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JNU प्रोफेसर जोया हसन के बोल से नाराज भाजपा विधायकों ने सदन का किया बहिष्कार

राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडलीय संसदीय संघ की ओर से आयोजित सेमिनार में जेएनयू प्रोफेसर डॉक्टर जोया हसन के संबोधन में केंद्र सरकार के खिलाफ किये गए कटाक्ष से नाराज भाजपा विधायकों ने कार्यक्रम बीच में ही छोड़ बहिष्कार किया. आलम ये रहा कि कार्यक्रम के दौरान मंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया तक कुर्सी छोड़ मंच से उतर गए.

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Published : Aug 1, 2019, 8:40 PM IST

जयपुर. सीपीए के जिस सेमिनार का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया और उसमें पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी विधायक शामिल हुए थे, लेकिन कार्यक्रम समापन सत्र तक विवादों में आ गया. विवाद शुरू हुआ जेएनयू प्रोफेसर डॉ. जोया हसन उस बयान से जिसमें राजनीतिक विचारधाराओं का जिक्र करते-करते उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया. जोया ने कहा कि भारत वर्तमान में हिंदुओं की ओर बढ़ रहा है और साल 2019 के चुनाव में भी राइट विंग फिनोमिना दिखा. जोया यहीं नहीं रुकीं, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों के हितों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता.

भाजपा विधायकों ने सदन का किया बहिष्कार

जोया ने कहा कि पिछले दिनों शहरों और सड़कों के नाम भी तेजी से बदले गए, जिसका मकसद मुस्लिम इतिहास को इरेज करने का ही रहा. जोया ने कहा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले एंटी नेशनल कहे जाने लगे हैं और वेलफेयर स्कीम के अधिक प्रचार इस प्रकार किया गया ये सब सरकार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री दे रहे हैं. जोया के संबोधन के दौरान मंच पर स्पीकर सीपी जोशी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी बैठे थे, लेकिन जैसे ही सदन में मौजूद उप नेता राजेंद्र राठौड़, विधायक सतीश पूनिया और संजय शर्मा ने इसका विरोध किया तो स्पीकर ने भी उन्हें शांत करने की हिदायत देकर दो टूक कह दिया कि जिसे बाहर जाना हो वह जा सकता है. बोलने का अधिकार सबका है, उसे सुनें आप, लेकिन आत्मसात करना यहा नहीं करना आपका निर्णय है.

पढ़ें: पहाड़ी पर निर्माणाधीन मकान का मलबा दूसरे मकान पर गिरा, दबने से 3 की मौत

स्पीकर का दो टूक जवाब मिलने के बाद मंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और उन्होंने सदन में मौजूद बीजेपी के तमाम विधायकों से कार्यक्रम का बहिष्कार करने का इशारा कर खुद भी सदन से बाहर उठ कर चले गए. हालांकि, भाजपा विधायकों के कार्यक्रम के बहिष्कार करने के बाद मंच पर मौजूद स्पीकर सीपी जोशी ने अन्य अतिथियों से इसके लिए क्षमा मांगी, लेकिन जिस मकसद को लेकर यह कार्यक्रम किया गया था उसमें आयोजक सफल नहीं हो पाए.

जयपुर. सीपीए के जिस सेमिनार का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया और उसमें पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी विधायक शामिल हुए थे, लेकिन कार्यक्रम समापन सत्र तक विवादों में आ गया. विवाद शुरू हुआ जेएनयू प्रोफेसर डॉ. जोया हसन उस बयान से जिसमें राजनीतिक विचारधाराओं का जिक्र करते-करते उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया. जोया ने कहा कि भारत वर्तमान में हिंदुओं की ओर बढ़ रहा है और साल 2019 के चुनाव में भी राइट विंग फिनोमिना दिखा. जोया यहीं नहीं रुकीं, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों के हितों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता.

भाजपा विधायकों ने सदन का किया बहिष्कार

जोया ने कहा कि पिछले दिनों शहरों और सड़कों के नाम भी तेजी से बदले गए, जिसका मकसद मुस्लिम इतिहास को इरेज करने का ही रहा. जोया ने कहा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले एंटी नेशनल कहे जाने लगे हैं और वेलफेयर स्कीम के अधिक प्रचार इस प्रकार किया गया ये सब सरकार नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री दे रहे हैं. जोया के संबोधन के दौरान मंच पर स्पीकर सीपी जोशी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया भी बैठे थे, लेकिन जैसे ही सदन में मौजूद उप नेता राजेंद्र राठौड़, विधायक सतीश पूनिया और संजय शर्मा ने इसका विरोध किया तो स्पीकर ने भी उन्हें शांत करने की हिदायत देकर दो टूक कह दिया कि जिसे बाहर जाना हो वह जा सकता है. बोलने का अधिकार सबका है, उसे सुनें आप, लेकिन आत्मसात करना यहा नहीं करना आपका निर्णय है.

