला की आशंका जताई जा रही है. राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए टिड्डियों पर छिड़काव की दवाइयों पर 100 फीसदी अनुदान कृषि आयुक्त को भेजा दिया है.

टिड्डी दल हमला न्यूज  , Rajasthan locust attack
टिड्डी दल हमला
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Published : Jan 3, 2020, 6:31 PM IST

जयपुर. पाकिस्तान से घुसपैठ की खबरें आम होती है, लेकिन इस बार जो घुसपैठ राजस्थान में पाकिस्तान के रास्ते हो रही है उस घुसपैठ ने राजस्थान के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बता दें कि टिड्डी दल बीते 6 महीनों से लगातार राजस्थान की बॉर्डर सीमा में प्रवेश कर रहा है. अब तक टिड्डी दल 7 जिलों में करीब 150 करोड़ रुपए के किसानों की फसल का नुकसान कर चुका है.

बॉर्डर इलाकों में फिर हो सकता है टिड्डी दल का अटैक

आमतौर पर देखा जाता था कि यह टिड्डी दल मई के महीने में राजस्थान में प्रवेश करता था और एक-दो महीनों तक सक्रिय रहता था. लेकिन साल 1993 के बाद यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी तादाद में टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में आया है और लगातार 6 महीने से किसानों को परेशान कर रहा है. हालांकि माना जाता था कि टिड्डी दल सर्दियों में नहीं आता है, लेकिन इस बार वह मान्यता भी टूट गई है.

पढ़ें- स्पेशलः 300 गांव में टिड्डी दल का तांडव, लाखों हेक्टेयर फसल तबाह लेकिन प्रशासन नाकाम

वहीं, सरकार के सामने अब एक नई मुसीबत भी पाकिस्तान के रास्ते आने को तैयार है क्योंकि टिड्डी दल का एक बड़ा झुंड अब पाकिस्तान की सीमा पर भूभाग में दिखाई दे रहा है, जो करीब 50 किलोमीटर का हो सकता है. ऐसे में राज्य सरकार पहले से ही हरकत में आ गई है और इसे रोकने का प्रयास कर रही है. शुक्रवार को ही कृषि आयुक्त को जैसलमेर के सम इलाके में भेजा गया है. वहीं राज्य सरकार ने टिड्डी से बचाव और राहत के लिए किसानों को छिड़काव की दवाइयां फ्री में देना शुरू कर दिया है.

बता दें कि पहले यह दवाएं 50 फीसदी के अनुदान पर किसानों को मिलती थी. कृषि विभागीय मानकर चल रहा है कि जैसे ही बॉर्डर के इलाके में बादल छठ आएंगे और हवा चलेगी यह टिड्डी दल बॉर्डर के इलाकों में प्रवेश कर जाएगा. वहीं, इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि इंटरनेशनल लेवल पर इसे उठाया जाए ताकि पाकिस्तान में टिड्डियों पर दवाई का छिड़काव किया जा सके.

गिरदावरी की रिपोर्ट आने के बाद मिलेगा मुआवजा

टिड्डी दल के हमले से बीते 6 महीने से राजस्थान के साथ सीमावर्ती जिले जो पाकिस्तान से जुड़े हैं वहां जबरदस्त नुकसान हो रहा है. जैसलमेर, बाड़मेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और जोधपुर यह तमाम वह इलाके हैं जहां टिड्डी दल ने किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में जिन किसानों का क्रॉप इंश्योरेंस हो चुका है उन्हें उसके माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए गिरदावरी के आदेश भी दिए जा चुके हैं. गिरदावरी की रिपोर्ट आगामी 4 से 5 दिनों में आ जाएगी, जिसके बाद मुआवजा देने का काम शुरू हो जाएगा.

