जयपुर. प्रदेश भर में राज्य कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से आंदोलन की राह पर आ गए. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के आह्वान पर सरकार की नीतियों से आक्रोशित राज्य कर्मचारियों ने 33 जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर विरोध दिवस मनाया. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम जयपुर जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा गया.
कर्मचारियों के विरोध दिवस के कारण प्रदेशभर के ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, पशु चिकित्सक, कृषि पर्वक्षक अवकाश पर रहे. जिसकी वजह से कई विभागों में फाइलें भी इधर से उधर नहीं हो पाई. कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जुलूस के रूप में धरना स्थल पर पहुंचे. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेश महामंत्री तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले कर्मचारियों से कई वादे किए थे. लेकिन अभी तक एक भी वादे पूरे नहीं किए गए. जिनमें वेतन कटौती को रोकने और संविदा कर्मियों को नियमित करने की मांग प्रमुख थी.
तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि कर्मचारियों को पदोन्नति का वेतनमान भी नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों का दमन चालू कर दिया. सरकार को जगाने के लिए धरना दिया जा रहा है. राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार समय रहते कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान दे, नहीं तो 15 मार्च को महासंघ के विभिन्न संगठनों की संयुक्त बैठक में बड़ा आंदोलन करने की रणनीति तैयार की जाएगी. इसेक साथ ही कर्मचारियों ने कहा कि शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कर्मचारी सरकार की समस्त योजनाओं को ठप कर देगे. वहीं इस धरने में 82 संगठनों के हजारों कर्मचारी शामिल हुए.