पढ़ें: पहाड़ी पर निर्माणाधीन मकान का मलबा दूसरे मकान पर गिरा, दबने से 3 की मौत

स्पीकर का दो टूक जवाब मिलने के बाद मंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और उन्होंने सदन में मौजूद बीजेपी के तमाम विधायकों से कार्यक्रम का बहिष्कार करने का इशारा कर खुद भी सदन से बाहर उठ कर चले गए. हालांकि, भाजपा विधायकों के कार्यक्रम के बहिष्कार करने के बाद मंच पर मौजूद स्पीकर सीपी जोशी ने अन्य अतिथियों से इसके लिए क्षमा मांगी, लेकिन जिस मकसद को लेकर यह कार्यक्रम किया गया था उसमें आयोजक सफल नहीं हो पाए.

Intro:जेएनयू प्रोफेसर डॉ जोया हसन के बोल भाजपा विधायकों को गुजरे ना गवार
सीपीए की कॉन्फ्रेंस बीच में ही संस्कार कर चले गए भाजपा विधायक
स्पीकर सीपी जोशी ने अतिथियों से मांगी माफी, कहा- हर विचारधारा सुनना और समझना जरूरी

जयपुर (इंट्रो)

राजस्थान विधानसभा में राष्ट्रमंडलीय संसदीय संघ की ओर से आयोजित सेमिनार में जेएनयू प्रोफेसर डॉक्टर जोया हसन के संबोधन में केंद्र सरकार के खिलाफ़ किये गए कटाक्ष से नाराज भाजपा विधायकों ने कार्यक्रम बीच में ही छोड़ बहिष्कार किया।
आलम ये रहा कि कार्यक्रम के दौरान मंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया तक कुर्सी छोड़ मंच से उतर गए।

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गुरुवार सुबह सीपीए के जिस सेमिनार का शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने किया और उसमें पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी विधायक शामिल हुए थे लेकिन कार्यक्रम शाम को समापन सत्र तक विवादों में आ गया। विवाद शुरू हुआ जेएनयू प्रोफेसर डॉ जोया हसन उस बयान से जिसमें राजनीतिक विचारधाराओं का जिक्र करते करते हैं केंद्र की मोदी सरकार पर ही सवालिया निशान खड़े कर दिए। जोया ने कहा भारत वर्तमान में हिंदुओं की ओर बढ़ रहा है और साल 2019 के चुनाव में भी राइट विंग फिनोमिना दिखा। जोया यहीं नहीं रुकी बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों के हितों पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाता। जोया ने कहा पिछले दिनों शहरों और सड़कों के नाम भी तेजी से बदले गए जिसका मकसद मुस्लिम इतिहास को इरेज करने का ही रहा। जोया ने कहा कि सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले एंटी नेशनल कहे जाने लगे हैं और वेलफेयर स्कीम के अधिक प्रचार इस प्रकार किया गया किसकी सरकार नहीं बल्कि प्रधानमंत्री दे रहे हैं।

बाईट-डॉ जोया हसन

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जोया के संबोधन के दौरान मंच पर स्पीकर सीपी जोशी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया भी बैठे थे लेकिन जैसे ही सदन में मौजूद उप नेता राजेंद्र राठौड़ विधायक सतीश पूनिया और संजय शर्मा ने इसका विरोध किया तो स्पीकर ने भी उन्हें शांत करने की हिदायत देकर दो टूक कह दिया कि जिसे बाहर जाना हो वह जा सकता है बोलने का अधिकार सबका है उसे सुनने आप लेकिन आत्मसात करना नहीं करना आपका निर्णय है।

विसुअल्स बाईट-राजेन्द्र राठौड़ एंड सीपी जोशी

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स्पीकर का दो टूक जवाब मिलने के बाद मंच पर बैठे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपनी कुर्सी से खड़े हो गए और उन्होंने सदन में मौजूद बीजेपी के तमाम विधायकों से कार्यक्रम का बहिष्कार करने का इशारा करा और खुद भी सदन से बाहर उठ कर चले गए। हालांकि भाजपा विधायकों के कार्यक्रम के बहिष्कार करने के बाद मंच पर मौजूद स्पीकर सीपी जोशी ने अन्य अतिथियों से इसके लिए क्षमा मांगी लेकिन जिस मकसद को लेकर यह कार्यक्रम किया गया था उसमें आयोजक सफल नहीं हो पाए।

(edited vo pkg-bjp walk out)




Body:(edited vo pkg-bjp walk out)

नोट- इस खबर का एडिटेड vo पैकेज कुछ देर में डाल रहा हूं)


Conclusion:
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