जयपुर. रीट पेपर लीक मामले में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक और 'बम' है. गुरुवार को जयपुर में प्रेस वार्ता के दौरान मीणा ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लागाए. किरोड़ी लाल ने कहा कि उन्होंने पहले दावा किया था कि शिक्षा संकुल से पेपर आउट हुए हैं, अब इसे एसओजी ने स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के एक बड़े अधिकारी और राज्य सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने मिलकर (Meena Alleged Gehlot Government) पेपर आउट करवाया. इसमें सीएमओ के एक अफसर की भी भूमिका रही है.
किरोड़ी लाल ने कहा कि मंत्री की जान-पहचान वाले एक व्यक्ति की कोलकाता की प्रिंटिंग प्रेस को पेपर छपवाने का टेंडर दिया गया. यह व्यक्ति खुद अहमदाबाद का रहने वाला है. उसका नाम वे बाद में बताएंगे. किरोड़ी लाल मीणा का दावा है कि (Kirodi Lal Meena Sensational Revelation) यह शख्स चार बार तब के शिक्षा मंत्री और ब्यूरोक्रेट से मिला.
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री और बड़े अधिकारी ने पेपर आउट के बाद (Paper Leak Cases in Rajasthan) जो रुपए इकट्ठा हुए, उसका बंटवारा भी किया. उनका कहना है कि इसका प्रमाण भी वे जल्द ही मीडिया के सामने रखेंगे. उनका आरोप है कि जो पेपर आउट हुए, वह हर जिले में पहुंचाए गए. उन्होंने रीट को रद्द कर परीक्षा दुबारा करवाने की मांग की है.
SOG के जांच अधिकारी मोहन पोसवाल पर भी लगाए गंभीर आरोप...
किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि इस मामले में एसओजी के जांच अधिकारी सीआई मोहन पोसवाल और कांस्टेबल नाथू कई निर्दोष लोगों को गिरफ्तार (Rajasthan SOG Action in REET Paper Leak Case) कर रहे हैं. जबकि जो लोग पेपर आउट में लिप्त हैं, उन्हें छोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि कमल यादव नाम के एक शख्स ने अपनी साली पूनम को पेपर दिया था. एसओजी ने पूनम को पकड़ा, लेकिन आशीष और सुमित नाम के लोगों को बचाया.
भजनलाल की बहन द्रौपदी ने भी इन्हें रिश्वत दी, लेकिन जब चारों तरफ से दबाव बढ़ा तो उसे गिरफ्तार किया गया है. खंडार के विजय को पेपर मिला, उसकी पत्नी ने जोधपुर के एक केंद्र पर परीक्षा दी. उसके पास से पेपर 20 लोगों तक पहुंचा है. इन सभी को बड़ी राशि लेकर (Question Mark on Rajasthan Education System) छोड़ने का उन्होंने आरोप लगाया है.