जयपुर. पाकिस्तान से घुसपैठ की खबरें आम होती है, लेकिन इस बार जो घुसपैठ राजस्थान में पाकिस्तान के रास्ते हो रही है उस घुसपैठ ने राजस्थान के किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बता दें कि टिड्डी दल बीते 6 महीनों से लगातार राजस्थान की बॉर्डर सीमा में प्रवेश कर रहा है. अब तक टिड्डी दल 7 जिलों में करीब 150 करोड़ रुपए के किसानों की फसल का नुकसान कर चुका है.
आमतौर पर देखा जाता था कि यह टिड्डी दल मई के महीने में राजस्थान में प्रवेश करता था और एक-दो महीनों तक सक्रिय रहता था. लेकिन साल 1993 के बाद यह पहली बार हुआ है कि इतनी बड़ी तादाद में टिड्डी दल पाकिस्तान के रास्ते राजस्थान में आया है और लगातार 6 महीने से किसानों को परेशान कर रहा है. हालांकि माना जाता था कि टिड्डी दल सर्दियों में नहीं आता है, लेकिन इस बार वह मान्यता भी टूट गई है.
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वहीं, सरकार के सामने अब एक नई मुसीबत भी पाकिस्तान के रास्ते आने को तैयार है क्योंकि टिड्डी दल का एक बड़ा झुंड अब पाकिस्तान की सीमा पर भूभाग में दिखाई दे रहा है, जो करीब 50 किलोमीटर का हो सकता है. ऐसे में राज्य सरकार पहले से ही हरकत में आ गई है और इसे रोकने का प्रयास कर रही है. शुक्रवार को ही कृषि आयुक्त को जैसलमेर के सम इलाके में भेजा गया है. वहीं राज्य सरकार ने टिड्डी से बचाव और राहत के लिए किसानों को छिड़काव की दवाइयां फ्री में देना शुरू कर दिया है.
बता दें कि पहले यह दवाएं 50 फीसदी के अनुदान पर किसानों को मिलती थी. कृषि विभागीय मानकर चल रहा है कि जैसे ही बॉर्डर के इलाके में बादल छठ आएंगे और हवा चलेगी यह टिड्डी दल बॉर्डर के इलाकों में प्रवेश कर जाएगा. वहीं, इस मामले में राजस्थान सरकार की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है कि इंटरनेशनल लेवल पर इसे उठाया जाए ताकि पाकिस्तान में टिड्डियों पर दवाई का छिड़काव किया जा सके.
गिरदावरी की रिपोर्ट आने के बाद मिलेगा मुआवजा
टिड्डी दल के हमले से बीते 6 महीने से राजस्थान के साथ सीमावर्ती जिले जो पाकिस्तान से जुड़े हैं वहां जबरदस्त नुकसान हो रहा है. जैसलमेर, बाड़मेर, गंगानगर, हनुमानगढ़ और जोधपुर यह तमाम वह इलाके हैं जहां टिड्डी दल ने किसानों को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में जिन किसानों का क्रॉप इंश्योरेंस हो चुका है उन्हें उसके माध्यम से मुआवजा दिया जाएगा और इसके लिए गिरदावरी के आदेश भी दिए जा चुके हैं. गिरदावरी की रिपोर्ट आगामी 4 से 5 दिनों में आ जाएगी, जिसके बाद मुआवजा देने का काम शुरू हो जाएगा.
मई महीने में राजस्थान में प्रवेश करने वाले टिड्डी दल ने आज 6 महीने से ज्यादा हो जाने पर भी राजस्थान के किसानों को परेशान कर रखा है. टिड्डी एक बार में 150 अंडे देती है और 10 दिन में वह फिर अंडे देने की प्रक्रिया शुरू कर देती है. इस तरह से टिड्डी दल बहुत कम समय में बड़ा भी हो जाता है और फिर से अंडे देने लग जाता है. उन्हें अगर अंडे देने के समय ही समाप्त कर दिया जाए तो यह सबसे बेहतर विकल्प होता है. लेकिन टिड्डी दल पाकिस्तान से आती है तो पाकिस्तान में भारत की ओर से सीमा पार इन पर दवाई का छिड़काव नहीं हो सकता है.
कीटनाशक से इंसान को हो सकता है खतरा
सरकार के सामने मुसीबत यह है कि ना तो टिड्डी दल के ऊपर छिड़काव होने वाला कीटनाशक इतना जहरीला है कि उसमें 96 फीसदी तक जहर है. ऐसे में इतने जहरीले कीटनाशक को हेलीकॉप्टर से नहीं छिड़का जा सकता क्योंकि इससे जानवरों और इंसानों को खतरा हो सकता है. टिड्डी दल पर छिड़काव को निचले स्तर पर ही किया जा सकता है.
वहीं, भारत सरकार के पास 43 मशीनें हैं जो अमेरिका और जर्मनी से आती है. यह मशीनें भी टिड्डी दल के कई सालों से नहीं आने के चलते अपग्रेड नहीं की गई है. कृषि विभाग के सामने मुसीबत यह है कि बॉर्डर इलाके में गोडावण संरक्षित क्षेत्र और आर्मी का क्षेत्र आता है जहां पर अंदर जाने के लिए पहले परमिशन लेनी होती है जो एक लंबी प्रक्रिया है. वहीं टिड्डी दल केवल रात को ही फसलों को नुकसान पहुंचाता है, ऐसे में यह स्प्रे रात को ही किया जा सकता है.
टिड्डी दल के रोकथाम में लगे हैं 115 कर्मचारी और अधिकारी
राज्य सरकार ने 115 कर्मचारी और अधिकारी टिड्डी दल से रोकथाम के लिए लगाए हुए हैं. सरकार इस बात को भी लेकर चिंतित है कि अगर टिड्डी दल इसी तरीके से आगे और आया तो मुसीबत यह हो जाएगी की खेतों में चढ़कर गए कीटनाशक का असर अगली फसलों पर होगा. तो वहीं जब कीटनाशक टिड्डी दल के ऊपर डाला जाता है तो वह सीधा पानी में पहुंचता है जिससे पानी भी जहरीला होने का खतरा पैदा हो गया है. ऐसे में सरकार के पास टिड्डी दल से बचाव के बहुत ही सीमित संसाधन है.