जयपुर. राजस्थान विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान प्रदेश की सरकारी नौकरियों में राजस्थान के बेरोजगारों को ही नौकरी में ले, इसके लिए कानून बनाने की मांग भी उठी. बहरोड़ से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने यह मांग उठाते हुए कहा कि देश में बिहार, उड़ीसा, मणिपुर और महाराष्ट्र जैसे कई राज्य हैं, जहां पर सरकारी नौकरियों में इस प्रकार की शर्तें लगा दी है, जिससे राजस्थान के युवा वहां नौकरी नहीं कर पाते. फिर आखिर राजस्थान में बाहरी राज्यों के लोगों को सरकारी नौकरी देकर प्रदेश के युवाओं का हक क्यों छीना जा रहा है.
यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा में शामिल होते हुए यह मांग उठाई और कहा कि प्रदेश का बेरोजगार काफी डिप्रेशन में है और यदि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो जयपुर में आजादी के बाद से अब तक की सबसे बड़ी रैली और आंदोलन होगा, जिससे पार पाना सरकार के लिए मुश्किल होगा.
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बलजीत यादव ने सदन में उन युवतियों की पीड़ा भी दर्शाए जो दूसरे प्रदेशों से राजस्थान में शादी के बाद आई है, लेकिन वे यहां जाति सर्टिफिकेट नहीं बनने के कारण सरकारी नौकरी नहीं कर पा रही. बलजीत यादव के अनुसार यह समस्या राजस्थान के सभी सीमावर्ती जिलों की समस्या है, जिसका निदान करना बेहद जरूरी है क्योंकि इसके चलते कई युवाओं की सगाई तक टूट चुकी है.
पब्बाराम विश्नोई ने उठाई नए जिलों की मांग
पब्बाराम विश्नोई ने नए जिलों की मांग उठाई. राज्यपाल के अभिभाषण की चर्चा में शामिल होते हुए विश्नोई ने मुख्यमंत्री से मांग की कि वे अब इस मांग को भी मान ले और जैसलमेर, फलोदी और जहां-जहां नए जिले की मांग है, उसे बना दे. राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान मकराना से भाजपा विधायक रूपाराम जाट की शायरियां और गीत भी सदन में चर्चा का विषय बना रहा.