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RT-PCR जांच की कीमतें कम करने के विरुद्ध हाईकोर्ट पहुंचे लैब संचालक - राजस्थान हाई कोर्ट

राज्य सरकार की ओर से आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत कम कर 350 रुपए करने के खिलाफ एक दर्जन लैब संचालक हाइकोर्ट पहुंच गए हैं. इनकी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी.

Lab Operators Appeal in High Court, Rajasthan High Court
RT-PCR जांच की कीमतें कम करने के विरुद्ध हाईकोर्ट पहुंचे लैब संचालक
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Published : Apr 23, 2021, 1:41 AM IST

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत कम कर 350 रुपए करने के खिलाफ एक दर्जन लैब संचालक हाइकोर्ट पहुंच गए हैं. इनकी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी.

याचिका में अधिवक्ता संदीप पाठक ने बताया कि राज्य में लगभग 50,000 एनबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं. इनमें से सिर्फ 26 प्रयोगशालाओं को जांच के लिए अधिकृत किया गया है. इनमें से 18 लैब जयपुर में हैं और शेष 8 प्रयोगशालाएं, शेष बाकी प्रदेश के लिए हैं. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने गत 17 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच की कीमत कम कर सिर्फ 350 रुपए कर दी है.

पढ़ें- अतिक्रमण हटाने के मामले में हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब

राज्य सरकार ने जांच की दर देश में सबसे कम कर लोकप्रियता हासिल कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि इस कीमत में जांच की लागत तक नहीं निकलती है. राज्य सरकार जांच के लागत मूल्य से कम लेने के लिए लैब संचालकों को बाध्य नहीं कर सकती है. इसके अलावा जांच के लिए कीमत तय करना राज्य सरकार का कार्य नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द किया जाए. यदि कीमतों को पुनः नहीं बढ़ाया गया तो होने पर निजी लैब संचालकों को कोरोना जांच बंद करनी पड़ेंगी.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से आरटीपीसीआर टेस्ट की कीमत कम कर 350 रुपए करने के खिलाफ एक दर्जन लैब संचालक हाइकोर्ट पहुंच गए हैं. इनकी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ 23 अप्रैल को सुनवाई करेगी.

याचिका में अधिवक्ता संदीप पाठक ने बताया कि राज्य में लगभग 50,000 एनबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं हैं. इनमें से सिर्फ 26 प्रयोगशालाओं को जांच के लिए अधिकृत किया गया है. इनमें से 18 लैब जयपुर में हैं और शेष 8 प्रयोगशालाएं, शेष बाकी प्रदेश के लिए हैं. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने गत 17 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच की कीमत कम कर सिर्फ 350 रुपए कर दी है.

पढ़ें- अतिक्रमण हटाने के मामले में हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब

राज्य सरकार ने जांच की दर देश में सबसे कम कर लोकप्रियता हासिल कर रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि इस कीमत में जांच की लागत तक नहीं निकलती है. राज्य सरकार जांच के लागत मूल्य से कम लेने के लिए लैब संचालकों को बाध्य नहीं कर सकती है. इसके अलावा जांच के लिए कीमत तय करना राज्य सरकार का कार्य नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार की अधिसूचना को रद्द किया जाए. यदि कीमतों को पुनः नहीं बढ़ाया गया तो होने पर निजी लैब संचालकों को कोरोना जांच बंद करनी पड़ेंगी.

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