जयपुर. राजकीय जयपुरिया अस्पताल में स्थानीय विरोध के बावजूद भी भर्ती किए गए कोरोना संदिग्ध मरीजों के मामले में विरोध और तेज हो गया है. स्थानीय भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने अस्पताल में भर्ती कुछ संदिग्ध मरीजों के दूर से लिए गए फोटो जारी करते हुए सरकार पर दिशाहीन और विवेकपूर्ण फैसले लेने का आरोप लगाया है और यह भी कहा कि इन फैसलों से पूरे शहर के रेड जोन में बदलने का खतरा मंडराने लगा है.
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कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया कि पहले प्रशासनिक ढिलाई के कारण कोरोना संदिग्ध रामगंज इलाके से पूरे शहर में घूमते रहे, जिससे अन्य स्थानों पर भी कोरोना के मामले सामने आने लगे और जयपुर शहर देश के टॉप कोरोना संक्रमित शहरों में शामिल हो गया, लेकिन सरकार ने अब तक अपनी गलतियों से सबक नहीं सीखा है. सराफ ने कहा कि जयपुरिया अस्पताल में कोरोना संदिग्ध संक्रमितों के इलाज को लेकर क्षेत्र के नागरिकों और विकास समितियों ने चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखे थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है.
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उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में करीब 37 संदिग्ध मरीजों को उपचार के लिए लाया गया है, लेकिन अस्पताल में सुरक्षा और अन्य समुचित व्यवस्था ना होने के चलते यह मरीज परिसर में खुले घूम रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से ना तो कोई पाबंदी है और ना ही सख्ती. कालीचरण सराफ ने कहा कि इससे आस-पास के हालात ऐसे हो गए हैं कि लोग इलाज के लिए आना तो दूर हॉस्पिटल के पास से भी निकलने में डरने लगे हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन के अमानवीय फैसले ने यहां के लोगों का जीवन अंधकारमय कर दिया है. साथ ही कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य विभाग के इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की.