जयपुर. कोरोना संकट के बीच प्रदेश में लेटर पॉलिटिक्स हावी होता जा रहा है. इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मुख्य सचिव और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र में लिखा कि कॉरपोरेशन ने 71 गोदामों का निर्माण किया है.
साल 2010 में 38 का प्रबंधन निजी कंपनी को स्विस चैलेंज सिस्टम पर दिया था. उस समय कंपनी के पास कृषि जिंसों के भंडारण का अनुभव नहीं था. इसलिए पीपीपी मॉडल में पीएसएस स्टॉक के अनुभव की शर्त नहीं रखी थी. अब निगम ने वापस 71 गोदामों के प्रबंधन का नया टेंडर निकाला है. जिसमें राजस्थान को तीन क्लस्टर में बांटा गया है. उनके अनुसार टेंडर भरने के लिए औसत 4 लाख एमटी क्षमता का पीपीपी कार्य करने का अनुभव रखा गया है, जबकि पीपीपी कार्य की अनुभव शर्तें टेंडर में अंकित करना उचित नहीं है.
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कटारिया ने आरोप लगाया कि, ये शर्त केवल इसलिए रखी गई है, ताकि वेयर हाउसिंग की कंपनियों को टेंडर में भाग लेने से रोका जा सके. कटारिया ने लिखा है कि, एक कंपनी को मनमानी दरों पर काम देने के उद्देश्य से टेंडर में इस तरह की शर्तें रखी गई हैं. उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की है.
हाथ से न चली जाएं सीटें...
कटारिया ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों को दी गई 915 सीटों को बचाने की मांग की है. कटारिया ने लिखा है कि, केंद्र सरकार ने 6 मेडिकल कॉलेज में एमडी और एमएस के लिए 915 सीटों का आवंटन कर 1 हजार 96 करोड़ रुपए आवंटित किए थे. लेकिन राज्य सरकार ने अपने मद के 328 करोड़ रुपए की राशि जारी नहीं की. जिसके चलते इन सीटों के हाथ से निकलने की स्तिथि आ गई है. इसलिए सरकार उचित कार्रवाई करें.
एक और मौका दे ऊर्जा विभाग...
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने ऊर्जा विभाग प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर तकनीकी कर्मचारियों और 3 नं. स्केल के नए कैडर के लिए कर्मचारियों को ऑप्शन भरने का एक और मौका देने की मांग की है. कटारिया ने लिखा कि, जिस समय कर्मचारियों से ऑप्शन भरवाए गए, तब कोई गाइडलाइन नहीं थी. जिसके कारण कर्मचारियों ने गलत ऑप्शन स्वीकार कर लिया, जिससे कर्मचारियों को नुकसान हुआ है. ऐसे में या तो फॉर्म दोबारा खोले जाएं या फिर सीनियरिटी लिस्ट में कर्मचारियों की मांग अनुसार बदलाव किया जाए.