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जयपुर : दिव्यांग भाई की बेरहमी से हत्या के आरोपी को फांसी की सजा - हत्यारा

जयपुर अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने दिव्यांग की हत्या के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. मामले में दोषी मृतक का भाई है.

killer sentenced to death in jaipur court
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Published : May 27, 2019, 9:01 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 14 ने दिव्यांग भाई को डंडे से पीट-पीट कर हत्या करने वाले अभियुक्त राम प्रसाद साहू को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त ने अपने भाई की निर्मम हत्या कर उसके शव पर पांव रखकर बीड़ी पी. इसके अलावा पूर्व में वह हत्या के मामले में 14 साल की सजा भुगत चुका है. वहीं गत दिनों जानलेवा हमले के मामले में भी उसे 7 साल की सजा हुई थी. इसलिए उसके सुधरने की कोई संभावना नहीं है और वह आगे भी अपराध कर सकता है.

दिव्यांग भाई की बेरहमी से डंडे पीट-पीटकर हत्या के आरोपी को फांसी की सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक आलोक शर्मा ने बताया कि 23 फरवरी 2017 को भट्टा बस्ती थाना इलाके में रहने वाले अभियुक्त ने अपने एक हाथ और एक पांव से दिव्यांग भाई मोती ऊर्फ भोला को बेरहमी से डंडे से पीटना शुरू कर दिया. इतने में आसपास के सैकड़ों लोग वहां जमा हो गए. जब लोगों ने दिव्यांगों को बचाने की कोशिश की तो अभियुक्त उन्हें भी मारने को दौड़ा. वहीं पिटाई से निढाल होने के बाद अभियुक्त ने अपने भाई के सिर को कई बार दीवार पर मारा. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद अभियुक्त ने उसके शव पर पर पांव रखकर काफी देर तक बीड़ी पी. अभियोजन पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि वर्ष 2002 में साधु की हत्या के मामले में अभियुक्त आजीवन कारावास की सजा के तहत 14 साल की सजा भुगत चुका है.

वहीं जेल से आने के बाद उसने पड़ोस में रहने वालों पर जानलेवा हमला भी किया. जिसमें उसे 7 साल की सजा हो चुकी है. वहीं वर्तमान में अभियुक्त के खिलाफ मारपीट के छह अन्य मामले भी चल रहे हैं. ऐसे में यदि उसे जीवित छोड़ा गया तो वह अन्य लोगों की भी हत्या कर सकता है. मामले में पड़ोसी गोकुल चंद गुर्जर की रिपोर्ट पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार किया था.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 14 ने दिव्यांग भाई को डंडे से पीट-पीट कर हत्या करने वाले अभियुक्त राम प्रसाद साहू को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त ने अपने भाई की निर्मम हत्या कर उसके शव पर पांव रखकर बीड़ी पी. इसके अलावा पूर्व में वह हत्या के मामले में 14 साल की सजा भुगत चुका है. वहीं गत दिनों जानलेवा हमले के मामले में भी उसे 7 साल की सजा हुई थी. इसलिए उसके सुधरने की कोई संभावना नहीं है और वह आगे भी अपराध कर सकता है.

दिव्यांग भाई की बेरहमी से डंडे पीट-पीटकर हत्या के आरोपी को फांसी की सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक आलोक शर्मा ने बताया कि 23 फरवरी 2017 को भट्टा बस्ती थाना इलाके में रहने वाले अभियुक्त ने अपने एक हाथ और एक पांव से दिव्यांग भाई मोती ऊर्फ भोला को बेरहमी से डंडे से पीटना शुरू कर दिया. इतने में आसपास के सैकड़ों लोग वहां जमा हो गए. जब लोगों ने दिव्यांगों को बचाने की कोशिश की तो अभियुक्त उन्हें भी मारने को दौड़ा. वहीं पिटाई से निढाल होने के बाद अभियुक्त ने अपने भाई के सिर को कई बार दीवार पर मारा. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद अभियुक्त ने उसके शव पर पर पांव रखकर काफी देर तक बीड़ी पी. अभियोजन पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि वर्ष 2002 में साधु की हत्या के मामले में अभियुक्त आजीवन कारावास की सजा के तहत 14 साल की सजा भुगत चुका है.

वहीं जेल से आने के बाद उसने पड़ोस में रहने वालों पर जानलेवा हमला भी किया. जिसमें उसे 7 साल की सजा हो चुकी है. वहीं वर्तमान में अभियुक्त के खिलाफ मारपीट के छह अन्य मामले भी चल रहे हैं. ऐसे में यदि उसे जीवित छोड़ा गया तो वह अन्य लोगों की भी हत्या कर सकता है. मामले में पड़ोसी गोकुल चंद गुर्जर की रिपोर्ट पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार किया था.

Intro:जयपुर। अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 14 ने दिव्यांग भाई को डंडे से पीट-पीटकर उसकी हत्या करने वाले अभियुक्त राम प्रसाद साहू को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त ने अपने भाई की निर्मम हत्या कर उसके शव पर पांव रखकर बीड़ी पी। इसके अलावा पूर्व में वह हत्या के मामले में 14 साल की सजा भुगत चुका है। वहीं गत दिनों जानलेवा हमले के मामले में भी उसे 7 साल की सजा हुई थी। उसके सुधरने की कोई संभावना नहीं है और वह पुनः अपराध कर सकता है।


Body:अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक आलोक शर्मा ने बताया कि 23 फरवरी 2017 को भट्टा बस्ती थाना इलाके में रहने वाले अभियुक्त ने अपने एक हाथ और एक पांव से दिव्यांग भाई मोती उस भोला को बेरहमी से डंडे से पीटना शुरू कर दिया। इतने में आसपास के सैकड़ों लोग वहां जमा हो गए। जब लोगों ने दिव्यांगों को बचाने की कोशिश की तो अभियुक्त उन्हें भी मारने को दौड़ा। वहीं पिटाई से निढाल होने के बाद अभियुक्त ने अपने भाई के सिर को कई बार दीवार पर मारा। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद अभियुक्त ने उसके शव पर पर पांव रखकर काफी देर तक बीड़ी भी पी। अभियोजन पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि वर्ष 2002 में साधु की हत्या के मामले में अभियुक्त आजीवन कारावास की सजा के तहत 14 साल की सजा भुगत चुका है। वहीं जेल से आने के बाद उसने पड़ोस में रहने वालों पर जानलेवा हमला भी किया। जिसमें उसे 7 साल की सजा हो चुकी है। वहीं वर्तमान में अभियुक्त के खिलाफ मारपीट के छह अन्य मामले भी चल रहे हैं। ऐसे में यदि उसे जीवित छोड़ा गया तो वह अन्य लोगों की भी हत्या कर सकता है। मामले में पड़ोसी गोकुल चंद गुर्जर की रिपोर्ट पर पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार किया था।


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