पढ़ें- टिड्डी दल मामले पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, कहा- जो मशीनें राजस्थान के लिए भेजी, उन्हें मोदी सरकार ने गुजरात भेजा

मई महीने में राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डी दल ने आज 6 महीने से ज्यादा हो जाने पर भी राजस्थान के किसानों को परेशान कर रखा है. टिड्डी एक बार में 150 अंडे देती है और 10 दिन में वह फिर अंडे देने की प्रक्रिया शुरू कर देती है. इस तरह से टिड्डी दल बहुत कम समय में बड़ा भी हो जाता है और फिर से अंडे देने लग जाता है. उन्हें अगर अंडे देने के समय ही समाप्त कर दिया जाए तो यह सबसे बेहतर विकल्प होता है. लेकिन टिड्डी दल पाकिस्तान से आती है तो पाकिस्तान में भारत की ओर से सीमा पार इन पर दवाई का छिड़काव नहीं हो सकता है.

कीटनाशक से इंसान को हो सकता है खतरा

सरकार के सामने मुसीबत यह है कि ना तो टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव होने वाला कीटनाशक इतना जहरीला है कि उसमें 96 फीसदी तक जहर है. ऐसे में इतने जहरीले कीटनाशक को हेलीकॉप्टर से नहीं छिड़का जा सकता क्योंकि इससे जानवरों और इंसानों को खतरा हो सकता है. टिड्डी दल पर छिड़काव को निचले स्तर पर ही किया जा सकता है.

वहीं, भारत सरकार के पास 43 मशीनें हैं जो अमेरिका और जर्मनी से आती है. यह मशीनें भी टिड्डी दल के कई सालों से नहीं आने के चलते अपग्रेड नहीं की गई है. कृषि विभाग के सामने मुसीबत यह है कि बॉर्डर इलाके में गोडावण संरक्षित क्षेत्र और आर्मी का क्षेत्र आता है जहां पर अंदर जाने के लिए पहले परमिशन लेनी होती है जो एक लंबी प्रक्रिया है. वहीं टिड्डी दल केवल रात को ही फसलों को नुकसान पहुंचाता है, ऐसे में यह स्प्रे रात को ही किया जा सकता है.

टिड्डी दल के रोकथाम में लगे हैं 115 कर्मचारी और अधिकारी

राज्य सरकार ने 115 कर्मचारी और अधिकारी टिड्डी दल से रोकथाम के लिए लगाए हुए हैं. सरकार इस बात को भी लेकर चिंतित है कि अगर टिड्डी दल इसी तरीके से आगे और आया तो मुसीबत यह हो जाएगी की खेतों में चढ़कर गए कीटनाशक का असर अगली फसलों पर होगा. तो वहीं जब कीटनाशक टिड्डी दल के ऊपर डाला जाता है तो वह सीधा पानी में पहुंचता है जिससे पानी भी जहरीला होने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में सरकार के पास टिड्डी दल से बचाव के बहुत ही सीमित संसाधन है.

जयपुर. पाकिस्तान से घुसपैठ की खबरें आम होती है, लेकिन इस बार जो घुसपैठ राजस्थान में पाकिस्तान के रास्ते हो रही है उस घुसपैठ ने राजस्थान के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बता दें कि टिड्डी दल बीते 6 महीनों से लगातार राजस्थान की बॉर्डर सीमा में प्रवेश कर रहा है. अब तक टिड्डी दल 7 जिलों में करीब 150 करोड़ रुपए के किसानों की फसल का नुकसान कर चुका है.

बॉर्डर इलाकों में फिर हो सकता है टिड्डी दल का अटैक

आमतौर पर देखा जाता था कि यह टिड्डी दल मई के महीने में राजस्थान में प्रवेश करता था और एक-दो महीनों तक सक्रिय रहता था. लेकिन साल 1993 के बाद यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी तादाद में टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में आया है और लगातार 6 महीने से किसानों को परेशान कर रहा है. हालांकि माना जाता था कि टिड्डी दल सर्दियों में नहीं आता है, लेकिन इस बार वह मान्यता भी टूट गई है.

