जयपुर. प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग एक मुख्य विभाग है. राज्य सरकार की ओर से राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए परिवहन विभाग को पांचवें नंबर का दर्जा भी दिया है. परिवहन विभाग को इस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत 6000 करोड़ का राजस्व लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन विभाग इस बार भी अपना वित्तीय वर्ष का राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा. क्योंकि मार्च का महीना खत्म होने जा रहा है और विभाग अभी भी 4000 करोड़ के आसपास ही राजस्व हासिल कर पाया है. वहीं राजस्व लक्ष्य हासिल करने के लिए परिवहन आयुक्त रवि जैन की ओर से लगातार अधिकारियों और कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं. वही जयपुर आरटीओ रिजन के एक निरीक्षक की ओर से शुक्रवार को जयपुर की सड़क पर एक नंबर की चल रही दो गाड़ियों को भी जब्त किया है.
बता दें कि झालाना आरटीओ ऑफिस के लाइसेंस हॉल के पास लंबे समय से rj 14 tb 6116 नंबर की इनोवा कार खड़ी हुई थी, लेकिन आज एक निरीक्षक की ओर से इसी नंबर की सड़क पर दूसरी टेंपो ट्रैवलर गाड़ी को चलते देख उन्होंने इसके ऊपर कार्रवाई भी की है. बता दें कि इनोवा गाड़ी के ऊपर भारत सरकार भी लिखा हुआ है और यह गाड़ी काफी लंबे समय से झालाना आरटीओ कार्यालय में खड़ी हुई है.
इस गाड़ी का करीबन 1 साल का टैक्स भी जमा नहीं था, लेकिन सड़क पर इसी नंबर से एक दूसरी ट्रेवलर गाड़ी भी संचालित हो रही थी. ऐसे में आज जयपुर आरटीओ रीजन के एक निरीक्षक की ओर से ट्रैवलर गाड़ी को सीज भी किया गया. जब इस गाड़ी की जानकारी ली गई, तो एक दूसरी गाड़ी पर भी सेम नंबर होने की बात सामने आई और निरीक्षक के द्वारा दोनों गाड़ियों को जब्त कर उनके टैक्स के बारे में जानकारी ली गई. जिसके बाद इनोवा गाड़ी से करीब 96,000 और ट्रैवलर गाड़ी से 1,37,000 टैक्स जमा किया गया.
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बता दें कि जबकि ट्रैवलर गाड़ी का नंबर rj 14 td8951 था, लेकिन यह ट्रैवलर वाला दूसरी गाड़ी का नंबर अपनी गाड़ी पर लगाकर राजधानी में गाड़ी संचालित कर रहा था. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि, ना जानें राजधानी जयपुर सहित प्रदेश भर के अंतर्गत ऐसी कितनी गाड़ियां संचालित हो रही है. क्या परिवहन विभाग और गाड़ियों को चेक कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई करेगा या नहीं.