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जयपुरः स्कूल ऑफ आर्ट्स में विद्यार्थियों का प्रदर्शन, काली पट्टे बांधकर धरने पर बैठे - धरना प्रदर्शन

जयपुर में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों का गुस्सा एक बार फिर फुट गया है. इस बार भी विद्यार्थी वर्ग कला और धरने के माध्यम से प्रशासन की आंखे खोलने में लगे है. विद्यार्थियों के साथ फाइन आर्ट्स से जुड़े शिक्षक भी काली पट्टी बांधकर धरने पर बैठे है.

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स्कूल ऑफ आर्ट्स में विद्यार्थियों का काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन
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Published : Nov 26, 2019, 8:10 PM IST

जयपुर. राजधानी में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों का गुस्सा एक बार फिर फुट गया है. बता दें कि विद्यार्थी और फाइन आर्ट्स से जुड़े शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया. उधर, इस मामले पर प्रिंसिपल ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की फाइन आर्ट्स फैकल्टी भर्ती की जो मांग है. उसको लेकर आयुक्तालय को पत्र लिख दिया गया है और अब समझ नहीं आ रहा है कि विद्यार्थी विरोध किस बात का कर रहे है.

स्कूल ऑफ आर्ट्स में विद्यार्थियों का काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन

बता दें की चार महीने पहले भी विद्यार्थियों ने लगातार धरना प्रदर्शन कर अयोग्य शिक्षकों और प्रिंसिपल को हटाने की मांग की थी. जिसके बाद कॉलेज आयुक्तालय ने शिक्षकों और प्रिंसिपल को स्कूल ऑफ आर्ट से बिना कोई ट्रांसफर आर्डर के रिलीव तो कर दिया था लेकिन, उनको आयुक्तलय में जॉइन करवा दिया. जिससे प्रिंसिपल हाई कोर्ट से स्टे लेकर आ गई. वहीं अब विद्यार्थियों को ये चिंता सताने लगी है कि अयोग्य शिक्षक भी कोर्ट से स्टे लेकर वापस जॉइन ना कर ले.

पढ़ेंः प्रवासी राजस्थानियों और प्रदेश के बीच सेतू बने 'राजस्थान फाउण्डेशन' : गहलोत

विद्यार्थियों ने मांग की है कि पहले ट्रांसफर किए गए छह शिक्षकों का जल्द ट्रांसफर आर्डर निकाले साथ ही नए शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके. वहीं काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा शिक्षकों पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही शिक्षकों पर ये आरोप लगाए जा रहे है कि भर्ती में शिक्षक ही अड़चन डाल रहे है.

जयपुर. राजधानी में राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों का गुस्सा एक बार फिर फुट गया है. बता दें कि विद्यार्थी और फाइन आर्ट्स से जुड़े शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर धरना प्रदर्शन किया. उधर, इस मामले पर प्रिंसिपल ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की फाइन आर्ट्स फैकल्टी भर्ती की जो मांग है. उसको लेकर आयुक्तालय को पत्र लिख दिया गया है और अब समझ नहीं आ रहा है कि विद्यार्थी विरोध किस बात का कर रहे है.

स्कूल ऑफ आर्ट्स में विद्यार्थियों का काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन

बता दें की चार महीने पहले भी विद्यार्थियों ने लगातार धरना प्रदर्शन कर अयोग्य शिक्षकों और प्रिंसिपल को हटाने की मांग की थी. जिसके बाद कॉलेज आयुक्तालय ने शिक्षकों और प्रिंसिपल को स्कूल ऑफ आर्ट से बिना कोई ट्रांसफर आर्डर के रिलीव तो कर दिया था लेकिन, उनको आयुक्तलय में जॉइन करवा दिया. जिससे प्रिंसिपल हाई कोर्ट से स्टे लेकर आ गई. वहीं अब विद्यार्थियों को ये चिंता सताने लगी है कि अयोग्य शिक्षक भी कोर्ट से स्टे लेकर वापस जॉइन ना कर ले.

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विद्यार्थियों ने मांग की है कि पहले ट्रांसफर किए गए छह शिक्षकों का जल्द ट्रांसफर आर्डर निकाले साथ ही नए शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके. वहीं काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा शिक्षकों पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही शिक्षकों पर ये आरोप लगाए जा रहे है कि भर्ती में शिक्षक ही अड़चन डाल रहे है.

Intro:जयपुर- राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट्स के विद्यार्थियों का गुस्सा एक बार फिर फुट गया है। इस बार भी विद्यार्थी वर्ग कला और धरने के माध्यम से प्रशासन की आंखे खोलने में लगे है। विद्यार्थियों के साथ फाइन आर्ट्स से जुड़े शिक्षक भी काली पट्टी बांधकर धरने पर बैठे है। विद्यार्थियों ने मांग की है कि पहले ट्रांसफर किए गए छह शिक्षकों का जल्द ट्रांसफर आर्डर निकाले साथ ही नए शिक्षकों की भर्ती की जाए ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। वही काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे शिक्षकों का कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा शिक्षकों पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही शिक्षकों पर ये आरोप लगाए जा रहे है कि भर्ती में शिक्षक ही अड़चन डाल रहे है।


Body:उधर, इस मामले पर प्रिंसिपल ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों की फाइन आर्ट्स फैकल्टी भर्ती की जो मांग है उसको लेकर आयुक्तालय को पत्र लिख दिया गया है और अब समझ नहीं आ रहा है कि विद्यार्थी विरोध किस बात का कर रहे है।

आपको बता दे, चार महीने पहले भी विद्यार्थियों ने लगातार धरना प्रदर्शन कर अयोग्य शिक्षकों और प्रिंसिपल को हटाने की मांग की थी, जिसके बाद कॉलेज आयुक्तालय ने शिक्षकों और प्रिंसिपल को स्कूल ऑफ आर्ट से बिना कोई ट्रांसफर आर्डर के रिलीव तो कर दिया था लेकिन उनको आयुक्तलय में जॉइन करवा दिया जिससे प्रिंसिपल हाई कोर्ट से स्टे लेकर आ गयी। वही अब विद्यार्थियों को ये चिंता सताने लगी है कि अयोग्य शिक्षक भी कोर्ट से स्टे लेकर वापस जॉइन ना कर ले।

बाईट- स्टूडेंट
बाईट- शिक्षक
बाईट- आशा भगोटिया, प्रिंसिपल


Conclusion:
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