जयपुर. सरकारी अस्पतालों के साथ ही सीएचसी (Community Health Center) और पीएचसी (Primary Health Care) अस्पतालों में भी चिकित्सा सुविधाएं विकसित करने और कोविड सेंटर तैयार करने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं.
कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) को लेकर सीएचसी कितने तैयार हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम जयपुर में जयसिंहपुरा खोर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
- जयसिंहपुरा खोर में 2 वार्ड हैं
- करीब एक लाख की आबादी है
- वार्ड नंबर 13, वार्ड नंबर 14 के निवासी एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही निर्भर हैं
- स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है
- 18 वर्ष से ज्यादा उम्र वालों को कोविड वेक्सीन नहीं मिल पा रही है
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बहुत छोटी जगह पर होने की वजह से चिकित्सा सुविधाएं भी विकसित नहीं हो पा रही हैं
- सीएचसी में डॉक्टर्स की कमी है
- अस्पताल में ना तो कोई सेंटर है और ना ही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर कोई तैयारी की गई है
ईटीवी भारत ने वर्तमान पार्षद और पूर्व पार्षद से भी बातचीत की तो सामने आया कि स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा सुविधाएं नहीं होने की वजह से लोगों को इलाज के लिए दूरदराज जाना पड़ता है. जयसिंहपुरा खोर वासियों को आमेर सीएचसी, गणगौरी अस्पताल या सवाई मानसिंह अस्पताल में जाना पड़ता है.
- सीएचसी में प्रसूताओं के लिए भी कोई सुविधाएं नहीं हैं
- कई बार लोगों को काफी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है
- सीएचसी में 24 घंटे चिकित्सा सेवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं
- कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्थानीय लोगों ने बच्चों के लिए सीएचसी में कोविड सेंटर बनाए जाने की मांग की है
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सीएचसी में संसाधनों की कमी
पूर्व पार्षद ग्यारसी लाल माली ने बताया कि जयसिंहपुरा खोर सीएचसी 2012 में मंजूर हुई थी. सीएचसी का विस्तार करने के लिए कई बार सरकार और प्रशासन को अवगत करवाया गया है. सीएचसी में प्रसव के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. सीएचसी में संसाधनों की कमी से जूझना पड़ रहा है.
कोविड केयर सेंटर बनाने की मांग
कोरोना की पहली और दूसरी लहर काफी नुकसानदायक रही है. पहली लहर से ज्यादा दूसरी लहर में लोगों की मौत हुई है. अब तीसरी लहर की संभावना बताई जा रही है. जयसिंहपुरा खोर के राजकीय विद्यालय में कोविड केयर सेंटर (Covid Care Center) बनाने की बात की जा रही थी, लेकिन वह भी नहीं बनाया गया.
स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार की जरूरत
जयसिंहपुरा खोर क्षेत्र की आबादी एक लाख से भी ज्यादा हो गई है. कुछ दिन पहले स्थानीय विधायक महेश जोशी ने भी दौरा किया था. उन्होंने बताया कि सीएचसी के पास में ही नगर निगम की जमीन है, जहां नया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा सकता है. इसके लिए कई बार सरकार और प्रशासन को पत्र भी लिखे गए हैं.
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सीएचसी का नया भवन बना कर चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार करने से लोगों को काफी राहत मिलेगी. लेकिन नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन पर कब्जा हो रहा है. लगातार शिकायत करने के बावजूद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है. स्थानीय विधायक सरकार और प्रशासन से मांग की गई है कि नगर निगम की सरकारी जमीन पर स्वास्थ्य केंद्र बनाकर लोगों को राहत दी जाए.
मरीज और परिजन होते हैं परेशान
ग्यारसी लाल माली ने बताया कि मौजूदा सीएचसी अस्पताल में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव है. सीएचसी में मरीजों के बैठने तक की भी जगह नहीं है. सरकार से मांग की जा रही है कि तीसरी लहर आने से पहले सीएचसी का विस्तार किया जाए ताकि जनता को चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिल सके.
1 लाख से ज्यादा की आबादी
जयसिंहपुरा खोर के वार्ड नंबर 14 पार्षद नंदकिशोर सैनी ने बताया कि यहां के दोनों वार्डों में मिलाकर एक लाख से ज्यादा की आबादी हो गई है. जयसिंहपुरा खोर सीएचसी में डॉक्टरों के बैठने तक की भी व्यवस्थाए नहीं है. करीब 250 से 300 गज में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक लाख की आबादी में उपयुक्त नहीं है.
'राजनीति का समय नहीं, चिकित्सा सुविधा का हो विकास'
कोरोना की दूसरी लहर में काफी भयावह स्थिति रही है. तीसरी लहर को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि बच्चों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा. लेकिन जयसिंहपूरा खोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा सुविधाओं की बहुत कमी है. स्थानीय चाहते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा सुविधाओं का विकास हो. इसमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह वक्त जनता की सेवा करने का है.
वैक्सीनेशन की भी समस्या
18 वर्ष से अधिक वालों का वैक्सीनेशन हो रहा है. लेकिन जयसिंहपुरा खोर स्वास्थ्य केंद्र पर 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं के लिए वैक्सीन भी नहीं मिल पा रही है. वार्ड नंबर 13 के पार्षद सुरेश सैनी ने बताया कि 18 से 44 साल वालों के लिए एक बार ही वैक्सीन आई थी. अब वैक्सीन लगाने के लिए काफी लोग आते हैं, लेकिन वैक्सीन की डोज उपलब्ध नहीं है. सरकार और प्रशासन को भी कई बार अवगत करवाया गया लेकिन सरकार के मंत्रियों में आपसी मनमुटाव चल रहा है. कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों पर ध्यान कम दिया जा रहा है.