जयपुर. पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने महामारी के दौर में लचर सिस्टम के कारण हो रही मरीजों की मौत को हत्या करार दिया है. साथ ही राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि सिस्टम की खामियों से हुई मौतों को सिर्फ आंकड़ा न समझें बल्कि कोरोना काल में लोंगों की जान के दुश्मन बने, ऐसे कालाबाजारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए.
सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान के सबसे बड़े कोविड सेंटर आरयूएचएस में शुक्रवार को एक मिनट के लिए ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से तीन मरीजों की मौत हो गई, यदि सप्लाई दो मिनट और बंद रहती तो 30 और मरीजों की मौत हो सकती थी.
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डॉक्टर्स ने तीनों मरीजों की हालत क्रिटिकल बताकर मृत घोषित करके आगे की कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन हकीकत यह है किऑक्सीजन टैंकर चालक की जल्दबाजी और प्लांट इंचार्ज की लापरवाही से सप्लाई बाधित हुई थी, जिसके चलते मरीजों की जान गई. लोगों के दर्द से बेपरवाह प्रदेश की संवेदनहीन सरकार के लिए आंकड़ें में यह तीन मौतें और जुड़ गई.
सराफ ने कहा कि कोरोना काल में कालाबाजारियों, नकली दवा विक्रताओं, ऑक्सीजन ब्लेकियों और कर्मचारियों की लापरवाही से अनेक परिवार उजड़ गए हैं, लेकिन राज्य सरकार कोई ठोस कार्रवाई करने के बजाय सिर्फ खानापूर्ति के लिए सामान्य मामला दर्ज कर रही है, जिसमें यदि हुई तो कुछ महीनों की सजा होगी.
सराफ ने कहा कि मानवता पर आई सबसे बड़ी विपदा के दौर में लोंगों को लूट रहे अस्पताल और कालाबाजारी तो इंसानियत के दुश्मन बने हुए हैं ही, लेकिन सरकारी सिस्टम में बैठे जिम्मेदार लोंगों की मानवीय सम्वेदनाएं भी मर चुकी हैं. पंगु सिस्टम के कारण ही प्रदेश में कालाबाजारियों और ब्लेकियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि उन पर कोई कार्यवाही नहीं होगी.
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सराफ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कालाबाजारियों, नकली दवा और इंजेक्शन बेचने वालों के विरुद्ध सरकार ने रासुका लगाने का निर्णय लिया है और एमपी में ऐसे लोगों के मकान तोडे जाएंगे, सम्पति जब्त होगी और हत्या का केस दर्ज होगा. सराफ ने मांग करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार को भी यूपी और एमपी की तरह कोरोना संकटकाल में मानवता के दुश्मन बने कालाबाजारियों, ब्लेकियों और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि लापरवाही से हो रही मौतों को रोका जा सके.