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जयपुर ग्रामीण पुलिस एक कदम आगे, कांस्टेबल करेंगे केसों की जांच - Jaipur Rural Police

जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा ने पहल करते हुए 78 पुलिस कांस्टेबलों को एएसआई के समान जांच के कानूनी अधिकार के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब कांस्टेबल भी 2 साल तक की सजा वाले केसों की जांच करेंगे.

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जयपुर ग्रामीण पुलिस एक कदम आगे
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Published : Nov 22, 2020, 8:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान पुलिस में कांस्टेबलों को मामलों की जांच करने के सरकार के आदेश के बाद जयपुर ग्रामीण पुलिस ने इस ओर कदम बढ़ाया है. एसपी शंकरदत्त शर्मा ने पहल करते हुए 78 पुलिस कांस्टेबलों को एएसआई के समान जांच के कानूनी अधिकार के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब कांस्टेबल भी 2 साल तक की सजा वाले केसों की जांच करेंगे.

जयपुर ग्रामीण पुलिस एक कदम आगे

जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा ने बताया कि किसी भी केस की जांच कांस्टेबलों को देने में पेंडेंसी में कमी आएगी और एक तरफ जहां पुलिस महकमें को नफरी की कमी से जूझना पड़ रहा है तो कांस्टेबलों को जांच देने से हेड कांस्टेबलों और एएसआई पर जांच का बोझ कम होगा. बता दें कि राजस्थान पुलिस की सबसे छोटी लेकिन मजबूत इकाई कांस्टेबल है. 1 लाख की पुलिस फोर्स में 80 हजार के करीब कांस्टेबल हैं.

पढ़ेंः अपराध पर लगेगा लगाम ! राजधानी में लगे सीसीटीवी कैमरों की होगी मैपिंग

कांस्टेबल की भर्ती योग्यता 12वीं पास है, लेकिन बेरोजगारी के आलम में पिछली बैसर भर्ती हुए कांस्टेबलों में कई एलएलबी, आईटी के जानकार और उच्च शिक्षित भी हैं. वहीं, कई कांस्टेबलों की शैक्षणिक योग्यता तो पूर्व में भर्ती सब-इंस्पेक्टर-एएसआई से भी ज्यादा है. अब कांस्टेबलों को साधारण मारपीट आईपीसी 323, 341 के माइनर जैसे अन्य केसों की जांच दी ही जा रही है. लेकिन अब इससे जांच का बोझ कम होगा और मामले त्वरित रूप से निपटेंगे.

जयपुर. राजस्थान पुलिस में कांस्टेबलों को मामलों की जांच करने के सरकार के आदेश के बाद जयपुर ग्रामीण पुलिस ने इस ओर कदम बढ़ाया है. एसपी शंकरदत्त शर्मा ने पहल करते हुए 78 पुलिस कांस्टेबलों को एएसआई के समान जांच के कानूनी अधिकार के आदेश दिए हैं. जिसके बाद अब कांस्टेबल भी 2 साल तक की सजा वाले केसों की जांच करेंगे.

जयपुर ग्रामीण पुलिस एक कदम आगे

जयपुर ग्रामीण एसपी शंकरदत्त शर्मा ने बताया कि किसी भी केस की जांच कांस्टेबलों को देने में पेंडेंसी में कमी आएगी और एक तरफ जहां पुलिस महकमें को नफरी की कमी से जूझना पड़ रहा है तो कांस्टेबलों को जांच देने से हेड कांस्टेबलों और एएसआई पर जांच का बोझ कम होगा. बता दें कि राजस्थान पुलिस की सबसे छोटी लेकिन मजबूत इकाई कांस्टेबल है. 1 लाख की पुलिस फोर्स में 80 हजार के करीब कांस्टेबल हैं.

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कांस्टेबल की भर्ती योग्यता 12वीं पास है, लेकिन बेरोजगारी के आलम में पिछली बैसर भर्ती हुए कांस्टेबलों में कई एलएलबी, आईटी के जानकार और उच्च शिक्षित भी हैं. वहीं, कई कांस्टेबलों की शैक्षणिक योग्यता तो पूर्व में भर्ती सब-इंस्पेक्टर-एएसआई से भी ज्यादा है. अब कांस्टेबलों को साधारण मारपीट आईपीसी 323, 341 के माइनर जैसे अन्य केसों की जांच दी ही जा रही है. लेकिन अब इससे जांच का बोझ कम होगा और मामले त्वरित रूप से निपटेंगे.

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