पढ़ें- स्पेशलः 300 गांव में टिड्डी दल का तांडव, लाखों हेक्टेयर फसल तबाह लेकिन प्रशासन नाकाम

वहीं, सरकार के सामने अब एक नई मुसीबत भी पाकिस्तान के रास्ते आने को तैयार है क्योंकि टिड्डी दल का एक बड़ा झुंड अब पाकिस्तान की सीमा पर भूभाग में दिखाई दे रहा है, जो करीब 50 किलोमीटर का हो सकता है. ऐसे में राज्य सरकार पहले से ही हरकत में आ गई है और इसे रोकने का प्रयास कर रही है. शुक्रवार को ही कृषि आयुक्त को जैसलमेर के सम इलाके में भेजा गया है. वहीं राज्य सरकार ने टिड्डी से बचाव और राहत के लिए किसानों को छिड़काव की दवाइयां फ्री में देना शुरू कर दिया है.

बता दें कि पहले यह दवाएं 50 फीसदी के अनुदान पर किसानों को मिलती थी. कृषि विभागीय मानकर चल रहा है कि जैसे ही बॉर्डर के इलाके में बादल छठ आएंगे और हवा चलेगी यह टिड्डी दल बॉर्डर के इलाकों में प्रवेश कर जाएगा. वहीं, इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि इंटरनेशनल लेवल पर इसे उठाया जाए ताकि पाकिस्तान में टिड्डियों पर दवाई का छिड़काव किया जा सके.

गिरदावरी की रिपोर्ट आने के बाद मिलेगा मुआवजा

टिड्डी दल के हमले से बीते 6 महीने से राजस्थान के साथ सीमावर्ती जिले जो पाकिस्तान से जुड़े हैं वहां जबरदस्त नुकसान हो रहा है. जैसलमेर, बाड़मेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और जोधपुर यह तमाम वह इलाके हैं जहां टिड्डी दल ने किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में जिन किसानों का क्रॉप इंश्योरेंस हो चुका है उन्हें उसके माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए गिरदावरी के आदेश भी दिए जा चुके हैं. गिरदावरी की रिपोर्ट आगामी 4 से 5 दिनों में आ जाएगी, जिसके बाद मुआवजा देने का काम शुरू हो जाएगा.

पढ़ें- टिड्डी दल मामले पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, कहा- जो मशीनें राजस्थान के लिए भेजी, उन्हें मोदी सरकार ने गुजरात भेजा

मई महीने में राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डी दल ने आज 6 महीने से ज्यादा हो जाने पर भी राजस्थान के किसानों को परेशान कर रखा है. टिड्डी एक बार में 150 अंडे देती है और 10 दिन में वह फिर अंडे देने की प्रक्रिया शुरू कर देती है. इस तरह से टिड्डी दल बहुत कम समय में बड़ा भी हो जाता है और फिर से अंडे देने लग जाता है. उन्हें अगर अंडे देने के समय ही समाप्त कर दिया जाए तो यह सबसे बेहतर विकल्प होता है. लेकिन टिड्डी दल पाकिस्तान से आती है तो पाकिस्तान में भारत की ओर से सीमा पार इन पर दवाई का छिड़काव नहीं हो सकता है.

कीटनाशक से इंसान को हो सकता है खतरा

सरकार के सामने मुसीबत यह है कि ना तो टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव होने वाला कीटनाशक इतना जहरीला है कि उसमें 96 फीसदी तक जहर है. ऐसे में इतने जहरीले कीटनाशक को हेलीकॉप्टर से नहीं छिड़का जा सकता क्योंकि इससे जानवरों और इंसानों को खतरा हो सकता है. टिड्डी दल पर छिड़काव को निचले स्तर पर ही किया जा सकता है.

