जयपुर. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर की ओर से विकास कार्यों का शिलान्यास के नाम पर भीड़ जुटाने के मामले में सियासत भड़क गई है. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने इस मामले में खाचरियावास और मुनेश गुर्जर के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं, मौजूदा परिस्थितियों में शराब की दुकानें खोले जाने पर विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल उठाए हैं.
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कालीचरण सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ तो 3 मई तक के लिए जन अनुशासन पखवाड़ा चलाने के निर्देश देते हैं और कोरोना वायरस के लिए कई तरह की पाबंदियां भी लगाते हैं. लेकिन उनके ही मंत्री और महापौर खुलेआम इसकी धज्जियां उड़ाते हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाकर कार्रवाई कराए.
क्या शराब को मुख्यमंत्री मानते हैं अति आवश्यक सेवा...
वहीं, मौजूदा समय में जब जन अनुशासन पखवाड़ा के नाम पर प्रदेश में अति आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकान और प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन शराब की दुकानें खोली जा रही है. इस पर विधायक कालीचरण सराफ ने सवाल उठाए हैं.
कालीचरण ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि क्या प्रदेश सरकार अति आवश्यक सेवाओं में शराब की दुकानों को भी शामिल मानती है. इस पर मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से जवाब देना चाहिए. भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को आमजन की चिंता नहीं है बल्कि शराब के ठेकेदारों की और सरकार के राजस्व की चिंता है. यही कारण है कि महामारी के इस दौर में जब शराब की दुकानों पर लोगों की भीड़ जुट रही है तब भी सरकार की आंखें नहीं खुल रही.