जयपुर. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने प्रदेश की गहलोत सरकार को बिजली पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर सदन में जम कर घेरा. कटारिया ने कहा कि जिस गरीब की एक एक बल्ब जलाने की हैसियत हो उसको भी महीने का 1500 का बिल चुनकाना पड़ रहा है. देश में सबसे ज्यादा बिजली का चार्ज राजस्थान में वसूला जा रहा है. जिस कम्पनी को हमारी सरकार ने घाटे से उबारा उसे फिर से कर्जदार बना दिया गया है.
बजट भाषण पर बहस करते हुए नेताप्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सदन में लोग अलग-अलग बात कहेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री जी मैं बहुत दुखी मन से कह रहा हूं कि लोगों की जेब कट रही है. मैं उदयपुर से आता हूं, जब मैं बिजली के डिब्बे को देखता हूं तो बिजली का बिल पड़ा है तो सबसे पहले नीचे देखता हूं, कितना बिल आया है. आम आदमी बिजली के इस बिल के करंट से घबरा रहा है.
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कटारिया ने कहा कि जब हमने आपको राज सौंपा था तब बिजली कंपनियां 1500 करोड़ के करीब के घाटे में थी, अब आपने हमें 2013 में वापस सुपुर्द किया तब यह 28000 करोड़ के घाटे में थीं, लेकिन हमारी सरकार ने हमारी मुख्यमंत्री वसुंधरा जी ने उदय योजना के तहत केंद्र सरकार से लाभ लेते हुए 62421 करोड़ रुपए जमा कराकर इस दिवाली कंपनी को फिर से बिजली देने लायक बनाया था. आज की तारीख में फिर कहना चाह रहा हूं कि बिजली कंपनी आज की तारीख में फिर 80,000 करोड़ रुपए के घाटे में चली गई है.
कटारिया ने कहा कि आप किसी बड़े आदमी का पैसा बढ़ाते तो दुख नहीं होता, लेकिन जो आदमी जो सिर्फ 50 मिनट जला सकता है जिसके घर में सिर्फ एक बल्ब है उसे भी सालाना तो ₹4350 का बिल जमा कराना पड़ता है. महीने के 1500 रुपये उसे जमा करना पड़ता है. मुख्यमंत्री जी इस पर विचार करना चाहिए सौ से डेढ़ सौ यूनिट तक लोगों को राहत देनी चाहिए. आम जनता को इसका लाभ देना चाहिए. मुख्यमंत्री जी मैं आपसे जानना चाहता हूं कि आखिर जो बिजली 1. 5 पैसे से लेकर ₹1. 80 पैसे में खरीदते हैं राजस्थान के छोटे कंजूमर को 12 और 13 रुपए यूनिट के हिसाब से दे रहे हैं, यह कहां का न्याय है. ऐसा क्या है एक कोई व्यापारी भी इस तरह का व्यापार नहीं करता. इस तरह का मुनाफा नहीं कमाता.
कटारिया ने कहा कि देश के सभी राज्यों में बिजली हमारे राजस्थान से कम हैं. दिल्ली हो, गुड़गांव हो, पंजाब, हरियाणा इन सब राज्यों में बिजली की दरें हमारे से कम हैं. यहां एक की हमारे पड़ोसी राज्य पंजाब में अधिक से अधिक 7.72 पैसे करीब प्रति यूनिट है, जबकि हमारे यहां पर 13 रुपये से अधिक प्रति यूनिट के हिसाब से लिया जा रहा है. इसका मतलब कहीं ना कहीं सिस्टम सुधारे बिना कंजूमर को और किसान को राहत नहीं दी जा सकती है.
कटारिया यहीं नहीं रुके उन्होंने पानी को लेकर भी गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया. कटारिया ने कहा कि आप जल जीवन मिशन की बात करते हो, मैं सोचता हूं कि केंद्र सरकार की मंशा है कि जनता को अच्छा पानी पी लें, इसलिए केंद्र सरकार ने कहा था कि देश के हर जनता को घर में नल से पानी मिलेगा. राजस्थान में एक करोड़ 10 लाख परिवारों को सेलेक्ट किया था, जिनको जल जीवन मिशन के तहत टोटी का जल उपलब्ध कराना है.