वहीं, भारत सरकार के पास 43 मशीनें हैं जो अमेरिका और जर्मनी से आती है. यह मशीनें भी टिड्डी दल के कई सालों से नहीं आने के चलते अपग्रेड नहीं की गई है. कृषि विभाग के सामने मुसीबत यह है कि बॉर्डर इलाके में गोडावण संरक्षित क्षेत्र और आर्मी का क्षेत्र आता है जहां पर अंदर जाने के लिए पहले परमिशन लेनी होती है जो एक लंबी प्रक्रिया है. वहीं टिड्डी दल केवल रात को ही फसलों को नुकसान पहुंचाता है, ऐसे में यह स्प्रे रात को ही किया जा सकता है.

टिड्डी दल के रोकथाम में लगे हैं 115 कर्मचारी और अधिकारी

राज्य सरकार ने 115 कर्मचारी और अधिकारी टिड्डी दल से रोकथाम के लिए लगाए हुए हैं. सरकार इस बात को भी लेकर चिंतित है कि अगर टिड्डी दल इसी तरीके से आगे और आया तो मुसीबत यह हो जाएगी की खेतों में चढ़कर गए कीटनाशक का असर अगली फसलों पर होगा. तो वहीं जब कीटनाशक टिड्डी दल के ऊपर डाला जाता है तो वह सीधा पानी में पहुंचता है जिससे पानी भी जहरीला होने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में सरकार के पास टिड्डी दल से बचाव के बहुत ही सीमित संसाधन है.

Intro:साल 1993 के बाद प्रदेश में टिड्डियों का सबसे बड़ा हमला 6 महीने बाद भी जारी ,अब फिर देखा गया पाकिस्तान के इलाके में टिड्डियों का झुंड 2 दिन में हो सकता है फिर से प्रदेश के बॉर्डर इलाकों में टिड्डियोंका अटैक राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए टिड्डियों पर छिड़काव की दवाइयों पर 100% अनुदान कृषि आयुक्त को भेजा गया प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को मुआवजे के लिए गिरदावरी की रिपोर्ट आएगी अगले 4 दिनों में


