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स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन अच्छी पहल, लेकिन गहलोत सरकार खुद भी करे आत्मसात: पूनिया

26 जनवरी से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में  संविधान की प्रस्तावना का वाचन किए जाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं. इसको लेकर सतीश पूनिया ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन अच्छी पहल है, लेकिन गहलोत सरकार को खुद भी इसे आत्मसात करना चाहिए.

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Published : Jan 29, 2020, 4:24 PM IST

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स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन पर पूनिया का बड़ा बयान

जयपुर. सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन से जुड़े शिक्षा विभाग के आदेश की भाजपा ने भी सराहना की है. साथ में यह भी कहा है कि प्रदेश की गहलोत सरकार संविधान की प्रस्तावना का आत्मसात खुद में भी कर ले तो बेहतर होगा.

स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन पर पूनिया का बड़ा बयान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और संविधान देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं. ऐसे में इनका जितना वाचन और पाठन होगा, उतना ही बेहतर है. संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करना कांग्रेस और प्रदेश सरकार भी सीख ले. पूनिया ने यह बात नागरिकता संशोधन एक्ट को प्रदेश में लागू नहीं करवाने संबंधी मुख्यमंत्री के बयान पर कही.

यह भी पढें- निराश्रित वृद्धजनों को जल्द मिलेगा आश्रय, 'अपना घर' को मिला सरकार का का साथ

साथ ही पूनिया ने कांग्रेस नेताओं के बयान में बार-बार देश का संविधान खतरे में होने के आरोप पर भी कटाक्ष किया और साफ तौर पर कहा देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में नहीं है, बल्कि देश में कांग्रेस की विचारधारा,कांग्रेस नेताओं का भविष्य और प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है. जिसके कारण कांग्रेस नेता बरगला गए हैं.

गौरतलब है कि 26 जनवरी से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन हिस्सा बन सकें, लेकिन अब इस पर भी सियासत और सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.

जयपुर. सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन से जुड़े शिक्षा विभाग के आदेश की भाजपा ने भी सराहना की है. साथ में यह भी कहा है कि प्रदेश की गहलोत सरकार संविधान की प्रस्तावना का आत्मसात खुद में भी कर ले तो बेहतर होगा.

स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन पर पूनिया का बड़ा बयान

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और संविधान देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं. ऐसे में इनका जितना वाचन और पाठन होगा, उतना ही बेहतर है. संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करना कांग्रेस और प्रदेश सरकार भी सीख ले. पूनिया ने यह बात नागरिकता संशोधन एक्ट को प्रदेश में लागू नहीं करवाने संबंधी मुख्यमंत्री के बयान पर कही.

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साथ ही पूनिया ने कांग्रेस नेताओं के बयान में बार-बार देश का संविधान खतरे में होने के आरोप पर भी कटाक्ष किया और साफ तौर पर कहा देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में नहीं है, बल्कि देश में कांग्रेस की विचारधारा,कांग्रेस नेताओं का भविष्य और प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है. जिसके कारण कांग्रेस नेता बरगला गए हैं.

गौरतलब है कि 26 जनवरी से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सभी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन हिस्सा बन सकें, लेकिन अब इस पर भी सियासत और सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है.

Intro:खतरे में संविधान नहीं कांग्रेस का विचार, कांग्रेसियों का भविष्य और मुख्यमंत्री की कुर्सी है -सतीश पूनिया
स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन अच्छी पहल लेकिन गहलोत सरकार खुद भी करें आत्मसात -सतीश पूनिया

जयपुर (इंट्रो)
सरकारी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन से जुड़े शिक्षा विभाग के आदेश की भाजपा ने भी सराहना की है लेकिन साथ में यह भी कहा है कि प्रदेश की गहलोत सरकार संविधान की प्रस्तावना का आत्मसात खुद में भी कर ले तो बेहतर होगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत और संविधान देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाते हैं,ऐसे में इनका जितना वाचन और पाठन होगा उतना ही बेहतर है। लेकिन संविधान की मूल भावनाओं का सम्मान करना कांग्रेस और प्रदेश सरकार भी सीख ले । पूनिया ने यह बात नागरिकता संशोधन एक्ट को प्रदेश में लागू नहीं करवाने संबंधी मुख्यमंत्री के बयान पर कहीं। साथ ही पूनियां ने कांग्रेस नेताओं के बयान में बार-बार देश का संविधान खतरे में होने के आरोप पर भी कटाक्ष किया और साफ तौर पर कहा देश का संविधान और लोकतंत्र खतरे में नहीं है बल्कि देश में कांग्रेस की विचारधारा,कांग्रेस नेताओं का भविष्य और प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है जिसके कारण कांग्रेस नेता बरगला गए हैं...

गौरतलब है कि 26 जनवरी से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में होने वाली प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सभी स्कूलों में प्रार्थना सभाओं में संविधान की प्रस्तावना का वाचन हिस्सा बन सकें लेकिन अब इस पर भी सियासत और सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है।

बाईट- सतीश पूनिया,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
(Edited vo pkg)


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(Edited vo pkg)


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