जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को अनुदान की मांग पर चर्चा में बोलते हुए कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने कहा कि आज जनता के जायज काम समय पर नहीं हो रहे हैं. हमें जनता ने चुन कर भेजा है, अधिकारियों की जवाबदेही सरकार के प्रति होती है. ऐसा कैसे हो सकता है कि अधिकारी सरकार की न माने.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मंत्री परसादी लाल मीणा को मुकदमा दर्ज करवाने के लिए जनसुनवाई में जाना पड़ा. मुझे भी मुकदमा दर्ज करवाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़े. यह जनता के साथ नाइंसाफी है, पुलिस हमारी विफलता के कारण निरंकुश हुई है. सरकारी स्कूलों के 90 प्रतिशत मैदानों पर अतिक्रमण है, इन अतिक्रमण को कौन हटाएगा. नियम बनाने से कुछ नहीं होता, उन्हें लागू करना पड़ेगा.
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विधायक ने कहा कि कई बार तो मुझे ऐसा लगता है कि हम लोग तो अफसरी कर रहे हैं और अफसर नेतागिरी कर रहे हैं. अफसर हमें बताते हैं कि ऐसा कर लो, वैसा कर लो. व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता है. फसल खराबे की गिरदावरी के आदेश दिए, लेकिन पद ही खाली है तो सर्वे कौन करेगा.
वहीं उन्होंने कहा कि फॉरेस्ट सेंचुरी में बड़े-बड़े होटल हैं तो फिर उन्हें सबके लिए ही खोल दिया जाए. शेर तो वैसे भी नहीं बचे हैं तो फिर फॉरेस्ट में हम बचा ही क्या रहे हैं.