Body:पाकिस्तान से घुसपैठ की खबरें आम होती है लेकिन इस बार जो घुसपैठ राजस्थान में पाकिस्तान के रास्ते हो रही है उस घुसपैठ ने राजस्थान के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है जी हां हम बात कर रहे हैं टिड्डी दल की जो बीते 6 महीनों से लगातार राजस्थान की बॉर्डर सीमा में प्रवेश कर रहा है और अब तक 7 जिलों में करीब डेढ़ सौ करोड रुपए का किसानों की फसल का नुकसान कर चुका है आमतौर पर देखा जाता था कि यह टिड्डी दल मई में राजस्थान में प्रवेश करता था और एक-दो महीनों तक यह सक्रिय रहता था लेकिन साल 1993 के बाद यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी तादाद में टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में आया है और लगातार 6 महीने से किसानों को परेशान कर रहा है हालांकि माना जाता था कि टिड्डी दल सर्दियों में नहीं आता है लेकिन इस बार वह मान्यता भी टूट गई है लेकिन सरकार के सामने अब नई मुसीबत भी पाकिस्तान के रास्ते आने को तैयार है क्योंकि टिड्डी दल का एक बड़ा झुंड अब पाकिस्तान की सीमा पर भूभाग में दिखाई दे रहा है जो करीब 50 किलोमीटर का हो सकता है ऐसे में राज्य सरकार पहले से ही हरकत में आ गई है और इसे रोकने का प्रयास कर रही है आज ही कृषि आयुक्त को जैसलमेर के सम इलाके में भेजा गया है वहीं राज्य सरकार ने टिड्डी से बचाव और राहत के लिए किसानों को छिड़काव की दवाइयां फ्री में देना शुरू कर दिया है पहले यह दवाएं 50% के अनुदान पर किसानों को मिलती थी कृ कृषि विभागीय मानकर चल रहा है कि जैसे ही बॉर्डर के इलाक़े में बादल छठ आएंगे और हवा चलेगी यह टिडियो का समूह बॉर्डर के इलाकों में प्रवेश कर जाएगा वहीं इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से भारत सरकार को लेटर लिखा गया है कि इंटरनेशनल लेवल पर इसे उठाया जाए ताकि पाकिस्तान में टिड्डियों पर दवाई का छिड़काव किया जा सके
किसानों की फसल खराबे का मुआवजा मिलेगा जल्द गिरदावरी की रिपोर्ट आएगी 4 से 5 दिन में
टिड्डी दल के अटैक से बीते 6 महीने से राजस्थान के साथ सीमावर्ती जिले जो पाकिस्तान से जुड़े हैं वहां जबरदस्त नुकसान हो रहा है चाय जैसलमेर हो बाड़मेर हो गंगानगर हो हनुमानगढ़ हो जोधपुर हो यह तमाम वह इलाके हैं जहां टिड्डी दल ने किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है ऐसे में जिन किसानों का क्रॉप इंश्योरेंस हो चुका है उन्हें उसके माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए गिरदावरी के आदेश भी दिए जा चुके हैं गिरदावरी की रिपोर्ट आगामी 4 से 5 दिनों में आ जाएगी जिसके बाद मुआवजा देने का काम शुरू हो जाएगा
बाइट लालचंद कटारिया कृषि मंत्री राजस्थान
जानिए क्या है वह मुसीबतें जिनके चलते टिड्डी दल बना हुआ है राजस्थान के किसानों लिए जी का जंजाल
मई महीने में राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डी दल ने आज 6 महीने से ज्यादा हो जाने पर भी राजस्थान के किसानों को परेशान कर रखा है टिड्डी एक बार में 150 अंडे देती है और 10 दिन में वह फिर अंडे देने की प्रक्रिया शुरू कर देती है इस तरह से टिड्डी दल बहुत कम समय में बड़ा भी हो जाता है और फिर से अंडे देने लग जाता है उन्हें अगर अंडे देने के समय ही समाप्त कर दिया जाए तो यह सबसे बेहतर विकल्प होता है लेकिन क्योंकि यह पाकिस्तान से आती है तो पाकिस्तान में भारत की ओर से सीमा पार इन पर दवाई का छिड़काव नहीं हो सकता है सरकार के सामने मुसीबत यह है कि ना तो टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव होने वाला कीटनाशक इतना जहरीला है कि उसमें 96% तक जहर है ऐसे में इतने जहरीले कीटनाशक को हेलीकॉप्टर से नहीं छिड़का जा सकता क्योंकि इससे जानवरों और इंसानों को खतरा हो सकता है टिड्डी दल पर छिड़काव को निचले स्तर पर ही किया जा सकता है वहीं भारत सरकार के पास 43 मशीनें हैं जो अमेरिका और जर्मनी से आती है यह मशीनें भी टिड्डी दल के कई सालों से नहीं आने के चलते अपग्रेड नहीं की गई है कृषि विभाग के सामने मुसीबत यह है कि बॉर्डर इलाके में गोडावण संरक्षित क्षेत्र और आर्मी का क्षेत्र आता है जहां पर अंदर जाने के लिए पहले परमिशन लेनी होती है जो एक लंबी प्रक्रिया है वही टिड्डी दल केवल रात को ही फसलों को नुकसान पहुंचाता है ऐसे में यह स्प्रे रात को ही किया जा सकता है राज्य सरकार ने 115 कर्मचारी और अधिकारी टिड्डी दल से रोकथाम के लिए लगाए हुए हैं इतना ही नहीं सरकार इस बात को भी लेकर चिंतित है कि अगर टिड्डी दल इसी तरीके से आगे और आया तो मुसीबत यह हो जाएगी की खेतों में चढ़कर गए कीटनाशक का असर अगली फसलों पर होगा तो वहीं जब कीटनाशक टिड्डी दल के ऊपर डाला जाता है तो वह सीधा पानी में पहुंचता है जिससे पानी भी जहरीला होने का खतरा पैदा हो गया है ऐसे में सरकार के पास टिड्डी दल से बचाव के बहुत ही सीमित संसाधन है
बाइट लालचंद कटारिया कृषि मंत्री राजस्थान


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