जयपुर. प्रदेश भर में शराब की दुकानें खोले जाने के समय को लेकर शराब कारोबारी नाराज है. राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसायटी ने प्रदेश भर में शराब की दुकानें अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान किया है. जब तक शराब कारोबारियों की मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक प्रदेश भर की शराब की दुकानें बंद रहेंगी.
शराब कारोबारियों ने गारंटी में छूट या दुकानों का समय बढ़ाने के लिए मांग की है. छूट नहीं देने की स्थिति में पूरी तरह से शराब की दुकानें बंद कर दी गई है. राजस्थान लिकर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष निलेश मेवाड़ा के मुताबिक इस समय शराब के ठेकेदारों के पास अपनी दुकान को बंद करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक संपूर्ण राजस्थान की शराब दुकानें अनिश्चितकाल तक बंद रहेंगी. शराब ठेकेदारों ने आबकारी नीति 2021- 22 में पूर्ण विश्वास रखते हुए बोली लगाई और नियमानुसार पूर्व निर्धारित सभी शर्तों का निर्वहन करते हुए स्वीकृति के पश्चात अपना कारोबार शुरू किया.
वर्तमान आबकारी नीति 2021- 22 के अनुसार शराब के ठेके खुलने का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक निर्धारित है. 24 अप्रैल को वित्त विभाग ने शराब की दुकानें खोलने के लिए सुबह 6 बजे से 11 बजे तक का समय निर्धारित कर दिया. इसके अलावा शनिवार और रविवार को वीकेंड कर्फ्यू के कारण शराब दुकानें पूर्णतया बंद रहेंगी. इससे शराब के कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है.
आबकारी नीति 2021-22 के खिलाफ और ठेकेदार के बीच हुए अनुबंध की मुख्य शर्तों का उल्लंघन हो रहा है. आदेश की पालना करते हुए ठेके चलाना आपकारी ठेकेदारों के लिए बिल्कुल संभव नहीं है. शराब का सेवन रात्रि के समय किया जाता है. सुबह 10 बजे से रात 8 बजे के पूर्व निर्धारित समय में भी पूरे दिन की अधिकांश बिक्री आखिरी 2 घंटे शाम 6 से 8 के बीच होती है. लेकिन सुबह 6 बजे से 11 बजे तक के समय में शराब का ग्राहक नहीं आता है.
सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम गारंटी की पूर्ति करना ठेकेदारों के लिए वर्तमान स्थिति में संभव नहीं है. वर्तमान आबकारी नीति में स्पष्ट अंकित किया गया है कि न्यूनतम निर्धारित गारंटी की गणना वर्ष 2019- 20 में हुई शराब की बिक्री के आधार पर की गई है वर्ष 2019 में परिस्थितियां एकदम सामान्य थी. कोविड-19 का कोई प्रभाव बाजार पर नहीं था, लेकिन अब कोविड-19 की वजह से बाजार में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगा हुआ है. जिसके चलते बाजार में ग्राहक नहीं है और बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो रही है. प्रवासी मजदूर भी अपने गांव की तरफ पलायन कर चुके हैं.
शहर में शराब की बिक्री सर्वाधिक प्रभावित हुई है. कोरोना के संकट में भी शराब ठेकेदार हमेशा सार्थक सोच के साथ आबकारी विभाग के पूर्ण सहयोग करने के लिए सहमत है. सुबह 6 बजे से 11 बजे तक भी शराब की बिक्री करने पर सहमत है. लेकिन जब तक बाजार की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक विशेषकर जन अनुशासन पखवाड़े के समय में पूर्व निर्धारित न्यूनतम गारंटी समाप्त कर जितनी बिक्री हो उतनी जिम्मेदारी के आधार पर शराब ठेका चलाने की इजाजत दी जाए.
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निर्धारित न्यूनतम गारंटी में करीब 75% की छूट दी जाए.पिछले सप्ताह में भी विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार शराब की दुकानें सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुल रही थी, इस समय शराब की बिक्री घटकर 30% से भी कम रह गई. बिक्री के समय दुकानें बंद करा दी जाती है. शराब कारोबारियों की मांग है कि सोमवार से शुक्रवार तक गारंटी में 75% की छूट और शनिवार रविवार को वीकेंड कर्फ्यू के कारण बंद रहने पर 100% की छूट दी जाए.
कोरोना काल में शराब की दुकानें खोलने के लिए सेल्समैन का इंतजाम करना भी बहुत मुश्किल हो रहा है. ठेकेदार अच्छी तरह समझता है कि नकली शराब से जनमानस को जान माल का नुकसान होता है. कोरोना काल में राजस्व अर्जित करने और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए शराब की दुकान खोलना राज्य सरकार के लिए अति आवश्यक है. शराब कारोबारियों की सरकार से मांग है कि ठेके के सेल्समैन को प्राथमिक तौर पर कोरोना वैक्सीन की डोज लगवाई जाए ,और सरकार की तरफ से कोविड-19 इंश्योरेंस भी शराब की दुकान के सेल्समैन को मुफ्त करवाया जाए.