ETV Bharat / city

Special : गरीब, बेसहारा और जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रही जयपुर की जनता रसोई

जयपुर के कानोता में राजस्थान की सबसे बड़ी रसोई स्थापित है. जो लॉकडाउन में करीब 25 हजार से अधिक लोगों को खाना खिला रही है. ये रसोई सिर्फ इंसानों का ही नहीं जानवरों और पक्षियों का भी पेट भर रही है.

Janta Rasoi of Jaipur  कोरोना वायरस
जनता रसोई हजारों का भर रही पेट
author img

By

Published : May 13, 2020, 9:41 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है. जिसके कारण देश में लॉकडाउन है. ऐसे में गरीब, बेसहारा, दिहाड़ी मजदूर के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है लेकिन इस वैश्विक महामारी में समाजसेवी, सरकार इस प्रयास में लगे हैं कि किसी को इस संकट के दौरान भूखा न सोना पड़े. इसी क्रम में जयपुर के कानोता में राजस्थान की सबसे बड़ी रसोई संचालित हो रही है, जहां से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक लोगों का खाना बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है.

जनता रसोई हजारों का भर रही पेट

इस जनता रसोई के संचालन में जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ मदद कर रहे हैं. रसोई में सुबह 5 बजे से खाना बनना शुरू हो जाता है, जो शाम 5 बजे तक चलता है. रसोई से हर रोज लगभग 25,000 भोजन के पैकेट बनाए जाते हैं, जो जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं. इस रसोई का एक ही मकसद है कि इस लॉकडाउन में किसी को खाली पेट न सोना पड़े.

Janta Rasoi of Jaipur  कोरोना वायरस
सुबह पांच बचे से ही बनने लगता है खाना

150 से अधिक लोगों को मिला रोजगार

प्रदेश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, तब से ये जनता रसोई निरंतर जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रही है. हीरावाला रीको इंडस्ट्रियल एरिया के महासचिव और समाजसेवी रींकू अग्रवाल बताते हैं कि भामाशाह के सहयोग से जनता रसोई 50 दिनों से अधिक समय से लगातार चल रही है. इस रसोई के जरिए गरीब जरूरतमंद, बेसहारा, मजदूर लोगों को भोजन तो मिल ही रहा है, उसके साथ ही रसोई ने लोगों को रोजगार मुहैया कराया है. इस रसोई से जुड़े सभी काम में लगभग 150 से भी ज्यादा लोग लगे हैं, जो भोजन बनाने से पैकेट बनाकर बांटने का काम करते हैं.

Janta Rasoi of Jaipur  कोरोना वायरस
कोविड-19 से बचाव की होती है पालना

रसोई में लॉकडाउन और कोविड-19 से बचाव की पालना

वहीं समाजसेवी राघव भल्ला बताते हैं कि यहां पर तैयार होने वाला भोजन जिला प्रशासन और पुलिस के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक तो पहुंचता ही है. साथ ही बेजुबान पशु-पक्षियों को भी हर दिन दाने और चारे भी उपलब्ध कराया जाता है. वहीं खाना बनाने से लेकर बांटने तक कोविड-19 से बचाव का पूरा ख्याल रखा जाता है. वहीं खाना बनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: कोरोना काल में खड़ी हुई बेरोजगारों की फौज, युवाओं ने अपनाया आंदोलन का 'ऑनलाइन' जरिया

जनता रसोई के काम को लेकर फिजिकल ट्रेनर निखिल शर्मा बताते हैं कि इसके माध्यम से हर रोज जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने में हीरावाला रीको इंडस्ट्रियल एरिया पूरी तरीके से बहुत कारगर साबित हो रहा है. इसके जरिए न केवल लोगों की भूख मिट रही है बल्कि कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहे हैं. संकट की घड़ी में जयपुर की ये जनता रसोई बेसहारा, गरीब, मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही है.

जयपुर. कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत को भी अपनी चपेट में ले लिया है. जिसके कारण देश में लॉकडाउन है. ऐसे में गरीब, बेसहारा, दिहाड़ी मजदूर के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है लेकिन इस वैश्विक महामारी में समाजसेवी, सरकार इस प्रयास में लगे हैं कि किसी को इस संकट के दौरान भूखा न सोना पड़े. इसी क्रम में जयपुर के कानोता में राजस्थान की सबसे बड़ी रसोई संचालित हो रही है, जहां से प्रतिदिन 25 हजार से अधिक लोगों का खाना बनाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाता है.

जनता रसोई हजारों का भर रही पेट

इस जनता रसोई के संचालन में जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ मदद कर रहे हैं. रसोई में सुबह 5 बजे से खाना बनना शुरू हो जाता है, जो शाम 5 बजे तक चलता है. रसोई से हर रोज लगभग 25,000 भोजन के पैकेट बनाए जाते हैं, जो जयपुर जिला कलेक्टर, जयपुर पूर्व के सभी थानों और बस्सी उपखंड प्रशासन समेत कई एनजीओ के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाए जा रहे हैं. इस रसोई का एक ही मकसद है कि इस लॉकडाउन में किसी को खाली पेट न सोना पड़े.

Janta Rasoi of Jaipur  कोरोना वायरस
सुबह पांच बचे से ही बनने लगता है खाना

150 से अधिक लोगों को मिला रोजगार

प्रदेश में जब से लॉकडाउन लागू हुआ है, तब से ये जनता रसोई निरंतर जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रही है. हीरावाला रीको इंडस्ट्रियल एरिया के महासचिव और समाजसेवी रींकू अग्रवाल बताते हैं कि भामाशाह के सहयोग से जनता रसोई 50 दिनों से अधिक समय से लगातार चल रही है. इस रसोई के जरिए गरीब जरूरतमंद, बेसहारा, मजदूर लोगों को भोजन तो मिल ही रहा है, उसके साथ ही रसोई ने लोगों को रोजगार मुहैया कराया है. इस रसोई से जुड़े सभी काम में लगभग 150 से भी ज्यादा लोग लगे हैं, जो भोजन बनाने से पैकेट बनाकर बांटने का काम करते हैं.

Janta Rasoi of Jaipur  कोरोना वायरस
कोविड-19 से बचाव की होती है पालना

रसोई में लॉकडाउन और कोविड-19 से बचाव की पालना

वहीं समाजसेवी राघव भल्ला बताते हैं कि यहां पर तैयार होने वाला भोजन जिला प्रशासन और पुलिस के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक तो पहुंचता ही है. साथ ही बेजुबान पशु-पक्षियों को भी हर दिन दाने और चारे भी उपलब्ध कराया जाता है. वहीं खाना बनाने से लेकर बांटने तक कोविड-19 से बचाव का पूरा ख्याल रखा जाता है. वहीं खाना बनाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: कोरोना काल में खड़ी हुई बेरोजगारों की फौज, युवाओं ने अपनाया आंदोलन का 'ऑनलाइन' जरिया

जनता रसोई के काम को लेकर फिजिकल ट्रेनर निखिल शर्मा बताते हैं कि इसके माध्यम से हर रोज जरूरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाने में हीरावाला रीको इंडस्ट्रियल एरिया पूरी तरीके से बहुत कारगर साबित हो रहा है. इसके जरिए न केवल लोगों की भूख मिट रही है बल्कि कई लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहे हैं. संकट की घड़ी में जयपुर की ये जनता रसोई बेसहारा, गरीब, मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.