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जयपुर: कोरोना काल में फीकी पड़ी जन्माष्टमी, 303 साल बाद नहीं निकलेगी शोभायात्रा

गोविंद की नगरी श्री राधा गोविंद देवजी मंदिर में इस साल कोरोना वायरस की वजह से जन्माष्टमी और नंदोत्सव का रंग फीका पड़ गया है. 303 सालों के इतिहास में पहली बार ठाकुरजी की शोभा यात्रा नहीं निकाली जाएगी.

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जन्माष्टमी व नंदोत्सव पर भी कोरोना का साया
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Published : Aug 9, 2020, 4:54 PM IST

जयपुर. श्री राधा गोविंद देवजी मंदिर में नगरवासी इस बार अपने आराध्य ठाकुरजी के जन्म का उत्सव उनके दरबार में नहीं मना पाएंगे. 12 अगस्त को जन्माष्टमी और 13 अगस्त को नंदोत्सव हैं, लेकिन नंदगोपाल के इन दोनों ही उत्सवों में गोविंद के भक्तों का कोरोना महामारी के चलते मंदिर में प्रवेश निषेध रहेगा.

कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन निरंतर हर साल भगवान के जन्माभिषेक, फिर दूसरे दिन की मंगला आरती के लिए गोविंद के दरबार में लाखों भक्तों का रेला उमड़ता है. ऐसा लगता है कि मानो पूरी छोटी काशी ही आने आराध्य की एक झलक पाकर निहाल होना चाह रही हो. लेकिन इस बार 303 साल बाद पहली बार ऐसा होगा, जब गोविंद की नगरी में जन्मोत्सव नहीं मन पाएगा.

जन्माष्टमी व नंदोत्सव पर भी कोरोना का साया

यह भी पढ़ें : झालावाड़: 3 रेजिडेंट और 2 अपराधियों सहित 23 कोरोना पॉजिटिव, कुल संख्या हुई 765

हर साल जनमाष्टमी पर गोविंद के भक्त उनके दर्शनों के लिए बावरे से हो जाते हैं, नंदोत्सव में तो गोविंद भक्ति का ऐसा ज्वार उमड़ता है कि अपने आराध्य के दरबार में भक्त खुशी झूम रहे होते हैं, लेकिन ऐसा मनमोहक दृश्य इस बार नहीं दिखेगा. हालांकि मंदिर प्रबंधन की ओर से सभी कार्यक्रम तो आयोजित होंगे, लेकिन उसमें सिर्फ मंदिर सेवादार ही सम्मलित होंगे.

जबकि भक्त मंदिर की वेबसाइट पर जाकर ठाकुरजी के ऑनलाइन दर्शन करेंगे. कोरोना महामारी के कारण सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार मंदिर 31 अगस्त तक बंद है. ऐसे में 12 अगस्त को जन्माष्टमी व 13 अगस्त को नंदोत्सव के दिन मंदिर में भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा.

जयपुर. श्री राधा गोविंद देवजी मंदिर में नगरवासी इस बार अपने आराध्य ठाकुरजी के जन्म का उत्सव उनके दरबार में नहीं मना पाएंगे. 12 अगस्त को जन्माष्टमी और 13 अगस्त को नंदोत्सव हैं, लेकिन नंदगोपाल के इन दोनों ही उत्सवों में गोविंद के भक्तों का कोरोना महामारी के चलते मंदिर में प्रवेश निषेध रहेगा.

कृष्ण के जन्मोत्सव के दिन निरंतर हर साल भगवान के जन्माभिषेक, फिर दूसरे दिन की मंगला आरती के लिए गोविंद के दरबार में लाखों भक्तों का रेला उमड़ता है. ऐसा लगता है कि मानो पूरी छोटी काशी ही आने आराध्य की एक झलक पाकर निहाल होना चाह रही हो. लेकिन इस बार 303 साल बाद पहली बार ऐसा होगा, जब गोविंद की नगरी में जन्मोत्सव नहीं मन पाएगा.

जन्माष्टमी व नंदोत्सव पर भी कोरोना का साया

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हर साल जनमाष्टमी पर गोविंद के भक्त उनके दर्शनों के लिए बावरे से हो जाते हैं, नंदोत्सव में तो गोविंद भक्ति का ऐसा ज्वार उमड़ता है कि अपने आराध्य के दरबार में भक्त खुशी झूम रहे होते हैं, लेकिन ऐसा मनमोहक दृश्य इस बार नहीं दिखेगा. हालांकि मंदिर प्रबंधन की ओर से सभी कार्यक्रम तो आयोजित होंगे, लेकिन उसमें सिर्फ मंदिर सेवादार ही सम्मलित होंगे.

जबकि भक्त मंदिर की वेबसाइट पर जाकर ठाकुरजी के ऑनलाइन दर्शन करेंगे. कोरोना महामारी के कारण सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार मंदिर 31 अगस्त तक बंद है. ऐसे में 12 अगस्त को जन्माष्टमी व 13 अगस्त को नंदोत्सव के दिन मंदिर में भक्तों का प्रवेश निषेध रहेगा.

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