जयपुर. ‘कामधेनू डेयरी योजना’ के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए नवयुवक, महिलाएं, इच्छुक पशुपालक, किसान पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुसार दूधारू देशी गोवंश का संर्वधन कर, देशी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं. डेयरी लगाने के लिए इच्छुक और पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 30 जून तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा.
जिला कलेक्टर और जिला गोपालन समिति के अध्यक्ष डॉ. जोगाराम ने बताया कि जिले में पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार की ओर से चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी. इन डेयरीयों में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गोवंश होंगे. उन्होंने बताया कि डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान और हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़ भूमि होनी चाहिए.
इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 36 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसमें लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं वहन करनी होगी और 90 प्रतिशत राशि बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. डेयरी योजना के अंतर्गत लिया गया ऋण चुकाए जाने पर राज्य सरकार 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी. उन्होंने बताया कि पशुपालक, गोपालक, किसानों, नवयुवकों और महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए और उन्नत गौवंशों से पशुपालकों की आय बढा़ने के लिए कामधेनू डेयरी योजना में चयनित पशुपालकों को 30 गोवंश के लिए ऋण दिया जाएगा.
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सफल आवेदक को बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान किए जाने के बाद डेयरी प्रबंधन और गौ उत्पादों के संबंध में उन्हें प्रशिक्षण के साथ मार्गदर्शन भी दिया जायेगा. लाभार्थी को इस क्षेत्र में कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक हैं. साथ ही डेयरी का संचालन स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित सीमा क्षेत्र से बाहर किया जायेगा. संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जयपुर उम्मेद सिंह ने बताया कि कामधेनू डेयरी योजना के अंतर्गत इच्छुक को 30 जून 2020 तक निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग को आवेदन करना होगा. प्रथम चरण में देशी नस्ल की गायें जिनकी उम्र 5 वर्ष या दो ब्यांत (जो भी कम हो) होनी चाहिए. साथ ही दुग्ध उत्पादन 10-12 लीटर प्रतिदिन होना चाहिए. प्रथम चरण में एक ही नस्ल की 15 दुधारू गाय और इसके 6 महीने बाद द्वितीय चरण में 15 देशी गोवंश क्रय करने होंगे.